Today's Murli | पवित्र मन रखो... |
शिवभगवानुवाच - ब्राह्मण कुलभूषण आत्माओं प्रति 28.09.1969
सबको ऐसा रंग लगाओ जो कि कभी उतर नहीं सके।
...अब यह ध्यान रखना है कि हमारे संग का रंग इतना तो अविनाशी रहे जो कि कभी भी वह उतर नहीं सके। ..."
09.11.1969 उनकी विजय की निशानी यह है कि वह अपने संग का रंग सभी को लगायेंगे।
जो भी सामने आये वह विजयी बनकर ही निकले।
ऐसे विजयी रत्न विजय माला के किस नम्बर में आते हैं?
खुद तो विजयी बने हो लेकिन और भी आपके संग के रंग से विजयी बन जाये। यही सर्विस रही हुई है।
ऐसे नहीं कि कोटों में कोई ही विजयी बनेंगे।
लेकिन जो जैसा होता है वैसा ही बनाता है।
ऐसे विजयी रत्न जो अनेकों को विजयी बना सके वही माला के मुख्य मणके हैं।..."
"...अपना रूप रंग दोनों बदलना है।
भट्ठी में जो चीज़ आती है, उनकी जो बुराई होती है वह गल जाती है।
जो असली रूप है, असली जो कर्तव्य है वह यहाँ से लेकर के जाना।
वह कौनसा रूप है? क्या बदलेंगे? अभी रंग बदलते रहते हैं फिर एक ही रंग पक्का चढ़ जायेगा जिसके ऊपर और कोई रंग चढ़ नहीं सकता
और जिस रंग को कोई मिटा नहीं सके और न मिट सके, न और कोई रंग चढ़ सके। ..."
06.12.1969 उसको गहराई से सोचकर के एक-एक रंग में समा देना है।..."
25.12.1969 कहाँ-कहाँ अपनी लात दिखा रहे हैं, कोई अपनी खुशबू दे रहा है कोई अपना रूप दिखा रहा है।
लेकिन रूप, रंग, खुशबू जब सब प्रकार के गुलदस्ते के रूप में आ जायेंगे तब दुनिया के आगे प्रत्यक्ष होंगे। ..."
23.03.1970 "...आज के दिन बापदादा होली मनाने के लिए आये हैं। होली मनाने लिए बुलाया है ना।
तो इस रंग को पक्का लगाना यही होली मनाना है।
होली के दिन एक तो रंग लगाते हैं और दूसरा क्या करते हैं?
एक दिन पहले जलाते हैं दुसरे दिन मनाते हैं। जलाने के बाद मनाना है और मनाने में मिठाई खाते हैं।
यहाँ आप कौन सी मिठाई खायेंगे? रंग तो बताया कौन सा लगाना है। अब मिठाई क्यों खाते हैं?
जब यह रंग लग जाता है तो फिर मधुरता का गुण स्वतः ही आ जाता है।
अपने वा दुसरे की बीती को न देखने से सरल चित्त हो जाते हैं
और जो सरलचित्त बनता है उसका प्रत्यक्ष रूप में गुण क्या देखने में आता है? मधुरता।
उनके नयनों से मधुरता मुख से मधुरता, और चलन से मधुरता प्रत्यक्ष रूप में देखने में आती है।
तो इस रंग से मधुरता आती है इसलिए मिठाई का नियम है।
होली पर और क्या करते हैं? (मंगल-मिलन) मंगल मिलन का अर्थ क्या हुआ?
यहाँ मंगल मिलन कैसे मनाएंगे? मधुरता आने के बाद मंगल मिलन क्या होता है?
संस्कारों का मिलन होता है। भिन्न-भिन्न संस्कारों के कारण ही एक दो से दूर होते हैं, तो जब यह रंग लग जाता है, मधुरता आ जाती है ..."
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