POINTS OF YAAD FROM MURLI - 09.07.2018


1.

अभी जितना-जितना तुम पुरुषार्थ करते हो उतना नशा चढ़ता जाता है। निरन्तर यह याद रहना चाहिए-हम आत्माओं का बाप परमात्मा आया हुआ है। हमको पढ़ा रहे हैं-विश्व का मालिक बनाने। तो पुरुषार्थ करने की शुभ चिंता होनी चाहिए।

 

2.

माया भी कहती है-तुम बाप को याद नहीं करते हो तो मैं मारती हूँ। माया को हुक्म मिला हुआ है।

 

3.

माया बड़ी तमोप्रधान है। वह भी जानती है-यह बाप को ठीक रीति याद नहीं करते हैं इसलिए मारो इनको घूँसा। माया कहती है-अगर बाप और वर्से को याद नहीं करेंगे तो मैं थप्पड़ मार दूँगी।

 

4.

तुमको सदा सुखी बनाने आया हूँ, तो भी तुम मुझे याद नहीं करते हो। है भी बड़ा सहज, परन्तु टाइम लगता है। नहीं तो बाप और वर्से को याद कर खुशी का पारा चढ़ जाना चाहिए। आखिर में याद करते-करते झुझकी (हिचकी) आये-बस, हम बाबा के पास चला जाता हूँ, फिर आ जाऊगाँ स्वर्ग में। एकदम जैसे मौलाई (मस्त) बन चले जायेंगे।

 

5.

सच्चे-सच्चे आशिक तुम हो। आधाकल्प तुम आशिक बन माशूक को खूब याद करते हो। परन्तु यह जानते नहीं कि आत्मा परमात्मा पर आशिक होती है। वह तो कह देते-आत्मा सो परमात्मा, परमात्मा सो आत्मा।

 

6.

बाप कहते हैं-हमको भी पुराना तन लेना पड़ता है। अब मुझ बाप को याद करो तो विकर्म विनाश होंगे। टाइम भी देते हैं। पाण्डव गवर्मेन्ट की सर्विस कम से कम 8 घण्टा होनी चाहिए। राजयोग सिखलाना है।