"...मैं आत्मा परमपिता परमात्मा की सन्तान हूँ।

यह याद ही घड़ी-घड़ी भूल जाती है।
यह पहले पूरी याद करनी चाहिए।
यात्रा पर जब जाते हैं तो कहते हैं चलते रहो।
तुमको भी याद की यात्रा पर चलते रहना है,

यानी याद करना है।
याद नहीं करते,

गोया यात्रा पर नहीं चलते।
जितना हो सके याद की यात्रा में ढीला नहीं पड़ना चाहिए।

एकान्त में बैठ

अपने साथ विचार सागर मंथन कर

प्वाइंट्स निकालनी होती हैं।
कितना समय बाबा की याद में रहते हैं,

मीठी चीज़ की याद पड़ती है ना।


स्वीट, स्वीटर, स्वीटेस्ट कहा जाता है ना।
बाप की याद में रहकर ही तुम पवित्र बन और पवित्र बनाते हो।
बाप नई सृष्टि में नहीं आते हैं।
सृष्टि में मनुष्य, जानवर, खेती-बाड़ी आदि सब होता है।
मनुष्य के लिए सब कुछ चाहिए ना।


मनुष्यों को तो अनेक प्रकार के चित्र याद आते हैं।

मेले मलाखड़े याद आते हैं।
वह सभी हैं हद के,

तुम्हारी है बेहद की याद,

बेहद की खुशी,

बेहद का धन।
यह भी तुम अभी जानते हो,

तुम्हारे में भी नम्बरवार हैं

- स्वीट, स्वीटर, स्वीटेस्ट हैं ना।

बाबा से भी स्वीट होने वाले हैं।
वही ऊंच पद पायेंगे।


स्वीटेस्ट वह हैं जो बहुतों का कल्याण करते हैं।
बाप भी स्वीटेस्ट है ना,

तब तो सब उनको याद करते हैं।
यह याद तब ठहरेगी जब

अपने को आत्मा समझ बाप की याद में रहेंगे।

याद में बहुत कच्चे हैं,

झट देह-अभिमान आ जाता है।
देही-अभिमानी बनने की प्रैक्टिस करनी है।
हम आत्मा इनको सौदा देते हैं।
हम आत्मा व्यापार करते हैं।


अपने को आत्मा समझ बाप को याद करने में ही फायदा है।
आत्मा को ज्ञान है हम यात्रा पर हैं।
धन्धे आदि में याद रहे हम आत्मा हैं,

यह बड़ा मुश्किल है।


बाप कहते हैं कोई भी उल्टा काम कभी नहीं करना।
जन्म-जन्मान्तर के पाप सिर पर हैं,

वह मुझे याद करने से ही भस्म होंगे।
कल्प पहले भी तुमको शिक्षा दी थी।
बाप गैरन्टी तब करते हैं जब

तुम यह गैरन्टी करते हो कि

बाबा हम आपको याद करते रहेंगे।

इतना याद करते रहो जो शरीर का भान न रहे।
ऊंच ते ऊंच है शिवबाबा।

तुम जानते हो - शिवबाबा ब्रह्मा द्वारा हमको याद की यात्रा सिखला रहे हैं।


बाबा को याद करो,

योग अक्षर डिफीकल्ट लगता है।
याद अक्षर बहुत सहज है।
बाबा अक्षर बहुत लवली है।


तुमको खुद ही लज्जा आयेगी -

हम आत्मायें बाप को याद नहीं कर सकती हैं,

जिनसे विश्व की बादशाही मिलती है!
आपेही लज्जा आयेगी।
बाप भी कहेंगे तुम तो बेसमझ हो,

बाप को याद नहीं कर सकते हो तो

वर्सा कैसे पायेंगे!
विकर्म विनाश कैसे होंगे!


मुझ बाप को याद करो तो विकर्म विनाश होंगे।
याद नहीं करेंगे तो विकर्म विनाश कैसे होंगे! ..."

 

................ My Sweet BaapDada ....................

