POINTS OF YAAD FROM MURLI - 08.08.2018


1.

श्रीकृष्ण तो नहीं कहेंगे कि भगवानुवाच, मैं तुम्हें राजयोग सिखलाता हूँ। तुम बच्चों की बुद्धि का ताला अब खुल गया है, जानते हो इतनी सारी पुरानी दुनिया मिट्टी में मिल धूलछांई हो जायेगी।

2.

वह है सुप्रीम बाप, परमधाम में रहते हैं। तुम कहते हो परम आत्मा, सुप्रीम, वह है निराकार। उनको मिलाकर नाम पड़ गया है - परमात्मा। उनको ही सभी याद करते हैं। नयनहीन को राह दिखाओ प्रभु, बुद्धि ऊपर चली जाती है परमपिता तरफ। जबकि सब राज़ बताने वाला वह परमपिता परमात्मा ही है।

 

3.

गाया भी है दु:ख हर्ता, सुख कर्ता। बाप ने सुख दिया फिर उनको स्वर्ग में याद करने की दरकार नहीं रहती। सब बच्चों को सुखी बना देते हैं।