POINTS OF YAAD FROM MURLI - 13.08.2018


1.

बच्चों का काम है मेहनत करना। ऐसी युक्ति निकालनी चाहिए जिससे स्वयं की भी कमाई जमा होती रहे और सर्व का भी कल्याण हो। बाप की याद और सेवा ही कमाई का साधन है।

 

2.

कोई भी धर्म स्थापन करने वाले ऐसे नहीं कहेंगे कि हे बच्चे अब मुझ पारलौकिक बाप को याद करो। ऐसे कोई किसको कह नहीं सकते। बच्चा पैदा होता है, बाप को जानते हैं। बाप को ही याद करते रहेंगे क्योंकि वारिस है। अब पारलौकिक बाप कहते हैं - हे मेरे सिकीलधे बच्चे, अब तुमको मेरे पास आना है। मैं तुम बच्चों को परमधाम निर्वाणधाम ले चलने लिए आया हूँ। तुम भक्त मुझ भगवान् को याद करते थे। अब मैं कहता हूँ तुम मुझे निरन्तर याद करो। मैं तुमको सुखधाम ले चलता हूँ।

 

3.

अब तुम आत्माओं का जो पारलौकिक बाप है, जिसको सब जीव आत्मायें दु:ख में याद करती आई हैं - वह अब ब्रह्मा मुख कमल द्वारा तुम बच्चों को समझा रहे हैं। समझानी दी जाती है - ब्रह्मा मुख वंशावली ब्राह्मणों को।

 

4.

तुम सम्मुख सुनते हो, समझते हो कि हम निराकार शिवबाबा के सब बच्चे हैं। बरोबर हम ब्रह्मा द्वारा शिवबाबा से स्वर्ग की बादशाही पाने के लिए राजयोग सीख रहे हैं।

 

5.

बाप समझाते हैं - बच्चे, हूबहू 5 हजार वर्ष पहले मुआफिक तुम बुद्धि का योग लगाओ तो तुम्हारे विकर्म विनाश हो जायेंगे। पाप भस्म हो जायेंगे। बाप की याद को ही योग-अग्नि कहा जाता है। इस सर्व-शक्तिमान बाप की याद में रहने से तुमको शक्ति मिलेगी।

 

6.

इस सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त की समझानी देते हैं, जिससे तुम भविष्य में चक्रवर्ती राजा-रानी बन जायेंगे और निरन्तर याद करने से विकर्माजीत बन जायेंगे, पावन पुण्य आत्मायें बन जायेंगे।

 

7.

पहले-पहले रुद्र माला में वह आयेंगे जो निरन्तर याद करेंगे। सूर्यवंशी-चन्द्रवंशी राजायें बनते हैं ना। तो इस समय परमपिता परमात्मा द्वारा राजयोग सीखने से राजाई पद पाते हैं। बाप कहते हैं कि निरन्तर मुझ बाप को याद करो, बुद्धि का योग मेरे साथ लगाओ। यह है रूहानी यात्रा। जन्म-जन्म से तो जिस्मानी यात्रायें करते आये, अब बाप आकर रूहानी यात्रा सिखलाते हैं। कहते हैं मुझ बाप को और स्वीट होम को याद करो, जहाँ से तुम आये हो पार्ट बजाने।

 

8.

ब्रह्मा द्वारा भारत को स्वर्ग बनाने के लिए राजयोग सिखलाते हैं। बाप कहते हैं कि यह राजयोग सिखलाकर पूरा करुँगा तो फिर विनाश होगा।

 

9.

स्वर्ग में सुख-शान्ति दोनों ही थे, सब सुखी थे - जिन्होंने राजयोग सीखा। विकर्म विनाश तो करना ही है, हिसाब-किताब चुक्तू तो होना ही है।

 

10.

मनुष्य भगवान् को याद करते हैं तो जरूर भगवान् को सृष्टि पर आना पड़े। कहते हैं कि सृष्टि पर आकर भक्तों को भक्ति का फल देता हूँ।

 

11.

भल कहते हैं परमपिता परमात्मा शिव है। निराकार उपासी हैं ना। निराकार को याद करने वाले। परन्तु वह है कौन? पूरा परिचय चाहिए ना। निराकार को क्यों याद करते हैं, उससे क्या मिलेगा? क्या निराकारी दुनिया में जायेंगे? आत्माओं को तो निराकारी दुनिया में जाने के रास्ते का पता नहीं है। भल सब याद करते हैं परन्तु बिगर परिचय। इस प्रकार याद करने से तो कोई पावन नहीं बनेंगे।

 

12.

मैं आकर सभी पाप आत्माओं को पुण्य आत्मा बनाता हूँ, राजयोग सिखलाता हूँ।

 

13.

बाप की है श्रीमत। भगवानुवाच - मैं तुमको राजयोग सिखलाता हूँ जो और कोई सिखला न सके। लिखा हुआ है भगवानुवाच। वह है ही हेविनली गॉड फादर जो स्वर्ग की स्थापना करते हैं, स्वर्ग के लिए तुम ब्राह्मणों को राजयोग सिखलाते हैं।