POINTS OF YAAD FROM MURLI - 24.05.2018


1.

पुरुषार्थ में माया बहुत विघ्न डालती है। परन्तु उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए। सिर्फ बाबा को अच्छी रीति याद करने से ही त़ूफान उड़ जाते हैं।

 

2.

मैं आत्मा हूँ, यह शरीर अलग है। हम आत्मा वहाँ से आये हैं - यह सब बातें बाबा ही याद दिलाते हैं। और बाप कहते हैं सभी को याद दिलाओ।

 

3.

सिवाए योगेश्वर के कोई योग सिखला न सके। योग सिखलाने वाला है ईश्वर, वह है निराकार। बाप कहते हैं तुमको अब योग सिखला रहा हूँ।

 

4.

गाली भी तुमको खानी पड़ती है। बाबा गाली खायेंगे तो क्या बच्चे नहीं खायेंगे। सितम सहन करेंगे। यह भी ड्रामा में नूँध है। फिर भी ऐसे ही होगा। अभी तुम बच्चों को पारस बुद्धि बनाता हूँ। ऐसे बाप को बहुत याद करना चाहिए - जो विश्व का मालिक बनाते हैं। कहते हैं बच्चे जीते रहो। स्वर्ग का राज्य लो। ऐसे मीठे-मीठे बाप को तुम याद नहीं कर सकते हो? याद से ही विकर्म विनाश होंगे। रहा हुआ पापों का खाता यहाँ चुक्तू करना है। अगर योग नहीं लगायेंगे तो सजा खानी पड़ेगी।

5.

अब यहाँ रहने में ज़रा भी मजा नहीं है। अब हम बाबा के पास जाते हैं। बाबा को ही याद करना है। वहाँ से फिर स्वर्गधाम में जायेंगे। यह यात्रा बड़ी वन्डरफुल है, इसमें माया बहुत विघ्न डालती है।