POINTS OF YAAD FROM MURLI - 05.06.2018


1.

तुम्हारे पर जवाबदारी है पावन बनकर सारे विश्व को पावन बनाने की। इसके लिए तुम्हें निरन्तर शिवबाबा को याद करते रहना है। याद ही योग अग्नि है जिससे आत्मा पावन बनती है। विकर्म विनाश हो जाते हैं।

 

2.

सब भक्त एक भगवान को याद करते हैं जिसको याद किया जाता है उनका जरूर नाम, रूप, देश, काल होता है। उनको बेअन्त नहीं कहा जा सकता। मनुष्य ईश्वर बाप को बेअन्त कहते आये हैं, उनका कोई अन्त पा नहीं सकते हैं

 

3.

बच्चे बाप को भूल गये हैं इसलिए सारी मनुष्य सृष्टि नास्तिक पतित कही जाती है। हर एक नर-नारी पतित हैं तब तो पतित से पावन बनाने वाले को याद करते हैं।

 

 

4.

बाप कहते हैं - हे आत्माओं, अब तुम मुझे याद करो मैं तुम्हारा गाइड और लिबरेटर हूँ।

 

 

5.

बाप कहते हैं इस देह का भान छोड़ो। मुझ बाप को याद करने से ही तुम्हारे पाप भस्म होंगे। निरन्तर मुझे याद करो और कोई उपाय नहीं। अन्त तक याद करना है। माया जीते जगत जीत बनना है।

 

6.

तुम ब्रह्माकुमार कुमारियां वर्सा लेते हो शिवबाबा से। याद भी शिवबाबा को ही करना है। वह कहते हैं मेरा नाम एक ही शिव है। तुम भी आत्मा हो परन्तु तुम शरीर लेते और छोड़ते हो इसलिए जन्म बाई जन्म तुम्हारे नाम बदलते हैं।

 

7.

मेरा नाम एक ही है शिव। शिवबाबा को याद करते रहो तो विकर्म विनाश होंगे। योग अग्नि बिगर कोई पावन बन नहीं सकते। तुमने प्रतिज्ञा की है - बाबा, हम पवित्र बन भारत को पावन बनाए फिर राज्य करेंगे। शिवबाबा को याद नहीं करते तो गोया अपने को पतित बनाते हैं इसलिए फिर धर्मराज की बहुत कड़ी सजा खानी पड़ेगी। तुम्हारे पर बड़ी रेसपान्सिबिलिटी है। बाप को याद करते रहना, यह है रूहानी यात्रा।