15.01.2020 - Sakar Murli
1.01
"बाप ने लाडले बच्चे कहकर हीरे जैसा बनाने की सेवा की।
ऐसे हम बच्चों को भी अपने मीठे भाइयों को हीरे जैसा बनाना है।
इसमें कोई तकलीफ की बात नहीं है, सिर्फ कहना है कि बाप को याद करो तो हीरे जैसा बन जायेंगे। ''
1.02
"...जैसे बाप हीरे जैसा बनाते हैं, बच्चे भी औरों को हीरे जैसा बनाते हैं।
यही सीखना है-मनुष्य को हीरे जैसा कैसे बनायें?
ड्रामा अनुसार कल्प पहले मुआफिक कल्प-कल्प के संगम पर बाप आकर हमको सिखलाते हैं।
फिर हम औरों को सिखलाते हैं।
बाप हीरे जैसा बना रहे हैं। ..."
1.03
"...नेहरू को सोने में वज़न किया था।
अब वह कोई हीरे जैसा बनाते तो नहीं थे।
बाप तो तुमको हीरे जैसा बनाते हैं।
उनको तुम किसमें वज़न करेंगे?
तुम हीरे आदि क्या करेंगे।
तुमको तो दरकार ही नहीं।..."
1.04
"...तुम जानते हो इस समय है झूठी कमाई, जो खत्म हो जाने वाली है।
बाबा ने देखा यह तो कौड़ियाँ हैं, हमको हीरे मिलते हैं, तो फिर यह कोड़ियाँ क्या करेंगे?
क्यों न बाप से बेहद का वर्सा लेवें।..."
1.05
"...तुम मीठे-मीठे बच्चों को कितना फ़खुर होना चाहिए।
बाप तुमको हीरे जैसा बनाते हैं, इनको भी वह बाप हीरे जैसा बनाते हैं।
याद उनको करना है।"
1.06
"...हीरे जैसा बनना है तो बाप को याद करो।
"
1.07
"...शिवबाबा तो तुमको हीरे जैसा बनाने आये हैं।"
1.08
"...प्रजा तो बहुत बनेगी।
हीरे जैसा बनने में तो टाइम लगता है।
"
1.09
"...यह सब बातें नोट करनी और करानी है।
औरों को भी आप समान हीरे जैसा बनाना पड़े।
जितना पुरूषार्थ करेंगे, उतना ऊंच पद पायेंगे।
"
1.10
"...हीरे जैसा बनाने की सेवा करनी है। "
From Avyakt Vaanis
1969/18.01.1969
1.01
"...बाबा ने हमें ढेर हीरे हाथ में दिये और कहा इन हीरों का टीका सभी बच्चों को लगाना।
यह हीरे क्यों दे रहा हूँ?
क्योंकि हीरे मिसल आत्मा मस्तक में रहती हैं।
तो हरेक आत्मा सच्चा हीरा बन चमकती रहे।"
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