POINTS OF YAAD FROM MURLI - 24.08.2018
1.
मीठे बच्चों को फरमान है कि बेहद के बाप को याद करते रहो। जो भी नाम रूप वाले बच्चे बाप की सर्विस में हैं, उनसे यह ज्ञान और योग सुनना है। वह भी यही सुनायेंगे कि बाप को याद करो क्योंकि वर्सा उनसे मिलता है। मम्मा भी तो वही सुनाती है, बच्चे भी वही सुनाते हैं कि शिवबाबा को याद करो। तुम बच्चे यहाँ शिवबाबा की याद में बैठे हो, तुम्हें कोई फिकर नहीं करना है क्योंकि तुम बेहद के बाप से यह वर्सा ले रहे हो।
2.
बाबा तुम बच्चों को नई-नई प्वाईन्ट्स सुनाते, उनका अर्थ समझाते रहते हैं और यही सबको कहते हैं कि बच्चे बाप को याद करो, कोई भी नाम रूप में फसों मत। यह तो सब बच्चों के लिए ज्ञान है।
3.
यह बाबा (साकार) तो कोई फिकर में नहीं है क्योंकि जानते हैं कि हमको तो बाबा को ही याद करना है, हमको बाबा से वर्सा लेना है।
4.
जो भी क्रियेशन (बच्चे और बच्चियां) हैं, उन्हें एक क्रियेटर को याद करना है। चाहे कुछ भी हो जाये। समझो कोई भी ऐसा विघ्न पड़ता है तो उसमें संशय की तो कोई बात ही नहीं है क्योंकि एक शिवबाबा को ही याद करना है, इसमें ही बच्चों का कल्याण है।
5.
कोई भी मर सकते हैं, कोई भी इत़फाक हो सकता है इसलिए बाबा समझाते हैं कि बच्चे हमेशा बाप की याद में, फ़खुर में रहो। इसमें जो पार्ट जिसको मिला हुआ है वह बजाता है, उसमें हमको क्या करना है।
6.
इस दुनिया में सिवाए एक बाप के और कोई भी सुख का रास्ता बताने वाला है ही नहीं। लिबरेटर, दु:ख हर्ता सुख कर्ता एक ही है, उनको ही याद करना है।
7.
भले हम जानते हैं तुम्हारी मम्मा सर्विसएबुल सबसे नम्बरवन गाई जाती है। उनके हाथ में सितार दिखाते हैं, बरोबर जगदम्बा यानि मातेश्वरी वह बहुत अच्छा समझाती थी। वह भी कहती थी कि शिवबाबा को याद करो। मुझे नहीं याद करना। मनमनाभव, मध्याजीभव - यह दो अक्षर मशहूर हैं।
8.
अगर कोई बात ड्रामा में पहले से बताने की नहीं है तो मैं कैसे बताऊं...! यह बाबा भी साक्षी हो करके देखते हैं, तो बच्चों को भी साक्षी हो करके देखना है और बाप की याद में फ़खुर में रहना है कि हम ईश्वर की सन्तान हैं,
9.
हम हर एक को तो बस बाप और वर्से को याद करना है। सारा मदार पुरुषार्थ पर है। यह बच्चे भी महसूस कर सकते हैं कि जितना हम पढ़ेंगे उतना ऊंचा पद पायेंगे।
10.
तुम्हें एक दिन भी पढ़ाई नहीं छोड़नी है, सर्विस भी हर हालत में जरूर करनी है। हर वक्त बुद्धि में वही एक बाबा याद रहे। तुम्हें वही पढ़ा रहे हैं और उनसे ही वर्सा लेना है। उसने ही हमारी बुद्धि का ताला खोला है।
11.
ज्ञानेश्वर बाप कहते हैं मुझे याद करो बस, हम भी तुमको कहते हैं बाप को याद करो। करो न करो तुम्हारी मर्जी। अभी नर्क है, रावण राज्य है। अब बाप और स्वर्ग को याद करो।
12.
अभी बाप कहते हैं बस, मुझे याद करो। जो यहाँ के होंगे उनके संस्कार ही देखने में आयेंगे, वह झट समझ जायेंगे।
13.
रात्रि को तो सब याद में बैठे, अच्छी कमाई हो गई। बाबा यहाँ आ करके बच्चों को देखते हैं, खुश होते हैं कि यह बगीचा बन रहा है।
14.
बाबा देखो कितना पक्का कराते हैं। बाबा का फरमान मिला हुआ है सिर्फ मुझे याद करो। कोई ने रोया तो बाबा कहेंगे जिन रोया तिन खोया।
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