(on base of BaapDada's Avyakt Vani dated 06-02-76)

बाबा के दो हैण्डस

राइट हैण्ड और लेफ्ट हैण्ड

  • राइट हैण्ड की विशेषता
    • सदा स्वच्छ अर्थात् शुद्ध और श्रेष्ठ है।
    • राइट हैण्ड सदा बोल में, कर्म में और सम्पर्क में श्रेष्ठ और शुद्ध अर्थात् प्योर रहते हैं।
    • अपने करावनहार बाप को स्मृति में रखते हुए निमित्त करनहार बनते हैं।
    • उनके हर कर्म में न्यारेपन, निरहंकारीपन और नम्रतापन के नव-निर्माण की श्रेष्ठता भरी हुई होगी।
    • हर सेकेण्ड, हर संकल्प सम्पूर्ण पवित्र अर्थात् स्वच्छ होगा, जिसको सच्चाई और सफाई कहते हैं।
    • वे अपने को रिस्पन्सीबल अनुभव करेंगे, सदा मास्टर सर्वशक्तिवान की स्थिति अनुभव करेंगे।
    • राइट हैण्ड की विशेषता - कार्य की गति में अर्थात् स्पीड में तीव्रता होती है।
    • हर सब्जेक्ट की धारणा में व प्रैक्टिकल स्वरूप को लाने में तीव्र पुरुषार्थी होंगे, सदा एवर-रेडी होंगे।

  • लेफ्ट हैण्ड सहयोगी सदा रहते हैं, लेकिन...
    • स्वच्छता के साथ-साथ अस्वच्छता अर्थात् संकल्प, वाणी और कर्म में कभी-कभी कुछ-न-कुछ अशुद्धि भी रह जाती है अर्थात् सम्पूर्ण स्वच्छ नहीं।
    • पुरूषार्थ की गति में भी तीव्रता कम रहती है।
    • करेंगे, सोचेंगे, लेकिन लेफ्ट अर्थात् लेट करेंगे।
    • साथ देंगे, कार्य करेंगे, लेकिन पूरी जिम्मेदारी उठाने की हिम्मत नहीं रखेंगे।
    • सदा उल्लास, हिम्मत रखेंगे, लेकिन निराधार नहीं होंगे।
    • उनकी स्टेज बहुत समय वकील की होती है।
    • कायदे ज्यादा सोचेंगे लेकिन फायदा कम पायेंगे।
    • स्वयं, स्वयं के जस्टिस नहीं बन सकेंगे।
    • हर छोटी बात में भी फाइनल जजमेन्ट के लिये जस्टिस की आवश्यकता अनुभव करेंगे।

    अब अपने को चेक करो कि राइट हैण्ड हो या लेफ्ट हैण्ड।