Revised date 05-04-2013

ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन

“शुभ भावना से एक दो के सहयोगी बन, निर्विघ्न रहना और सबको निर्विघ्न बनाना, सदा ख़ुश रहना और सबको ख़ुश करना”

आज सर्व ख़ज़ानों के मालिक अपने ख़ज़ानों से सम्पन्न बच्चों को देख खुश हो रहे हैं और दिल से निकलता है वाह बच्चे वाह!

हर एक बच्चे के सूरत में खज़ानों के प्राप्ति की चमक चमक रही है।

मैजॉरिटी बच्चों की ख़ज़ानों से भरपूरता की चमक दिखाई दे रही है।

बापदादा एक-एक बच्चे का गुणगान कर रहे है - वाह बच्चे वाह! बोलो, वाह वाह बच्चे हो ना!

बाप ने कहा बच्चों ने किया।

बाप कहते हैं हर एक बच्चे की सूरत में, मस्तक में खज़ाने के मालिकपन की झलक दिखाई देनी चाहिए।

वह बापदादा आज हर खज़ाने के अधिकारी बच्चों को देख खुश हो रहे हैं और क्या गीत गा रहे हैं?

वाह बच्चे वाह! जैसे आज हर एक के सूरत में खज़ाने से भरपूरता की झलक है ऐसे ही सदा रहो।

कोई भी देखे तो आपकी शक्ल बोले, आपको बोलने की आवश्यकता नहीं।

तो सदा चेक करो जैसे अभी आपके चेहरे चमक रहे हैं ऐसे सदा रहता है?

जो कोई भी देखे चेहरा बताये, मुख से बोलने की आवश्यकता नहीं, चेहरा बोले।

ऐसे ही सदा खज़ाने से सम्पन्न चाहे कर्म करते, चाहे योग करते, चाहे बाप की याद में रहते, ऐसे ही दिखाई दे।

हर एक अपने चमकते हुए चेहरे समान रह सकते हैं ना!

क्योंकि आजकल जैसे समय आगे बढ़ेगा वैसे हालातों के प्रमाण टेन्शन बढ़ेगा।

तो आपके चेहरे उन्हों को खुश करेंगे।

ऐसी सेवा करने के लिए हर एक बच्चे को तैयारी करनी है।

खज़ाने कौन से हैं?

जानते हो ना!

विशेष खज़ाना है ज्ञान, योग, धारणा तो अपने में चेक करो।

बापदादा आज की सभा में विशेष खज़ानों से सम्पन्न बच्चों को देख रहे हैं।

वैसे सबसे श्रेष्ठ खज़ाना आजकल का संगम का समय है क्योंकि आजकल के समय मे स्वयं बाप, बाप गुरू के सम्बन्ध में आये हुए हैं।

आज के समय में स्वयं बाप बच्चो को खज़ानो से सम्पन्न बना रहे हैं। तो बोलो समय से प्यार है ना!

तो सभी चेक करो हमारे में सर्व खज़ाने जमा हैं?

बाप समान सर्व खज़ाने बाँट रहे हैं?

जो समझते हैं कि बाप समान हम भी खज़ाने के अधिकारी हैं, वह हाथ उठाना।

बापदादा खुश है, हाथ तो मैजॉरिटी उठा रहे हैं।

बापदादा हर बच्चे को खज़ानों से भरपूरता की बधाई दे रहे हैं।

अच्छा है, बापदादा अपने खज़ाने से भरपूर बच्चों को देख खुश हो रहे हैं।

तो सभी तरफ के आये हुए बच्चों को देख बापदादा हर एक बच्चे की स्वागत कर रहे हैं।

जैसे अभी सब खुशी में भरपूर दिखाई दे रहे हैं ऐसे ही सदा रहते हैं?

कोई भी बात आये लेकिन बातें हमारे खज़ानों की खुशी नहीं ले जाये।

जैसे अभी खुशी का चेहरा है, स्नेह प्रेम का चेहरा है ऐसे सदा रहे।

बोलो, रह सकता है?

जो समझते हैं सदा रहेगा, बीती सो बीती, अभी सदा रहेगा वह हाथ उठाओ।

देखो, हाथ तो सभी उठा रहे हैं मैजॉरिटी उठा रहे हैं।

तो कभी भी कोई भी बात आये ऐसे ही चेहरा रहेगा, कांध तो हिलाओ। रहेगा? रहेगा?

