POINTS OF YAAD FROM MURLI - 21.05.2018


1.

बाप का डायरेक्शन है - श्रीमत पर चल तुम इस भारत का बेड़ा पार करो। सर्व धर्मान् परित्यज... मामेकम् याद करो। पावन बनकर औरों को पावन बनाओ।

 

2.

बाप कहते हैं मैं तुमको स्वर्ग का मालिक बनाता हूँ - राजयोग और ज्ञान सिखला करके। परमपिता परमात्मा आत्माओं को आकर पढ़ाते हैं, कहते हैं आत्म-अभिमानी भव।

 

3.

बाबा कहते हैं मैंने तुमको जन्म दिया तो याद फिर भी मुझे करना है और वर्से को भी याद करो। मौत सामने है। मरने समय कहते हैं भगवान को याद करो। अब भगवान खुद कहते हैं - बच्चे, तुम मेरी श्रीमत पर चलो।

 

4.

सतयुग में वर्ल्ड आलमाइटी अथॉरिटी का राज्य था, अभी वह नहीं है। बाप कहते हैं फिर से मैं स्थापन कर रहा हूँ। बाकी सब धर्म खलास हो जायेंगे। अब तुम पतित-पावन परमात्मा को याद करो, अपने को आत्मा समझो।

 

5.

अब बाबा कहते हैं सर्व धर्मान् परित्यज.... मामेकम् याद करो तो योग अग्नि से तुम्हारे विकर्म विनाश होंगे। ऐसे नहीं, पतित-पावनी गंगा है। पतित-पावन एक ही बाप है।

 

6.

परमात्मा हमेशा बच्चों को सुख का वर्सा देते हैं इसलिए सब उनको याद करते हैं - पतित-पावन आओ। हे बाबा, हमको आकर फिर से स्वर्ग का राज्य-भाग्य दो, आकर जीवन्मुक्ति दो। सद्गति दाता भगवान ही है।

 

7.

तुम्हें बाप की श्रीमत मिली हुई है - सर्व धर्मान् परित्यज.. मामेकम् याद करो। वह बाप है सत्-चित-ज्ञान का सागर, सुख का सागर..।

 

8.

जब परमपिता परमात्मा आते हैं तो बहुत काल से जो बिछुड़ी हुई आत्मायें हैं वही पहले-पहले आकर बाप से वर्सा लेती हैं। बच्चे, गृहस्थ व्यवहार में रहते बाबा को याद करो, कमल फूल समान रहो, श्रीमत पर फिर से ऐसा श्रेष्ठ बनो।