 

ओम् शान्ति।

प्यारे बाबा मैं आत्मा आपकी सन्तान हूँ।

यह याद जो घड़ी-घड़ी भूल जाती है।
आपकी याद इस कर्मक्षेत्र पर बनी रहे

इसके अभ्यास में मैं आत्मा रहूंगी।
आपकी याद की यात्रा पर बाबा मैं चलता रहंगा।
बाबा मैं आत्मा याद की यात्रा को ढीला नहीं होने दूंगा।

बाबा आपने जो एकान्त में बैठ

विचार सागर मंथन करने के लिए कहा

और साथ-साथ आपने को संपूर्ण बनाने के पुरूषार्थ और

आपके विश्व परिवर्तन के कार्य को

कैसे आगे बढ़ाऊं इसकी भी प्वाइंट्स निकालता रहूंगा बाबा।
बाबा मैं हमेशा ध्यान पर रखूंगा कि

कितना समय बाबा की याद में रहा।

बाबा आपने समझाया कि मीठी चीज की याद पड़ती है ना।
बाबा आप कितने मीठे हैं,

बाबा स्वीट की डिग्री आपने बताई कि

स्वीट, स्वीटर, स्वीटेस्ट कहा जाता है।
मीठे बाबा मैं आत्मा जानती हूँ कि

आपकी याद में रहकर ही मैं आत्मा

पवित्र बन सकती हूँ और मैं पवित्र रहूंगी तो

अनेक दूसरी आत्माओं को भी पवित्र बना सकती हूँ बाबा।


मीठे बाबा आप अपनी बनाई हुई नई सृष्टि में नहीं आते हैं।
लेकिन जो इतनी सुन्दर सृष्टि का

आप हमारे लिए निर्माण करते हैं

हमें उसमें कितना सुख मिलता हैं।

जो भी नई Nature में होता है जानवर, खेती-बाड़ी आदि

सबसे हम आत्माओं को ही सुख मिलता है।
बाबा आपने बताया कि

हमारी है बेहद की याद,

बेहद की खुशी,

बेहद का धन।
बाबा आपने बताया कि हम आत्माये

आपसे भी स्वीट होने वाले हैं।

बाबा हम आत्मायें आपसे स्वीट कैसे हो सकते हैं बाबा।

बाबा बस आपका आर्शीवाद

हम आत्माओं के सिर पर बना रहे।

आप हमें पढ़ाकर इतना ऊंच पद दिलाते हैं बाबा।
बाबा आपने बताया कि हम आत्मा याद में बहुत कच्चे हैं,

झट देह-अभिमान आ जाता है।
देही-अभिमानी बनने की प्रैक्टिस करनी है।

बाबा मैं देहीभिमानी बनने की प्रैक्टिस में सदा रहूंगा।
मीठे बाबा आपने बताया कि

अपने को आत्मा समझ बाप को याद करने में ही फायदा है।
बाबा आपकी याद में तो फायदा ही फायदा है क्योंकि

हम आत्मा पवित्र बन जाती हैं।

बाबा हम आत्मायें इस कर्मक्षेत्र पर

धन्धे आदि में रहते भी आपकी याद में रहेंगे

आपके प्यार में कोई बात मुश्किल नहीं है बाबा।


बाबा आपने बताया कि कोई भी उल्टा काम कभी नहीं करना।

बाबा मैं हर कर्म आपकी याद में रहकर ही करूंगा तो

कभी कोई उल्टा कर्म होगा ही नहीं।

बाबा मैं आत्मा जानती हूँ कि मैंने

द्वापर से देहभिमान में आकर जन्म-जन्मान्तर जो पाप किये हैं

उनका बोझ मेरे सिर पर हैं,

वह आपकी याद करने से ही भस्म होंगे।


मीठे बाबा आपने कहा कि आप गैरन्टी तब करते हैं जब

हम यह गैरन्टी करते हो कि

बाबा हम आपको याद करते रहेंगे।

बाबा मेरा सौभाग्य है कि

आप धरा पर परमधाम से आये और

आपके साथ गैरन्टी करने का पार्ट मिला

मैं उससे अवश्य निभाऊंगा बाबा।

बाबा मैं आपकी याद से इस शरीर का भान पूरी तरह खत्म करूंगा बाबा।

और आपसे विश्व की बादशाही जरूर लूंगा बाबा।... मीठे प्यारे बाबा...