POINTS OF YAAD FROM MURLI - 18.05.2018


1.

बाप कहते हैं अब निरन्तर यही याद करो।

बाप परमधाम से हमको पढ़ाने, राजयोग सिखाने आया हुआ है।

महिमा सारी उस एक की ही है

 

2.

बाप बार-बार कहते हैं देह-अभिमान छोड़ देही-अभिमानी बनो और याद शिवबाबा को करो।

ऐसे ही समझो - शिवबाबा ही सब कुछ करते हैं।

 

 

3.

सुप्रीम टीचर वह है, याद उनको करना है।

कभी भी इस जिस्म को याद नहीं करना है।

बुद्धियोग बाप के साथ लगाना है।

 

 

4.

बच्चे, अब इस शरीर को याद न करो।

अपने को आत्मा निश्चय करो और बाप को याद करो।

इस पुरानी दुनिया में आत्मा और शरीर दोनों ही पतित हैं।

 

5.

ब्रह्मा की आत्मा भी उनको याद करती है।

एक भगवान को सब भक्त याद करते हैं।

परन्तु तमोप्रधान बन गये हैं तो बाप को भूल ठिक्कर-भित्तर सबकी पूजा करते हैं।

 

6.

बाप समझाते हैं हमेशा ऐसे समझो - हम शिवबाबा के हैं, शिवबाबा हमको पढ़ाते हैं, शिवबाबा हमको इस ब्रह्मा तन द्वारा शिक्षा दे रहे हैं। शिवबाबा की याद में फिर बहुत मजा आता रहेगा। ऐसा गॉड फादर कौन कहलाये।

 

7.

कितना मीठा बाप है! मीठी चीज़ को याद किया जाता है।

जैसे आशिक-माशुक का प्यार होता है।

उनका विकार के लिए प्यार नहीं होता है।

बस, एक दो को देखते रहते हैं।

तुम्हारा फिर है आत्माओं का परमात्मा के साथ।

 

8.

आत्मा जो बिल्कुल काली हो गई है उनको योगबल से कितना स्वच्छ बनाता हूँ!

तो इनको (दादा को) कभी याद नहीं करना है।

यह काम सारा शिवबाबा का है, उनको ही याद करो।

इन ब्रह्मा से मीठा वह है।

आत्माओं को कहते हैं तुमको इन ऑखों से यह ब्रह्मा का रथ देखने में आता है परन्तु तुम याद शिवबाबा को करो।