POINTS OF YAAD FROM MURLI - 12.07.2018


1.

बाबा कहते हैं कि भल कर्म करो फिर जितना समय मिले तो बाबा को याद करो।

 

2.

तुम बच्चों को तो बाप की याद में रहना है, स्वदर्शन चक्र फिराना है, अपने को मास्टर बीजरूप समझना है।

 

3.

बच्चों को भिन्न-भिन्न प्रकार की समझानी रोज़ मिलती रहती है तो खुशी में रहना चाहिए ना। तुम जानते हो शिवबाबा रोज़ पढ़ाते हैं। ऐसे नहीं कि साकार को याद करना है। शिवबाबा हमको ब्रह्मा बाबा द्वारा सहज राजयोग सिखलाते हैं।

 

4.

तुम जानते हो कि अब हम शिवबाबा के बने हैं। शिवबाबा को जरूर याद करना पड़े। जैसे बच्चे धर्म की गोद लेते हैं तो जानते हैं कि पहले हम फलाने का बच्चा था, अब फलाने का हूँ, उनसे दिल हटती जायेगी और उनसे जुटती जायेगी। हम यहाँ भी ऐसे कहेंगे कि हम शिवबाबा के एडाप्टेड बच्चे हैं फिर उस लौकिक बाप को याद करने से फ़ायदा ही क्या?

 

5.

ऐसे बाप को तुम घड़ी-घड़ी भूल जाते हो। और तो सभी तुमको दु:ख देने वाले हैं फिर भी उनको याद करते रहते हो और मुझ बाप को तुम भूल जाते हो। रहो भल अपने घर में परन्तु याद बाबा को करो। इसमें मेहनत चाहिए। सिर्फ मेरा होकर रहो। निरन्तर मुझे याद करो और नई दुनिया को याद करो।

 

6.

अब बाप खुद कहते हैं कि हे आत्मायें, निरन्तर मुझ बाप को याद करो। तुम हमारे बच्चे हो, तुमको वर्सा लेना है। सिर्फ मुझे याद करो तो विकर्म विनाश होंगे।

 

7.

माया भूल कराती है नीचे गिराने के लिए और बाबा अभुल बनाते हैं ऊंच चढ़ाने के लिए। बाप बहुत अच्छी तकदीर बनाते हैं। बाप को याद करना है - यह तो बहुत सहज है।