POINTS OF YAAD FROM MURLI - 07.07.2018


1.

ज्ञान सागर तो बाप ही है। जानते हैं वह परमधाम से पधारा हुआ है हमको शिक्षा देने। तुम्हारी बुद्धि परमधाम, स्वीट होम तरफ लगी हुई है। भल पढ़ाते तो यहाँ ही हैं, मात-पिता सम्मुख बैठे हैं तो भी बुद्धियोग अथवा याद निर्वाणधाम तरफ ही है। हमको बाप के साथ घर जाना है। फिर विष्णु के घर आयेंगे। वह भी घर है, यह भी घर है। कृष्णपुरी ससुरघर जाना है। पहले तो बाप जो लायक बनाते हैं उनको याद करना है।

 

2.

अब तुम बेहद बाप के बच्चे बने हो। बाप कहते है - मामेकम् याद करो। देह सहित देह के सभी सम्बन्ध आदि छोड़ो।