इसके लिए तो पहले से ही डायरेक्शन (Direction) है जहाँ तक स्वयं को और अन्य आत्माओं को बचा सकते हो वहाँ तब तक बचाओ।
... पवित्रता तो ब्राह्मण जन्म का स्वधर्म है। पवित्रता का संकल्प ब्राह्मण जन्म का लक्ष्य और लक्षण है।
... यह तो स्वयं की कमज़ोरी छिपाने का बहाना है। क्योंकि ब्राह्मण बहानेबाजी बहुत जानते हैं। अच्छा, बाकी रही दूसरों को शादी कराने की बात। उसके लिए जहाँ तक बचा सको बचाओ। स्वयं कमज़ोर बन उसको उत्साह नहीं दिलाओ। ..."
2. Avyakt vani 28.11.1984