तो सब देखेंगे यह कौन आये है, आपको देख करके आधे खुश तो वह भी हो जायेगे। अच्छा। आज कौन से ज़ोन आये है?

सेवा का टर्न इन्दौर जोन का है:-

अच्छा, आधा हाल तो इन्दौर ज़ोन खडे हुए हैं। वाह बच्चे वाह!

अच्छा है, बापदादा हर बच्चे को देख खुशी की ताली बजा रहे हैं। लेकिन वहाँ जाके भी जैसे आज अभी खुशमिजाज़ चेहरा है, ऐसे ही सदा रहे, ऐसी प्रामिस करो अपने से।

देखो यह अच्छा लगता है ना!

मुरझाया चेहरा भी रखो और मुस्कराता चेहरा भी रखो, क्या अच्छा लगेगा?

मुस्कराता चेहरा अच्छा लगेगा ना!

तो आज से सभी बच्चे, सिर्फ ज़ोन नहीं सभी बच्चे अपने दिल मे प्रॉमिस करो सदा खुश रहेगे और सभी को खुश करेंगे क्योकि खुशी जैसी कोई ख़ुराक नहीं, बापदादा ने अनेक बार खुशी की कमाल सुनाई है।

जो एक खुशी में कमाल है।

देखो कोई भी चीज़ अगर बाँटते हैं तो अपने पास कम होती है, लेकिन ख़ुशी अगर बाँटो, कम होगी? बढ़ेगी ना!

तो बापदादा का स्लोगन है, यह याद रखो।

यहाँ लिख दो खुश रहना है और खुश करना है। है पसन्द?

जिसको पसन्द है वह हाथ उठाओ।

तो आप इतने खुशमिजाज़ बच्चों को देख कितने खुश हो जायेंगे।

तो पक्का प्रॉमिस करो, क्या करो?

खुश रहेगे और खुशी बाँटेंगे।

पक्का है? कि यहाँ भी कोई बात हो गई तो ख़ुशी गायब हो जायेगी। नहीं।

ख़ुशी गायब होने की बात ही नही है।

आज से सभी चेक करना। ख़ुशी को जाने नही देना। है ताकत? है हाथ उठाओ। अच्छा। देखना।

आपके जोन वाले, आपके सेन्टर वाले आपका हाथ देख रहे हैं।

बापदादा खुश है।

हिम्मत तो रखी है।

आपकी हिम्मत बाप की मदद साथ मे रहेगी।

सभी का फोटो तो निकाल रहे हो ना!

फिर यह फोटो इस ज़ोन को भी देना।

अगर आने वाले चाहे तो उन्हों को यह फोटो देना।

आज जैसी शक्ल सदा रहे।

तो सभी को मंज़ूर है, सदा खुश रहेंगे और खुशी बाँटेंगे?

है मंज़ूर। दो-दो हाथ उठाओ। अच्छा। यह फोटो अपना याद रखना।

अभी बापदादा यही चाहते हैं कि आप एक-एक को कोई भी दूर से देखे तो खुद भी मुस्कराये, आपके खुशी की शक्ल देख करके खुद भी खुश हो जाये, यह सेवा करेगे! करेगे? अच्छा, हाथ उठाओ।

बाप वाह बच्चे वाह! कह रहे हैं।

आज से सभी स्थानों में अचानक कोई भी आये, बापदादा भी भेजेंगे क्योंकि बापदादा बच्चों का ऐसा-वैसा चेहरा देखने नहीं चाहते हैं।

तो बापदादा को खुश करना है ना! करेंगे?

सभी दिल से हाँ जी कह रहे है।

अभी हर एक सेन्टर अपने साथियों को चेक करना, कहना नहीं कुछ, क्यों, क्या नहीं कहना लेकिन अपनी शक्ल ऐसी प्यार की करना जो चुप हो जाए।

ऐसी सेवा करेंगे ना।

खुद रहना औरों को भी आप समान बनाना।

कोई भी अचानक कभी भी किसी सेन्टर पर जाये तो ऐसे अनुभव करे कि हम खुशी के स्थान पर आये हैं।

जहाँ खुशी है वहाँ सब कुछ है।

कभी भी देखो, कोई भी किसी से विदाई लेते हिं, तो क्या कहते हैं?

