Today's Murli Points regarding Baba's Yaad

12.05.2018 - Sakar Murli

1.

भक्ति करने वाले, भगवान को याद करते हैं। यह सजनियाँ साजन को याद करती हैं। किसलिए? फूल बनने लिए।

 

2.

तुम बच्चे जानते हो - हमारा बाप परमधाम से आया है। हमको कहते हैं - बच्चे, अब नाटक पूरा होता है, मुझे याद करो।

 

3.

नटशेल में तो हैं ही दो बातें - बाप और वर्से को याद करना है। याद के चार्ट पर ही मदार है। घर में रहो, युक्ति से चलो, बाप और वर्से को याद करो। चार्ट रखो - हम कितना समय योग में रहे? बाप को याद करने से वर्सा जरूर मिलता है। बाप तो बहुत सहज कर बतलाते हैं। परन्तु कोई याद करे भी ना।

 

4.

कोई-कोई बाँधेली बच्चियाँ ऐसी अच्छी हैं जो घर में रहते भी कई महारथियों से अच्छा योग में रहती हैं। शिवबाबा को बहुत याद करती हैं - शिवबाबा हमें दु:ख से छुड़ाओ। जानते हैं - शिवबाबा से हमको स्वर्ग की राजाई मिलती है। घर में याद करते-करते अगर प्राण त्याग दें तो भी बहुत अच्छा पद मिल सकता है। "मेरा तो एक दूसरा न कोई" - इसी निश्चय से बेड़ा पार हो जाए।

 

5.

बाप कितना सहज कर बतलाते हैं, सिर्फ मुझे याद करो इसमें तो बहुत खुशी होनी चाहिए।

 

6.

मुख्य बात है बाप और वर्से को याद करना। नटशेल में यह काफी है। सेकेण्ड में जीवन्मुक्ति पाने का पुरुषार्थ करते-करते इतना याद करना है जो अन्त काल और कुछ याद न आये।

 

7.

हम सारे सृष्टि के आदि, मध्य, अन्त को जानते हैं। बाप से स्वर्ग का वर्सा ले रहे हैं। सिर्फ बाप को याद करते हैं। गृहस्थ व्यवहार में रहते हैं, इसमें कोई छोड़ने की बात नहीं।

 

8.

अपनी दिल से पूछना है - हम बाबा को याद करते हैं? रात को हमेशा पोतामेल देखो। सारे दिन में अथवा सवेरे उठकर कितना समय बाप को याद किया? बाप को याद कर श्रीमत पर चलना है।