![]() |
अन्तिम घड़ियां आ पहुँची हैं कुछ ही क्षण बाकी हैं... |
जरा याद करें बाबा को ऐसा प्यारा बाबा जो फिर अगले कल्प यानि 5000 वर्ष के लिए विदाई ले लेंगे...
16.01.1985 बाप के सहयोग और बाप के भाग्य के खुले भण्डार मिलने का।
अभी स्नेह के कारण बाप के रूप में हर समय हर परिस्थिति में साथी है लेकिन इस थोड़े समय के बाद साथी के बजाए साक्षी हो देखने का पार्ट चलेगा।
चाहे सर्वशक्ति सम्पन्न बनो, चाहे यथाशक्ति बनो दोनों को साक्षी हो देखेंगे।
इसलिए इस श्रेष्ठ समय में बापदादा द्वारा वर्सा, वरदान, सहयोग, साथ इस भाग्य की जो प्राप्ति हो रही है उसको प्राप्त कर लो।
प्राप्ति में कभी भी अलबेले नहीं बनना। अभी इतने वर्ष पड़े हैं, सृष्टि परिवर्तन के समय और प्राप्ति के समय दोनों को मिलाओ मत।
इस अलबेले पन के संकल्प से सोचते नहीं रह जाना। सदा ब्राह्मण जीवन में सर्व प्राप्ति का, बहुतकाल की प्राप्ति का यही बोल याद रखो ‘‘अब नहीं तो कब नहीं।’’..." |
To view Full Album click the |