POINTS OF YAAD FROM MURLI - 12.06.2018


1.

तुम जिसको मात-पिता कहते हो वह तो जरूर स्वर्ग का रचता है तो तुमको जरूर स्वर्ग का वर्सा मिलना चाहिए। वह कहते हैं निरन्तर मुझे याद करो और सबको भूलो। इनके साथ रहते हुए, सामने देखते हुए बुद्धि वहाँ लगानी है। बाबा का फरमान मिलता है तो सिर पर रखना चाहिए ना।

 

2.

कोई मरता है तो भी कहते हैं स्वर्गवासी हुआ। परन्तु यह तो नर्क है। स्वर्ग में तब जा सकते हैं जब बाप आये, राजयोग सिखलाये, तब राजाई वा प्रजा पद पा सकते हैं। अब यह है कमाई। कहते हैं ना - इसने कौन-सी कमाई की जो यह इतना साहूकार बना। तो सतयुग के देवताओं ने कौन-सी कमाई और कब की जो यह ऐसे बनें?

 

3.

कहते हो ना तुम्हीं से खाऊं... तुम्हीं से घूमूं। बाबा-बाबा कहने से उनसे योग लगा रहेगा। एवरहेल्दी बन जायेंगे। यह है हेल्दी बनने की सेनेटोरियम।

 

4.

तुम्हारा है राजयोग। वह तो कहेंगे स्वर्ग के सुख तो काग विष्टा के समान हैं। परन्तु भारत का राजयोग तो मशहूर है। इसको कोई जानते नहीं। प्राचीन योग तो प्राचीन बाप ही सिखायेंगे।