खुश रहो, आबाद रहो। तो अभी बापदादा अचानक कोई को भेजेगा गुप्त, देखेंगे क्योंकि आप सभी बच्चे बडे-बडे बाप के बच्चे हो।

बापदादा भी बच्चो को देख खुश हो रहे हैं और दिल से बधाई दे रहे हैं।

सदा खुश आबाद रहो और आज तो बापदादा देख रहे हैं कि नये-नये भी बहुत आये है।

जो आज पहली बार आये हैं वह हाथ उठाना, देखो कितने हैं!

बापदादा आने वालों को मुबारक दे रहे है।

टू लेट के समय के पहले आ गये, लेकिन कमाल करके दिखाना। है हिम्मत।

पहले बारी आने वाले उठो, देखो।

सभी ने देखा कितने आये हैं। अच्छा।

इन्दौर हॉस्टल की कुमारियाँ (150 आई है):-

अच्छा है बापदादा खुश है।

हर एक कुमारी सर्विसएबुल रत्न होके निकलेगी।

सभी में हिम्मत है?

हिम्मत है, तो हाथ उठाओ।

तो हिम्मते बच्चे मददे बाप है ही।

बापदादा भी खुश है, हिम्मत वाले के ऊपर एक्स्ट्रा मदद का संकल्प बापदादा का साथ रहता है।

तो आज जो भी आये हैं उन एक- एक को बापदादा विशेष हिम्मत दे रहे हैं।

कभी घबराना नहीं।

मेरा बाबा कहा, बाबा हाजिर हो जायेगा।

सिर्फ दिल से कहना, ऐसे नहीं मेरा बाबा, बाबा का भी बच्चों से प्यार है।

हिम्मत आपकी मदद बाप की है ही।

इस वर्ष की यह लास्ट मीटिंग है लेकिन दूसरी सीज़न के लिए हर एक को दो कार्य करने हैं - एक तो अपने सेवा स्थान को सदा शुभ भावना, शुभ कामना से सदा निर्विघ्न बनाना।

स्वयं निर्विघ्न रहना, सर्व को निर्विघ्न बनाना।

मंज़ूर है, हाथ उठाओ।

हाथ तो अच्छा उठाते हो।

बापदादा हाथ को देख करके खुश भी होते हैं लेकिन बाप को सदा खुश रखना।

सोचना नहीं, सोच देना नहीं।

फिर भी बाप तो सदा खुश है और सदा ही हर बच्चे को दुआयें देते हैं अमर भव!

लेकिन दूसरी सीज़न के लिए विशेष क्या करेगे?

बापदादा का यही सकल्प है कि हर एक बच्चा अपनी कमज़ोरी को तो जानते ही हैं, जो विशेष कमज़ोरी हो, आप तो जानते हो ना अपनी कमज़ोरी को।

वह कमज़ोरी समाप्त करके आना।

चाहे व्यर्थ सकल्प हो, चाहे क्रोध हो, छोटा-छोटा क्रोध भी स्वयं को और स्थान को तंग करता है।

तो जो भी कमी हो उसको समाप्त करके आना।

पसन्द है! पसन्द है तो दो-दो हाथ उठाओ। वाह भाई वाह!

जैसे हाथ उठाने में एवररेडी हो गये ना, ऐसे ही त्याग करने में भी एवररेडी रहना।

तो दूसरी सीज़न कौन-सी सभा होगी?

निर्विघ्न बाप के दिलपसन्द सभा होगी।

दादियाँ पसन्द है?

हाथ उठाओ।

अभी देखेंगे।

सेन्टर वाले रोज रात्रि को यह याद दिलाना कि प्रॉमिस क्या किया है?

प्रॉमिस प्रमाण चल रहे हैं?

शुभ भावना से, टोकने के रूप से नहीं पूछना।

शुभ भावना से एक-दो के सहयोगी बन एक-दो को आगे बढ़ाने की शुभ भावना से इशारा देना।

तो अभी आज का स्लोगन क्या रहा?

