POINTS OF YAAD FROM MURLI - 07.08.2018


1.

महिमा तो एक की ही गाई जाती है। सभी का सद्गति दाता एक है। याद भी उस एक को करना पड़ता है।

2.

नटशेल में बाबा समझाते रहते हैं ताकि धारण भी कर सको। मुख्य धारणा की बात है - मुझ बाप को याद करो।

 

3.

पहले-पहले बाप में निश्चय रखना है। बरोबर हम आत्माओं का बाप वह है। कोई कहे - हे भगवान, हे परमपिता तो बोलो यह किसने याद किया और किसको?

 

4.

उस बेहद के बाप का परिचय देना है। उनसे ही वर्सा मिलता है। यह भी उनको याद करते हैं। भिन्न-भिन्न भाषाओं में भिन्न-भिन्न नाम भी रख दिये हैं। कोई गॉड कहते हैं, कोई परमात्मा, कोई खुदा कहते हैं। सभी धर्म वाले याद जरूर एक को ही करते हैं। वह है सभी आत्माओं का बाप।

 

5.

भगवान कहते हैं - मैं आता हूँ, आकर तुमको शान्ति-सुख देता हूँ। फिर मुझे कभी याद करने की भी दरकार नहीं रहेगी।

 

6.

अभी बाप कहते हैं तुम अपने स्वधर्म और स्वदेश को याद करो। तुम असुल वहाँ के रहने वाले हो। अपने घर को याद करो।

 

7.

फिर कहते हैं - बच्चे, और कुछ न करो, सिर्फ बाप को याद करते रहो तो तुम्हारे विकर्म विनाश हो जायेंगे और तुम मेरे पास चले आयेंगे।