POINTS OF YAAD FROM MURLI - 19.05.2018


1.

एक ही बाप खुद कहते हैं - हे बच्चे, शिव भगवानुवाच, मैं तुम सबका भगवान हूँ।

सब मुझे याद करते हैं।

मैं ही सब बच्चों को सदा सुखी, सदा शान्त बनाता हूँ।

सिर्फ कहने मात्र तो नहीं।

 

2.

कोई देवी-देवता धर्म का होगा तो सैपलिंग लग जायेगी।

बाकी कॉलेज वा युनिवर्सिटी यह एक ही है, जहाँ रोज़ पढ़ना है।

बाप को घड़ी-घड़ी याद करना है और पवित्र बनना है।

 

 

3.

अब बाप समझाते हैं - सारा कल्प जिस्मानी अभिमान में रहते हो।

अब देही-अभिमानी बनो।

सतयुग में तुम्हारा दैवी शरीर था फिर क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र शरीर में आये।

अब हे आत्मा, तुमको चेन्ज करना है।

तुम आत्माओं से बात कर रहा हूँ।

तुम इन कानों से सुनते हो।

और कोई मनुष्य ऐसे नहीं कहेंगे।

 

4.

हम आत्माओं को राजयोग सिखाते हैं। बाप आते हैं - इसमें संशय नहीं आना चाहिए।