POINTS OF YAAD FROM MURLI - 11.06.2018


1.

अब बाप कहते हैं पुरानी चीज़ की याद भूल जाओ। एक बाप को याद करो। जो बाप नई दुनिया के लिए नया राज्य-भाग्य देते हैं। घर गृहस्थ में रहते समझो यह सब कुछ शिवबाबा का है।

 

2.

एक जिस्म का लौकिक बाप, दूसरा आत्माओं का पारलौकिक बाप। आत्मायें उस पारलौकिक बाप को याद करती हैं - ओ गॉड फादर, भिन्न-भिन्न नाम रूप से याद करती हैं।

 

3.

सतयुग-त्रेता का 21 जन्मों का वर्सा अभी पारलौकिक बाप से मिलता है। फिर द्वापर से लेकर लौकिक बाप से अल्पकाल के लिए वर्सा लेते आये हो। भिन्न नाम, रूप, देश, काल से। याद भल उस पारलौकिक बाप को करते। आत्मा याद करती है, कहती है यह मेरा शरीर लौकिक बाप ने दिया है। तो दो बाप हुए ना। अभी तुम बच्चे जानते हो कि तीसरा बाप भी है प्रजापिता ब्रह्मा।

 

4.

अभी हमको आतुरवेला (उतावली) होती है कि यह पुराना शरीर छोड़ हम आत्मा बाप की याद में रहने से पावन बन बाबा के पास जायेंगे। बाबा से 21 जन्मों के लिए वर्सा लेंगे। तो लौकिक बाप भी है, ब्रह्मा बाबा भी है तो शिवबाबा भी है। तीनों बाप हैं ना बरोबर।

 

5.

अपने को आत्मा समझ बाप को याद करना है - यह है बुद्धि की बात। हमको बाप को याद करना है, शरीर का भान छोड़ देना है। तुम गुरू लोगों को याद करते हो। बहुत गुरू अपना चित्र बनाए शिष्यों को दे देते हैं - गले में डाल दो। ऐसे बहुत हैं। पति का भी चित्र निकाल गुरू का डाल देते हैं। बाबा कहते हैं यहाँ कोई चित्र डालने की बात नहीं। सिर्फ बाप को याद करना है।

 

6.

अब स्वीट होम जाना है जरूर। तो क्यों न हम प्रतिज्ञा करें पवित्र रहने की और याद में रहें तो विकर्म विनाश हों।

 

7.

पुरानी दुनिया, पुराने तन में आया हूँ। अब मामेकम् याद करो। मैं गाइड बन आया हूँ। गॉड फादर को लिबरेटर कहा जाता है।