"...मैं आत्मा परमपिता परमात्मा की सन्तान हूँ। यह याद ही घड़ी-घड़ी भूल जाती है। यानी याद करना है। गोया यात्रा पर नहीं चलते। एकान्त में बैठ अपने साथ विचार सागर मंथन कर प्वाइंट्स निकालनी होती हैं। मीठी चीज़ की याद पड़ती है ना।
मेले मलाखड़े याद आते हैं। तुम्हारी है बेहद की याद, बेहद की खुशी, बेहद का धन। तुम्हारे में भी नम्बरवार हैं - स्वीट, स्वीटर, स्वीटेस्ट हैं ना। बाबा से भी स्वीट होने वाले हैं।
तब तो सब उनको याद करते हैं। अपने को आत्मा समझ बाप की याद में रहेंगे।
याद में बहुत कच्चे हैं, झट देह-अभिमान आ जाता है।
यह बड़ा मुश्किल है।
वह मुझे याद करने से ही भस्म होंगे। तुम यह गैरन्टी करते हो कि बाबा हम आपको याद करते रहेंगे। इतना याद करते रहो जो शरीर का भान न रहे। तुम जानते हो - शिवबाबा ब्रह्मा द्वारा हमको याद की यात्रा सिखला रहे हैं।
योग अक्षर डिफीकल्ट लगता है।
हम आत्मायें बाप को याद नहीं कर सकती हैं, जिनसे विश्व की बादशाही मिलती है! बाप को याद नहीं कर सकते हो तो वर्सा कैसे पायेंगे!
................ My Sweet BaapDada ....................
ओम् शान्ति। प्यारे बाबा मैं आत्मा आपकी सन्तान हूँ। यह याद जो घड़ी-घड़ी भूल जाती है। इसके अभ्यास में मैं आत्मा रहूंगी। बाबा आपने जो एकान्त में बैठ विचार सागर मंथन करने के लिए कहा और साथ-साथ आपने को संपूर्ण बनाने के पुरूषार्थ और आपके विश्व परिवर्तन के कार्य को कैसे आगे बढ़ाऊं इसकी भी प्वाइंट्स निकालता रहूंगा बाबा। कितना समय बाबा की याद में रहा। बाबा आपने समझाया कि मीठी चीज की याद पड़ती है ना। बाबा स्वीट की डिग्री आपने बताई कि स्वीट, स्वीटर, स्वीटेस्ट कहा जाता है। आपकी याद में रहकर ही मैं आत्मा पवित्र बन सकती हूँ और मैं पवित्र रहूंगी तो अनेक दूसरी आत्माओं को भी पवित्र बना सकती हूँ बाबा।
आप हमारे लिए निर्माण करते हैं हमें उसमें कितना सुख मिलता हैं। जो भी नई Nature में होता है जानवर, खेती-बाड़ी आदि सबसे हम आत्माओं को ही सुख मिलता है। हमारी है बेहद की याद, बेहद की खुशी, बेहद का धन। आपसे भी स्वीट होने वाले हैं। बाबा हम आत्मायें आपसे स्वीट कैसे हो सकते हैं बाबा। बाबा बस आपका आर्शीवाद हम आत्माओं के सिर पर बना रहे। आप हमें पढ़ाकर इतना ऊंच पद दिलाते हैं बाबा। झट देह-अभिमान आ जाता है। बाबा मैं देहीभिमानी बनने की प्रैक्टिस में सदा रहूंगा। अपने को आत्मा समझ बाप को याद करने में ही फायदा है। हम आत्मा पवित्र बन जाती हैं। बाबा हम आत्मायें इस कर्मक्षेत्र पर धन्धे आदि में रहते भी आपकी याद में रहेंगे आपके प्यार में कोई बात मुश्किल नहीं है बाबा।
बाबा मैं हर कर्म आपकी याद में रहकर ही करूंगा तो कभी कोई उल्टा कर्म होगा ही नहीं। बाबा मैं आत्मा जानती हूँ कि मैंने द्वापर से देहभिमान में आकर जन्म-जन्मान्तर जो पाप किये हैं उनका बोझ मेरे सिर पर हैं, वह आपकी याद करने से ही भस्म होंगे।
हम यह गैरन्टी करते हो कि बाबा हम आपको याद करते रहेंगे। बाबा मेरा सौभाग्य है कि आप धरा पर परमधाम से आये और आपके साथ गैरन्टी करने का पार्ट मिला मैं उससे अवश्य निभाऊंगा बाबा। बाबा मैं आपकी याद से इस शरीर का भान पूरी तरह खत्म करूंगा बाबा। और आपसे विश्व की बादशाही जरूर लूंगा बाबा।... मीठे प्यारे बाबा... |