POINTS OF YAAD FROM MURLI - 04.10.2018
1.
मीठे बच्चे - देह के सम्बन्धों में बंधन है, इसलिए दु:ख है, देही के सम्बन्ध में रहो तो अथाह सुख मिल जायेगा, एक मात-पिता की याद रहेगी
2.
नशा रहे कि कल्प-कल्प हम बाप की याद से माया दुश्मन पर विजयी बन हीरे जैसा बने हैं।
3.
देवी-देवताओं के पुजारी पारलौकिक मात-पिता को याद तो करते ही आये हैं और भक्त भी जानते हैं हमको भक्ति का फल देने मात-पिता को आना है जरूर।
4.
देही के सम्बन्ध से एक ही मात-पिता याद रहता है। लौकिक और पारलौकिक को याद करने में रात-दिन का फ़र्क है।
5.
बच्चे मात-पिता को बुलाते हैं कि आकर के ऐसी मीठी-मीठी बातें सुनाओ। वो इनडायरेक्ट बुलाते हैं, तुम डायरेक्ट बुलाते हो। वह भी याद करते हैं - हे परमपिता परमात्मा।
6.
नई सृष्टि की स्थापना और पुरानी का विनाश सो तो ब्रह्मा-विष्णु-शंकर का रचयिता परमपिता परमात्मा ही करेंगे। इन बातों को तुम बच्चे अच्छी रीति समझते हो। बातें तो बड़ी सहज है। नाम ही रखा हुआ है सहज योग वा याद
7.
बाप कहते हैं मुझे याद करो तो विकर्म विनाश होंगे। माया का वार नहीं होगा। फिर वर्से को याद करो। यह भी किसको सुनाना पड़े ना। बाप का परिचय दे उनसे बुद्धियोग लगाना है।
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