भगवान हमारा साथी है...

जरा याद करें उस बाबा को

और लुटाया जा रहा

वो प्यार और रहम

हम बच्चों के प्रति।

ऐसा प्यारा बाबा जो

फिर अगले कल्प

यानि 5000 वर्ष के लिए

विदाई ले लेंगे...

 


19.03.1990

"...बाप के साथ-साथ जाना है ना

या बीच में

धर्मराजपुरी में रूकना है।

सभी साथ चलने वाले हो ना।

 

 

सभी का यह दृढ़ संकल्प है कि

साथ है और साथ चलेंगे।

और आगे भी

ब्रह्मा बाप के साथ

राज्य में वा पार्ट में आयेंगे -

पक्का संकल्प है ना?

 

 

चलते-चलते थक जायेंगे तो

रूक जायेंगे फिर क्या करेंगे?

क्योंकि बाप तो

उस समय रूकेंगे नहीं।

अभी रूक रहे हैं।

 

 

अभी समय दिया है,

उस समय नहीं रूकेंगे।

उस समय तो सेकण्ड में उड़ेंगे।

 

 

अभी नये नये बच्चों के लिए

लेट हुआ है लेकिन

टू लेट का बोर्ड नहीं लगा है।

अभी तो नई दुनिया आने के लिए,

नये-नये बच्चों के लिए

रूकी हुई है कि

यह भी लास्ट सो फास्ट

और फर्स्ट नम्बर तक

पहुंच जाएं।

सभी साथ जाने के लिए

तैयार हो ना? ..."

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