कोई-कोई विनाशी धनवान के पास भी धन बैंक में होगा,
अलमारी में होगा
या तकिये के नीचे होगा,
न खुद कार्य में लायेगा, न औरों को लगाने देगा।
न स्वयं लाभ लेगा, न दूसरों को लाभ देगा।
तो धन होते भी सुख तो नहीं लिया ना।
तकिये के नीचे ही रह जायेगा, खुद चला जायेगा।
तो यह वर्णन करना अर्थात् यूज न करना, सदा गरीब दिखाई देंगे।
यह धन भी अगर स्वयं प्रति वा दूसरों प्रति समय प्रमाण यूज नहीं करते, सिर्फ बुद्धि में रखा है तो...
न स्वयं अविनाशी धन के नशे में, खुशी में रहते, न दूसरों को दे सकते।
सदा ही क्या करें, कैसे करें... इस विधि चलते रहेंगे।..."