खुश रहेगे, खुश करेगे।

पसन्द है ना।

हाथ उठाओ पसन्द है?

फोटोग्राफर यह फोटो निकालना।

तो आज जो भी कमज़ोरी हो वह इसी हॉल मे छोड के जाना, साथ नहीं ले के जाना।

कर सकते हो?

इसमें हाथ उठाओ।

मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। अच्छा।

डबल विदेशी:-

बापदादा डबल विदेशी नहीं कहते, डबल पुरुषार्थी कहते है, पसन्द है ना। बापदादा ने देखा कि डबल विदेशी भी अन्दर- अन्दर परिवर्तन की विधि बहुत अच्छी कर रहे हैं। बापदादा खुश होते हैं डबल विदेशी आगे बढ रहे हिं। पुरुषार्थ में उमंग उत्साह बढाते रहेंगे, यह प्रॉमिस करके जा रहे हिं। ऐसे है ना! प्रॉमिस करते हैं ना। और इस बारी देखा यह डबल पुरुषार्थी अच्छी रिजल्ट में आपस में मिले भी हैं और संकल्प भी श्रेष्ठ किया है। लेकिन इस संकल्प को वहाँ जाते भी रोज स्मृति में लाना। रात्रि के समय जब सोने जाओ तो चेक करना जो संकल्प किया वह हो रहा है? अगर नहीं हो रहा हो तो रात को सोने के पहले ही दूसरे दिन के उमंग उत्साह को इमर्ज करके फिर सोना। और सुबह को उठकर देखना कि किया हुआ संकल्प अभी भी इमर्ज है या थोड़ा भी मर्ज हो गया। अगर मर्ज हो गया हो फिर उमंग में लाना। बापदादा ने देखा विदेशियों में काफी फ़र्क है और बापदादा दिल से मुबारक भी देते हैं वाह बच्चे वाह! (वाह बाबा वाह!) बापदादा समझता है एक भी बच्चा कम नहीं हो। एक-दो से आगे हो, चाहे विदेश के चाहे देश के। बापदादा को खुशी है विदेश वालों ने जो मधुबन में उन्नति के साधन रखे है, मधुबन का भी लाभ उठाते हैं वह देख करके बाबा खुश होते हैं क्योंकि विदेश में तो इतने सारे इकटठे नहीं हो सकते, लेकिन मधुबन में आकर सभी विदेशी मधुबन का लाभ उठाने में अच्छे जा रहे हैं, यह देख करके बापदादा खुश है। आप देश वाले भी विदेशियो के पुरुषार्थ को देख खुश है ना! देखो सभी खुश हैं आप पर। अच्छा है बापदादा की विशेष मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो।

2000 टीचर्स आई है:-

हाथ उठाओ टीचर्स। बहुत है टीचर्स। टीचर अर्थात् अपने फीचर से फ़्युचर दिखाने वाली। बापदादा टीचर्स को बहुत-बहुत-बहुत दिल से प्यार करते है क्योंकि टीचर बाप समान ड्यूटी पर है। बापदादा खुश है लेकिन लेकिन है, अभी लेकिन नहीं सुनाते। लेकिन हर एक टीचर माना फीचर से बाप को प्रगट करने वाली। अच्छा है, मेहनत करते हो वह भी बापदादा देखता है लेकिन सेन्टर को निर्विघ्न बनाना, यह अभी बापदादा की दिल पूरी नहीं की है। अभी इसी साल यह प्रयत्न करना। हर एक की तरफ से यह पत्र आये “हमारा जोन निर्विघ्न है। “ हो सकता है? हो सकता है? कम हिम्मत रखते हैं! अभी इस साल कमाल करके दिखाना। हिम्मत है ना! हिम्मत है, हो जायेगा। बापदादा साथ है। फिर भी बापदादा आपके भाग्य को देख खुश है। अब और खुश करना। समझ तो गई हो। अच्छा। अगली सीजन में क्या करेंगे? दृढ़ संकल्प की माला पहनो। जो बापदादा चाहता हाँ वह सुनाने की आवश्यकता नहीं है। जो बापदादा चाहते हैं, आप भी चाहते हो वह प्रैक्टिकल करना है। ठीक है। ठीक है टीचर्स। हाथ उठाओ। बहुत टीचर्स है, वाह टीचर्स वाह! अच्छा, सुना तो दिया दूसरी सीजन में क्या करना है। करना ही है। सब जोर से बोलो, करना ही है। बापदादा कितना खुश होगा वाह बच्चे वाह। जो भी कमी है उसको छोड़ना ही है। छोड़ना ही है, यह है पक्का? जिसको पक्का संकल्प है, करना ही है, वह हाथ उठाओ। अच्छा। हाथ तो बहुत अच्छा उठाया। बापदादा हाथ देख करके तो खुश हैं। अभी करने में नम्बर लेना है। तो इस सीजन में जो संकल्प कर रहे हो वह सनकल्प नहीं लेकिन करना ही है। कुछ भी हो जाए बदलना ही है। यह दृढ़ संकल्प करो। आखिर समय को समीप तो लाना है। अपने राज्य में चलना है ना। चलना है ना! हाथ उठाओ चलना है। चलना है? तो देखेंगे, चलने की तैयारी करनी ही है। अच्छा। सभी को बहुत-बहुत-बहुत बापदादा का यादप्यार। आजकल तो सभी साइंस के साधनों से नजदीक ही देखने वाले है। तो सभी देखने वाले और सम्मुख वाले सभी को बापदादा का यादप्यार और दिल का हार बापदादा पहना रहे हैं। अच्छा, ओम् शान्ति।

