आओ शिव का ध्यान धरें आशा का करें उजियारा...


मुरली से प्यार है?...

पढ़ाई मिस न हो।...


Avyakt Baapdada - 22.02.1990




"...जैसे बाप से नम्बरवन प्यार है,

ऐसे मुरली से भी प्यार है?

 

जब से आये हो तब से

कितनी मुरलियाँ मिस हुई होंगी?

कभी कोई ऐसे बहाने से

क्लास मिस किया है?

 

जैसे बाप को याद करना

मिस नहीं कर सकते,

ऐसे पढ़ाई मिस न हो।

 

इसमें भी नम्बरवन होना है।

बाप के रूप में याद,

शिक्षक के रूप में पढ़ाई

और सतगुरु के रूप में

प्राप्त वरदान

कार्य में लगाना

यह तीनों में नम्बरवन चाहिए। ..."

 

 

 

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