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ओम् शान्ति।
- बच्चों ने गीत सुना।
- जरूर गीत में कोई रहस्य भरा हुआ है।
- जो रिकार्ड खरीद कर बाप बैठ इनका अर्थ समझाते हैं।
- इसको कहा जाता है - जीते जी मरकर बाप का बनना।
- बाप का बनने के बाद टीचर का बनना, टीचर के बाद फिर मैजारिटी गुरू करते हैं।
- क्रिश्चियन लोग को भी जब बच्चा पैदा होता है तो क्रिश्चियनाइज़ करते हैं।
- गुरू की गोद में जाकर देते हैं।
- फिर पादरी हो या कोई भी हो।
- पादरी तो क्राइस्ट नहीं हुआ।
- कहेंगे उनके नाम पर हम क्रिश्चियन बनते हैं।
- अभी तुम बच्चे पहले बाप के बनते हो, अशरीरी बनते हो।
- हमारा तन-मन-धन जो कुछ है वह बाबा को अर्पण करते हैं।
- जीते जी मरते हैं अर्थात् हम आत्मा उनके बनते हैं।
- यह बुद्धि में रहना है।
- जो भी मेरी वस्तु है, मेरा शरीर, मेरा धन, दौलत, सम्बन्धी आदि जो कुछ हैं सबको भूलते हैं।
- मरने बाद सब भूल जाता है ना।
- कितनी बड़ी मंजिल है।
- हम अशरीरी आत्मा हैं।
- यह पक्का करना है।
- ऐसे नहीं तुम शरीर छोड़ और मर पड़ते हो।
- नहीं, आत्मा कम्पलीट पवित्र थोड़ेही बनी है।
- भल बाप के बने हो परन्तु बाबा कहते हैं - तुम्हारी आत्मा अपवित्र है।
- आत्मा के पंख टूटे हुए हैं।
- अभी आत्मा उड़ नहीं सकेगी।
- तमोप्रधान होने कारण एक भी मनुष्य वापिस जा नहीं सकते।
- माया ने एकदम पंख तोड़ दिये हैं।
- बाबा ने समझाया है आत्मा सबसे तीखी जाती है।
- उनसे तीखी चीज़ कोई होती नहीं।
- आत्मा से कोई पहुँच नहीं सकता।
- पिछाड़ी में मच्छरों सदृश्य सब आत्मायें भागती हैं।
- कहाँ जाती हैं?
- बहुत दूर-दूर सूर्य चांद से भी पार।
- वहाँ से फिर लौटना नहीं है।
- उन्हों के रॉकेट आदि तो जाकर फिर लौट आते हैं।
- सूर्य तक तो पहुँच नहीं सकते।
- तुमको तो उनसे बहुत दूर जाना है।
- सूक्ष्मवतन से ऊपर मूलवतन में जाना है।
- आत्मा को पंख मिल जाते हैं।
- हिसाब-किताब चुक्तू कर आत्मा पवित्र बन जाती है।
- कयामत के समय की महिमा बहुत लिखी हुई है।
- सभी आत्माओं को हिसाब-किताब चुक्तू कर जाना है।
- अभी तो सब आत्मायें मैली, पाप आत्मा हैं।
- भल बड़े गुरू साधू-संन्यासी आदि हैं।
- समझते हैं हम गुरू हैं।
- अहम् ब्रह्मस्मि...अहम् ब्रह्मोह्म।
- हम ब्रह्म में पहुँचे हुए हैं।
- अब बैठे हुए हैं यहाँ, ब्रह्म में फिर कहाँ पहुँचे हुए हैं।
- अभी तुम जानते हो हम आत्मायें ब्रह्म में रहने वाली हैं।
- परन्तु अभी वहाँ कोई भी जा नहीं सकते।
- सब आत्मायें यहाँ पुनर्जन्म लेती हैं।
- यह बेहद का ड्रामा है।
- सब एक्टर्स को पार्ट बजाने वहाँ से आना जरूर है।
- सबकी आत्मायें स्टेज पर आई हैं।
- जब विनाश का समय होता है तो सब आ जाते हैं, वहाँ रहकर क्या करेंगे!
