POINTS OF YAAD FROM MURLI - 16.07.2018


1.

भगवान तो खुद ज्ञान का सागर है, वह बैठ समझाते हैं। उस बाप को ही याद करना है क्योंकि अब वापिस जाना है। तुम अब याद की यात्रा पर हो।

 

2.

कोई तो सारे दिन में एक घण्टा, आधा घण्टा भी याद नहीं करते। बाबा की याद में रहना बड़ा मुश्किल है।

 

3.

भले तुम कहाँ भी बैठे हो, ट्रेन में हो अथवा कहाँ भी तुम यात्रा पर हो, याद में रहना है।