दादियों से:-

बापदादा तो साथ है ही। (साथ हैं, साथ रहेंगे, साथ चला) पक्का वायदा है। जब तक है अच्छे रहेंगे।

मोहिनी बहन:-

देखो, यह मरजीवा हुई है। अच्छा है। (आशीर्वाद है) आशीर्वाद सबको है, (गुलजार दादी को भी) तब तो चल रही है।

(निर्वेर भाई ने बाबा को कहा शुक्रिया बाबा)

शुक्रिया बच्चे। (दिल्ली मेले का समाचार दिखाया) अच्छी रिजल्ट है।

गोलक भाई से:-

अपने को खुश रखो। कोई भी बात हो, बात बाप को दे दो।

रूकमणि दादी से:-

ठीक हो जायेगी। सबका प्यार है ना। सबका प्यार है, बाप का भी प्यार है तो प्यार सब ठीक कर देगा। (कल कह रही थी कर्जा उतारने आई हूँ) कर्जा कुछ नहीं है, बात को छोटा करो, बडा नहीं करो, सब ठीक हो जायेगा। अच्छा। सभी को यादप्यार।

वी. आई पीज. से:-

अभी तो मेहमान नहीं, घर के हैं। बोलो, घर के हैं ना! हाथ उठाओ। बाप के दिल में है। बाप को अपने दिल में बिठाया है। दिलाराम है ना! तो दिल में बिठाओ। जो भी कुछ होगा दिलाराम सहयोग देगा। सब आये हैं दिलाराम के स्थान पर आये हैं। जो दिल की आशायें है यहाँ आने से समाप्त कर देना। बच्चों से मिल के लेन-देन करके जो भी दिल में हो वह खत्म करके जाना। और दिल में मौज भर के जाना। मौज ही मौज। बापदादा मुबारक दे रहे हैं, आ तो गये। खुश है बापदादा। अपने घर पहुच गये, रास्ता तो देख लिया। अभी भी आते रहना, सम्पर्क- सम्बन्ध रखते रहना। अच्छा। भले पधारे। बापदादा यादप्यार दे रहे हैं।

दुबई में नया भवन बना है, जिसका उद्घाटन रिमोट कन्ट्रोल से बापदादा ने किया :

(ज्योति बहन दुबई) सेवा साथी ठीक है। बढ़ाओ। नजदीक है ना। तो नजदीक में जो भी शक्ति है वह आपको पहुच जाती है। मौज में रहो। जो भी कार्य हो, बाबा आपका कार्य आप करो। बापदादा मददगार है।

(जयपुर में भी नया आडोटोरियम बनाया है, उसका भी उद्घाटन बापदादा ने रिमोट से किया)

मुबारक हो। अच्छा सभी लगन में मगन है। साथ है, साथ रहेंगे, साथ चलेंगे, साथ में राज्य करेगे। अच्छा। ओम् शान्ति।