- एक्टर बिगर पार्ट बजाए घर में थोड़ेही बैठ जायेगा।
- नाटक में जरूर आना पड़ेगा।
- वहाँ से जब सब चले आते हैं तब फिर बाप सबको ले जाते हैं।
- बाप कहते हैं मैं भल यहाँ हूँ तो भी आत्मायें आती रहती हैं, वृद्धि को पाती रहती हैं, नम्बरवार।
- फिर तुम जायेंगे भी नम्बरवार।
- सारा तुम्हारी अवस्था पर मदार है, इसलिए तुम्हें मरजीवा बनना है।
- हम आत्मा हैं यह निश्चय करना मेहनत है।
- बच्चे घड़ी-घड़ी देह-अभिमान में आकर भूल जाते हैं।
- देही-अभिमानी तब रहेंगे जब कम्पलीट सरेन्डर होंगे, बाबा यह सब आपका है।
- मैं भी आपका हूँ।
- यह देह जैसेकि हमारी नहीं है, इनको मैं छोड़ देता हूँ।
- बाबा मैं आपका हूँ।
- बाबा कहते हैं मेरा बन और सबसे ममत्व मिटा दो।
- बाकी ऐसे नहीं कि यहाँ आकर बैठ जाना है।
- तुमको अपना धन्धाधोरी करना है।
- घर सम्भालना है।
- बच्चे को कर्जा उतारना है, मात-पिता का।
- उनकी सेवा कर उजूरा देना है।
- माँ-बाप की पालना का कर्ज चढ़ता है बच्चों पर।
- अब बाप तुम्हारी पालना कर रहे हैं।
- शुरू में जो भी आये थे सबने झट सरेन्डर कर दिया।
- अपने पास कुछ नहीं रखा, सरेन्डर किया, उस धन से तुम बच्चे भारत को पावन बना रहे हो।
- भारत ही बिल्कुल पवित्र था।
- भारतवासियों जैसा पवित्र सुखी कोई हो नहीं सकता।
- भारत सबसे बड़ा तीर्थ है।
- जहाँ पतित-पावन बाप आकर सारे सृष्टि को, पतितों को भी पवित्र बनाते हैं।
- अभी यह तत्व आदि सब दुश्मन हैं।
- अर्थक्वेक होगी, तूफान लगेंगे क्योंकि तमोप्रधान हैं।
- नेचुरल कैलेमिटीज़ आयेंगी, बहुत दु:ख देंगी।
- इस समय सब दु:ख की चीज़ें हैं।
- सतयुग में हैं सब सुख की चीज़ें।
- वहाँ यह तूफान वा गर्म वायु आदि कुछ नहीं होता।
- तुम्हारे में भी यह बातें बहुत थोड़े ही समझते हैं।
- आज हैं कल नहीं हैं तो कहेंगे कुछ नहीं समझा।
- भल यहाँ आते हैं परन्तु सब कायम थोड़ेही रहते हैं।
- यहाँ से गये 10 दिन के बाद समाचार लिखेंगे - बाबा फलाने को माया खा गई।
- ऐसे होता रहता है।
- छोटे फूल बड़े हों तो उनमें फल आ जाएं।
- उनमें फिर दूसरों को आप समान बनाने की ताकत रहती है।
- उनका फल निकलता है।
- बाप के बने फिर प्रजा भी बनानी है, वारिस भी बनाना है।
- पण्डे बन बाबा के पास आयें, बस हम पहुँच गये।
- नहीं, मंजिल है बड़ी।
- कहते हैं माया के तूफान बहुत आते हैं।
- तुम बाप के बने हो, तूफान तो आयेंगे।
- कहते हैं, बाबा हम आपके थे।
- आपसे वर्सा लिया था फिर पुनर्जन्म लेते 84 जन्म पास किया फिर आकर आपका बने हैं।
- मैं तो आपसे वर्सा लेकर छोडूँगा।
- तो ऐसे बाप को इतना याद करना पड़े और आप समान बनाए फल देना पड़े।
- नहीं तो माला कैसे बनेगी।
- बाप का वारिस कैसे बनायेंगे।
- प्रजा भी चाहिए, वारिस भी चाहिए, जो गद्दी पर बैठे।
- बाप के पास तो बहुत आते हैं फिर फारकती दे देते हैं।
- बुद्धि का योग टूटा, खेल खत्म।
- कई बच्चे बाबा से आकर पूछते हैं - बाबा अवस्था को कैसे जमायें, कोई तूफान न लगे।
- इसका रास्ता तो बताते ही रहते हैं, बाप को याद करो।
- तूफान तो लगेंगे।
- बॉक्सिंग में ऐसा कभी देखा जो कोई एक ही थप्पड़ खाता रहे।
- जरूर दोनों में ही हिम्मत होगी।
- 5 थप्पड़ अगर एक लगायेगा तो 10 दूसरा लगाता होगा।
- यह भी बॉक्सिंग है।
- बाप को याद करते रहेंगे तो माया भागती जायेगी परन्तु फट से तो नहीं होगा।
- माया से कुश्ती लड़नी है।
- ऐसे मत समझो माया थप्पड़ नहीं मारेगी।
- भल कोई भी हो, बड़ी बॉक्सिंग है।
- बहुत डर जाते हैं, माया एकदम नाक में दम कर देती है।
- युद्धस्थल है ना।
- बुद्धियोग लगाने में माया बड़े विघ्न डालती है।
- मेहनत सारी योग में है।
- भल बाबा कहते हैं ज्ञानी तू आत्मा मुझे प्रिय है।
- परन्तु ऐसे नहीं सिर्फ ज्ञान देने वाले प्रिय हैं।
- पहले तो योग पूरा चाहिए।
- बाप को याद करना है।
- माया के विघ्नों से डरना नहीं है।
- विश्व का मालिक बनते हो ना।
- सब बनेंगे?
