• मीठे बच्चे - कभी थक कर याद की यात्रा को छोड़ना नहीं,
    • सदा देही-अभिमानी रहने का प्रयत्न करो,
    • बाप का प्यार खींचने वा स्वीट बनने के लिए याद में रहो

 

  • जितना हो सके स्वयं को आत्मा समझो।
    • प्यार के सागर बाप को याद करो तो परफेक्ट बन जायेंगे।
    • ज्ञान बहुत सहज है लेकिन 16 कला सम्पूर्ण बनने के लिए याद से आत्मा को परफेक्ट बनाना है।
    • आत्मा समझने से मीठे बन जायेंगे।
    • सब खिटखिटें समाप्त हो जायेंगी।

 

  • प्यार का सागर अपने बच्चों को भी ऐसा प्यार का सागर बनाते हैं।
    • बच्चों की एम ऑब्जेक्ट ही है कि हम ऐसे लक्ष्मी-नारायण बनें।
    • इनको सब कितना प्यार करते हैं।
    • बच्चे जानते हैं बाबा हमको इन जैसा मीठा बनाते हैं।
    • मीठा यहाँ ही बनना है और बनेंगे याद से।

 

  • भारत का योग गाया हुआ है, यह है याद।
    • इस याद से ही तुम इन जैसे विश्व के मालिक बनते हो।
    • यही बच्चों को मेहनत करनी है।
    • तुम इस घमण्ड में मत आओ कि हमको ज्ञान बहुत है।
    • मूल बात है याद।
    • याद ही प्यार देती है।
    • बहुत मीठे, बहुत प्यारे बनने चाहते हो, ऊंच पद पाना चाहते हो तो मेहनत करो।
    • नहीं तो बहुत पछतायेंगे क्योंकि बहुत बच्चे हैं जिनसे याद में रहना पहुँचता नहीं है, थक जाते हैं तो छोड़ देते हैं।
    • एक तो देही-अभिमानी बनने के लिए बहुत प्रयत्न करो।
    • नहीं तो बहुत कम पद पा लेंगे।
    • इतना स्वीट कभी नहीं होंगे।
    • बहुत थोड़े बच्चे हैं जो खींचते हैं क्योंकि याद में रहते हैं।
    • सिर्फ बाप की याद चाहिए।
    • जितना याद करेंगे उतना बहुत स्वीट बनेंगे।
    • इन लक्ष्मी-नारायण ने भी अगले जन्म में बहुत याद किया है।
    • याद से स्वीट बने हैं।

 

  • बाप कहते हैं बहुत मीठा तब बनेंगे जब समझेंगे कि हम आत्मा हैं।
    • आत्मा समझ बाप को याद करने में बहुत मज़ा है।
    • जितना याद करेंगे उतना सतोप्रधान, 16 कला सम्पूर्ण बनेंगे।
    • 14 कला फिर भी डिफेक्टेड हुआ फिर और डिफेक्ट होती जाती है।
    • 16 कला परफेक्ट बनना है।

 

  • हम फलाने का बच्चा हूँ ....... वह है अल्पकाल का नशा।
    • अब तुम बच्चों को बाप के साथ पूरा बुद्धियोग लगाना है, इसमें मूँझना नहीं है।
    • भल विलायत में कहाँ भी जाओ सिर्फ एक बात पक्की रखो, कि बाबा को याद करना है।
    • बाबा प्यार का सागर है।

     

  • राम-सीता को भी सम्पूर्ण नहीं कहेंगे।
    • वह सेकण्ड ग्रेड में चले गये।
    • याद की यात्रा में पास नहीं हुए।
    • नॉलेज में भल कितना भी तीखा हो, कभी भी बाप को मीठा नहीं लगेंगे।
    • याद में रहेंगे तब ही मीठे बनेंगे।
    • फिर बाप भी तुमको मीठा लगेगा।
    • पढ़ाई तो बिल्कुल कॉमन है, पवित्र बनना है, याद में रहना है।
    • यह अच्छी रीति नोट कर दो फिर यह जो कहाँ-कहाँ खिट-खिट होती है, अहंकार आ जाता है, वह कभी नहीं होगा - याद की यात्रा में रहने से।
    • मूल बात अपने को आत्मा समझ बाप को याद करो।

     

  • माला तो बहुत बड़ी है।
    • 8 की भी है, 108 की भी है, फिर 16108 की भी है।
    • बाप खुद कहते हैं बहुत-बहुत मेहनत करो।
    • अपने को आत्मा समझो।

 

  • भल ज्ञानी तू आत्मा हैं।
    • समझानी अच्छी है परन्तु योग है नहीं, दिल पर नहीं चढ़ते।
    • याद में ही नहीं रहते तो दिल पर भी नहीं चढ़ते।
    • याद से ही याद मिलेगी ना।
    • मूल बात है याद, तब ही खुशी का पारा चढ़ेगा।
    • जास्ती याद करने वालों को क्या पद मिलता है।
    • बहुत पिछाड़ी में साक्षात्कार होगा।
    • जब विनाश होगा तब तुम स्वर्ग के साक्षात्कार के हलवे खायेंगे।
    • बाबा बार-बार समझाते हैं - याद को बढ़ाओ।

 

  • बाप की याद से ही पाप कटते हैं, रात-दिन कोशिश करनी चाहिए।
    • फिर कर्मेन्द्रियों की चंचलता बन्द हो जायेगी।
    • इसमें बहुत मेहनत है।
    • बहुत हैं जिनकी याद का चार्ट है नहीं।
    • गोया फाउन्डेशन है नहीं।
    • जितना हो सके कैसे भी याद करना है तब ही सतोप्रधान, 16 कला बनेंगे।
    • पवित्रता के साथ याद की यात्रा भी चाहिए।
    • पवित्र रहने से ही याद में रह सकेंगे।

 

  • याद का जौहर अभी कम है।
    • कोई भी देहधारी को याद नहीं करना है।
    • तमोप्रधान से सतोप्रधान बनने में ही मेहनत है।