POINTS OF YAAD FROM MURLI - 05.07.2018


1.

खुदा ही रचयिता और रचना का नॉलेज बता सकते हैं। वह तो रहते हैं शान्तिधाम में। उनको याद करने से तुम शान्ति का वर्सा ले सकते हो। वर्सा लेते-लेते विकर्म विनाश हो जायेंगे और फिर तुम खुदा के पास चले जायेंगे।

 

2.

 बाबा कहते 8 घण्टा तो देही-अभिमानी बनो। फिर भल शरीर निर्वाह अर्थ काम भी करो। रात को जागो तो बहुत अच्छी लगन लगेगी। कमाई है ना। हे नींद को जीतने वाले बच्चे मुझे श्वाँसों श्वाँस याद करो। विचार सागर मंथन करो। रात दिन जितना योग में रहेंगे, विकर्म विनाश होंगे।

 

3.

माया भी कोई कम नहीं है, इस माया पर ही जीत पानी है इसलिए कवच पड़ा रहे। कवच का अर्थ ही है मनमनाभव। शिवबाबा को याद करो, देही-अभिमानी बनो। इस अन्तिम जन्म में तुम एक ही बार देही-अभिमानी बनते हो। फिर सतयुग से कलियुग तक यह देही-अभिमानी बनने की शिक्षा कोई देता ही नहीं। इस समय ही देही-अभिमानी बनना पड़ता है क्योंकि अब शरीर छोड़ मेरे पास आना है।

 

4.

बुद्धि की मथानी चलानी चाहिए। रात को भी शिवबाबा को याद कर सो जाओ, सर्विस का शौक होगा तो उनको नींद थोड़ेही आयेगी।