01.11.2021
वहाँ है ज्ञान मार्ग की प्रालब्ध।
सतयुग में सब सुखी रहते हैं।
सतयुग में तुमको सुख-शान्ति, धन-दौलत, निरोगी काया सब कुछ था।
उनके लिए कहते हैं तुम्हारी गति मत... कृष्ण है सतयुग का प्रिन्स।
सतयुग शिवालय में सभी देवतायें रहते हैं।
अब कृष्ण तो है सतयुग में।
हरि का द्वार सतयुग को कहा जाता है।
फिर भी कहाँ वह सतयुग के देवतायें, कहाँ आजकल के वैष्णव लोग!
सतयुग में हैं सम्पूर्ण निर्विकारी।
कलियुग के अन्त में क्या है फिर सतयुग में क्या देखेंगे।
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