गीत:- जाना है हमें अपने परमधाम.... |
"परमपिता परमात्मा"
नहीं जानते हैं।
बाप कहते हैं कि जैसे तुम्हारी आत्मा है, वैसे मेरी भी आत्मा है।
मैं नहीं आता हूँ।
पतित बनते हैं। तब बुलाते हैं।
शिवबाबा पढ़ा रहे हैं।
परमात्मा आते हैं! सब पुकारते हैं - हे पतित-पावन आओ।
आना भी है पतित दुनिया में।
परमात्मा इतना छोटा है जैसे आत्मा छोटी है, परन्तु वह है मनुष्य सृष्टि का बीजरूप, नॉलेजफुल।
तुम मुझे परमपिता परमात्मा कहते हो। पुकारते हो तो जरूर आयेंगे ना। गायन भी है कि दूरदेश का रहने वाला आया देश पराये। |
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