- 16108 की माला तो बहुत बड़ी है।
- अन्त में आकर पूरी होगी।
- त्रेता अन्त तक कितने प्रिन्स-प्रिन्सेज बनते हैं, कुछ तो निशानियाँ हैं ना।
- 8 की भी निशानी है।
- 108 की भी निशानी है।
- यह बिल्कुल राइट है।
- त्रेता अन्त में इतने 16108 प्रिन्स-प्रिन्सेज होते हैं।
- शुरू में तो नहीं होंगे।
- पहले थोड़े होते हैं फिर वृद्धि होती जाती है।
- वह सब बनते यहाँ हैं।
- चांस बहुत अच्छा है परन्तु मेहनत बहुत है।
- गीत में भी कहते हैं, कभी नहीं छोडूँगा, मर जाऊंगा...।
- बाबा यह तन-मन-धन सब आपका है।
- हम अशरीरी बन आपको याद करते हैं।
- बुद्धियोग आपसे लगायेंगे।
- बाबा फिर कहते हैं यह सब तुम बच्चों के लिए ही है।
- बच्चे कहते हैं - हमारा सब कुछ आपका है।
- कहते हैं ना, यह सब भगवान ने दिया है!
- अब बाप कहते है - यह सब खत्म हो जाना है।
- तुम्हारे पास क्या है?
- यह शरीर भी खत्म हो जायेगा।
- अब मैं फिर तुमको बदली कर देता हूँ।
- सिर्फ एक्सचेंज करते हैं ना।
- तो बाप कहते हैं - बच्चे अशरीरी बनो।
- मुझे याद करो।
- बुद्धि से सब कुछ सरेन्डर करो।
- राजा हरिश्चन्द्र की कथा है ना।
- बोला अमानत रख दो।
- बाप कहते हैं - इन सभी शास्त्रों आदि का सार तुमको समझाता हूँ।
- मैने ही तुम्हें ब्रह्मा मुख द्वारा राजा-रानी बनाया था फिर अब बनाता हूँ।
- कभी भी मनुष्य, मनुष्य को गीता सुनाए, राजयोग सिखलाए राजा-रानी बना न सकें।
- फिर गीता सुनने से क्या फायदा।
- बाप कहते हैं - मैं खुद कल्प-कल्प आकर तुमको स्वर्ग का मालिक बनाता हूँ।
- हमारे बनेंगे तब तो वारिस बनेंगे ना।
- तो जितना योग में रहेंगे उतना शुद्ध बनते जायेंगे।
- बाबा यह सब आपका है।
- हम तो ट्रस्टी हैं।
- आपके हुक्म बिगर हम कुछ भी नहीं करेंगे।
- शरीर निर्वाह कैसे करना है - वह भी मत लेते हैं।
- अक्सर करके गरीब ही पूरा पोतामेल देते हैं।
- साहूकार दे न सकें।
- सरेन्डर हो नहीं सकते, कोई विरला निकलता है।
- जैसे एक जनक का नाम है।
- बाल-बच्चे हैं, ज्वाइंट प्रापर्टी है तो वह अलग कैसे हो।
- साहूकार लोग अपनी प्रापर्टी निकालें कैसे, जो सरेन्डर हों?
- बाप है ही गरीब निवाज़।
- सबसे गरीब मातायें हैं, उनसे जास्ती कन्यायें गरीब हैं।
- कन्या को कभी वर्से का नशा नहीं होगा।
- बच्चे को बाप की जागीर का नशा रहता है।
- तो वह सबको छोड़ फिर बैकुण्ठ का वर्सा लेना पड़े।
- दान हमेशा गरीब को ही दिया जाता है।
- भारत है सबसे गरीब, अमेरिका बहुत साहूकार है।
- उनको वर्सा देते हैं क्या?
