POINTS OF YAAD FROM MURLI - 21.08.2018


1.

गाया भी जाता है ना दु:ख में सिमरण सब करें. . . . याद करते हैं पतित-पावन को। समझते हैं - पतित-पावन बाप ऊपर परमधाम में रहता है।

 

2.

अब नर्क को भूल जाओ। मुझ बाप और स्वर्ग को याद करो, पुरानी दुनिया को भूलते जाओ। यह है बेहद का सन्यास। पुरानी देह सहित जो कुछ भी देखते हो, उनका भी ममत्व छोड़ो।