Thus Says God Now

कब घर जाना है?

19.10.2011

"...आपकी एडवांस पार्टी भी आवाह्न कर रही है।

सुनाया था चार बजे एडवांस पार्टी वाले भी वतन में आते हैं,

तो पूछते हैं कब मुक्ति का गेट खोलेंगे?

किसको खोलना है?

आप सभी मुक्ति का गेट खोलने वाले हो ना!

आपका सम्पूर्ण बनना अर्थात् मुक्ति का गेट खुलना।

तो बापदादा से एडवांस पार्टी रूहरिहान करती है कब तक?

तो बाप आपसे पूछते हैं कब तक?

तो क्या जवाब देंगे?

पहली लाइन वाले बोलो, कब तक?

हर कार्य के लिए डेट फिक्स करते हो ना!

तो इस कार्य की डेट कब तक?

ब्रह्मा बाप तो फरिश्ते रूप में आवाह्न कर रहे हैं।

बता सकते हो डेट?

बोलो, डेट फिक्स कर सकते हैं?

अभी डेट फिक्स है?

पाण्डव हाथ उठाओ, डेट फिक्स है?

नहीं है। क्यों?

दीदी कहती है बाबा हम लोगों को लगन थी घर जाना है,

घर जाना है, घर जाना है।

दादी कहती है हमको लगन थी कर्मातीत होना है, कर्मातीत होना है..।

तो आप सभी का तो दीदी दादी से प्यार है ना।

है तो सभी से क्योंकि जो भी एडवांस पार्टी में गये हैं

उन सभी से आपका प्यार तो है।

अभी उसके प्रश्न का उत्तर दो।

तो आपस में रूहरिहान कर अब कुछ जवाब तैयार करना।

करेंगे? ..."