POINTS OF YAAD FROM MURLI - 30.06.2018


1.

अभी तुम मुझ बाप को याद करो। मैं तुम आत्माओं का निराकार बाप हूँ। ‘बाबा-बाबा' अक्षर बोलो।

2.

बाबा कहते हैं - अब तुमको वापिस आना है, मुझे याद करो। निराकार बाबा निराकार आत्माओं को कहते हैं - ‘बाबा-बाबा' करते रहो।

 

3.

बाबा को याद नहीं करेंगे तो फिर खुशी कैसे होगी? अपने आपको न जानने के कारण ही दु:खी होते हैं। तुम ‘मन' अक्षर क्यों कहते हो? अरे, तुमको बाप याद नहीं पड़ता! बाप को भूल जाते हो क्या! लौकिक बाप के लिए कभी कहते हो क्या - हमको याद नहीं पड़ता है? छोटे बच्चे को भी सिखलाया जाता है - यह माँ-बाप है। यह बेहद का बाप कहते हैं - मुझे याद करो तो मैं तुमको स्वर्ग में ले जाऊंगा।

 

4.

अन्त में सबका हिसाब-किताब चुक्तू होगा, नम्बरवार। चुक्तू नहीं होगा तो सजा खानी पड़ेगी। चुक्तू करना है बाप की याद से। याद नहीं करते हैं, तब आत्मा मुरझाती है। बाप कहते हैं - मेरे को याद नहीं करेंगे तो माया वार करेगी। जितना हो सके याद करो। कम से कम 8 घण्टे तक याद रहेगी तो तुम पास हो जायेंगे। चार्ट रखो। तूफान तब आते हैं जब अपने को आत्मा समझ बाप को याद नहीं करते हो। गाते भी हैं - सिमर-सिमर सुख पाओ। अन्दर सिमरना है। चुप रहना है। राम-राम वा शिव-शिव कहना नहीं है। याद से तुम्हारे कलह-क्लेष मिट जायेंगे। तुम निरोगी बन जायेंगे। सीधी बात है। बाप को भूलने से ही माया का थप्पड़ लगता है।

 

5.

ऐसे नहीं कहना चाहिए कि हमारा मन नहीं लगता। यह तुम क्या कहते हो! बाप को भूलने से ही यह हाल होता है। बाप को याद करो तो खुशी का पारा चढ़ा रहेगा। बाप को याद करने से बड़ी भारी कमाई है। सारी रात बाप को याद करो। नींद को जीतने वाले बनो। गाते आये हो - बलिहार जाऊं। अब कहते हैं - मैं आया हूँ, तो मामेकम् याद करो ना। मुझ आत्मा का बाप वह है, उनको याद करना है।

 

6.

बाप कहते हैं - देह सहित सब कुछ यह पुराना है। अब बाप और वर्से को याद करो। इस पढ़ाई से हम प्रिन्स-प्रिन्सेज जाकर बनेंगे सतयुग में।