देने वाला लुटा रहा है...


Avyakt BaapDada

15.02.1969
"...बाप का परिचय मिला ,खज़ाना, लाटरी मिली। अभी बच्चों की सर्विस पूरी की। वतन से अभी सबकी करनी है। बच्चे सगे भी हैं तो लगे भी हैं। सर्विस तो सबकी करनी है। ..."


 

26.05.1969
"...बाप में निश्चय तो 100% है लेकिन बाप के फरमान और आज्ञाओं में निश्चय बुद्धि होकर के जो फरमान मिला और किया। ऐसे फरमान में निश्चय बुद्धि मैजारिटी 50% की रिजल्ट में है। ..."


 

16.06.1969
"... स्नेह और शक्ति दोनों का जहाँ मिलाप होता है, वहाँ आत्मा और परमात्मा का मिलाप भी अविनाशी अमर रहता है। तो अपने इस मिलन को अविनाशी बनाने के लिये क्या साधन करना पड़ेगा? स्नेह और शक्ति दोनों का मिलाप अपने अन्दर करना पड़ेगा- तब कहेंगे आत्मा और परमात्मा का मिलाप। मेले में तो बैठे हो लेकिन कई मेले में बैठे हुए भी दोनों के मिलाप को भूल जाते हैं। ..."


 

06.07.1969
"...निरसंकल्प जो होता है उनको ही सच्चा योगी कहा जाता हैं। उनमें जो लक्ष्य है वह धारण करना है। अच्छा - बहुत कुछ खजाना मिला। अब उसको अपने पास जमा करो। और गऊ मिसल उगारना है। ..."


 

27.08.1969
"...हर एक को अपने को सजाना है। सदैव खुशबू देते रहो। लक्ष्य जो मिला है वैसा ही लक्ष्मी नारायण बनना है। राइट रास्ते पर चलना है। ..."


 

18.09.1969
"... मैं भी तेरी और मेरा सब कुछ भी तेरा। सो फिर भी मेरा कहाँ से आया? तेरे को मेरे से मिला देते हो। इससे क्या सिद्ध हुआ कि पहला वायदा ही भूल जाते हो। पहला-पहला वायदा ही सब यह कहते हैं :- जो कहोगे, वो करेंगे, जो खिलायेंगे, जहाँ बिठायेंगे। यह जो वायदा है, वह वायदा याद है? तो बाप तुमको अव्यक्त वतन में बिठाते हैं।..."


 

16.10.1969
"...बुद्धि की सफाई अर्थात बुद्धि को जो महामन्त्र मिला हुआ है उसमें बुद्धि मगन रहे। एक की याद को छोड़ अनेक तरफ बुद्धि जाने के कारण शक्तिशाली नहीं रहते।..."