POINTS OF YAAD FROM MURLI - 07.06.2018


1.

अभी तुम सबसे नष्टोमोहा बनते हो। अपने को आत्मा निश्चय करते हो। आत्मा का योग है बाप से, योग अर्थात् याद। तुम्हारी बात ही निराली होती है ना।

 

2.

बाप बैठ समझाते हैं - बच्चे, तुम आत्मा हो। अपने को आत्मा समझ मुझे याद करो। वह बाप भी है। सतगुरू भी है।

 

3.

तुम समझाते हो गीता है माई बाप। बाकी सब शास्त्र हैं उनके बाल-बच्चे। गीता से ही राजयोग का व स्वर्ग की राजाई का वर्सा मिलता है। बाकी बाल-बच्चों से वर्सा क्या मिलेगा।

 

 

4.

यह सब पुरुषार्थ कर रहे हैं, कर्मातीत बनने की रेस है। कौन अच्छी रीति योग लगाते और रूद्र माला में जाते हैं। मम्मा-बाबा तो प्रसिद्ध हैं फिर हैं नम्बरवार। पास विद आनर्स को फुल मार्क्स मिलते हैं।

 

5.

जितना योग में रहेंगे तो पवित्र बन सकेंगे। याद में रहते और सर्विस करते रहें तो उनको जास्ती फल मिलेगा। मोस्ट बिलवेड बाप है जिससे 21 जन्मों के लिए सुख का वर्सा मिलता है।