- भारत सबसे साहूकार था और कोई धर्म नहीं था।
- सिर्फ भारतवासी ही थे, एक भाषा थी।
- गॉड इज़ वन।
- मैं वन सावरन्टी, वन धर्म, वन भाषा स्थापन करता हूँ।
- वन आलमाइटी, वन गवर्मेन्ट स्थापन करता हूँ।
- वन से फिर टू, थ्री होंगे।
- अभी कितने धर्म हैं फिर जरूर वन धर्म आना चाहिए।
- 5 हजार वर्ष की बात है।
- वन धर्म था।
- विद्वानों ने सतयुग की आयु लाखों वर्ष लगा दी है।
- समझते नहीं सतयुग क्या होता है।
- समझते हैं, स्वर्गवासी हुआ, शायद ऊपर चला गया।
- देलवाड़ा मन्दिर में भी स्वर्ग ऊपर छत में है।
- तो मनुष्य मूँझ जाते हैं।
- वास्तव में स्वर्ग कोई ऊपर नहीं।
- तुम अभी जानते हो बाबा के पास जाकर फिर यहाँ ही आकर राज्य करेंगे।
- यह ज्ञान बुद्धि में रहना चाहिए, जो कोई को समझा सको।
- कच्चे को तो माया चिड़िया खा जायेगी इसलिए फोटो भी मंगाये जाते हैं।
- रजिस्टर रखा जाता है।
- बाबा के पास समाचार आता है फलाने ने एक ही ऐसा ज्ञान का तीर मारा जो मैं बाबा का बन गया।
- शास्त्रों में भी लिखा हुआ है - कुमारियों द्वारा बाण मरवाये।
- अरे, बाप को क्यों भूले हो?
- इसको ज्ञान बाण कहा जाता है।
- सिर्फ बाप की याद दिलानी है। बाकी कोई हिंसक बाण की बात नहीं है।
- बाबा कहते हैं - मैं, ब्रह्मा मुख से सब शास्त्रों का राज़ तुम्हें समझाता हूँ।
- ब्रह्मा तो जरूर यहाँ होना चाहिए।
- उन्होंने फिर विष्णु के नाभी कमल से ब्रह्मा दिखाया है।
- जानते कुछ भी नहीं।
- मनुष्यों को तो जो आया सो लिख दिया।
- गन्दगी तो बहुत है।
- रिद्धि-सिद्धि वाले भी बहुत हो गये हैं।
- सच जब निकलता है तो झूठे उसका सामना करते हैं।
- अब तुम समझते हो कि शिवबाबा है निराकार और यह ब्रह्मा है साकार।
- बाकी नाभी आदि की तो कोई बात ही नहीं है।
- अच्छा!
मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमार्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।
- धारणा के लिए मुख्य सार:-
- 1) अब ज्ञानी तू आत्मा बनना है, सिर्फ ज्ञान सुनने सुनाने वाला नहीं।
- याद की भी मेहनत करनी है।
- अशरीरी होकर अशरीरी बाप को याद करना है।
- 2) बाप का बनकर दूसरी सब बातों से ममत्व मिटा देना है।
- यह देह भी मेरी नहीं।
- पूरा देही-अभिमानी बन कम्पलीट सरेन्डर होना है।
- वरदान:-
- ( All Blessings of 2021)
- ज्ञान-योग की पावरफुल किरणों द्वारा पुराने संस्कार रूपी कीटाणुओं को भस्म करने वाले मास्टर ज्ञान सूर्य भव
- कैसे भी पतित वातावरण को बदलने के लिए अथवा पुराने संस्कारों रूपी कीटाणुओं को भस्म करने के लिए यही स्मृति रहे कि मैं मास्टर ज्ञान सूर्य हूँ।
- सूर्य का कर्तव्य है रोशनी देना और किचड़े को खत्म करना।
- तो ज्ञान-योग की शक्ति वा श्रेष्ठ चलन द्वारा यही कर्तव्य करते रहो।
- यदि पावर कम है तो ज्ञान सिर्फ रोशनी देगा परन्तु पुराने संस्कार रूपी कीटाणु खत्म नहीं होंगे इसलिए पहले योग तपस्या द्वारा पावरफुल बनो।
- स्लोगन:-
- (All Slogans of 2021)
- शुभ भावना, शुभ कामना के श्रेष्ठ संकल्प ही जमा का खाता बढ़ाते हैं।
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