1.

"... अब दिन-प्रति-दिन यह परिवर्तन लाना है। कोई का भी स्वभाव- संस्कार देखते हुए, जानते हुए उस तरफ बुद्धियोग न जाये। और ही उस आत्मा के प्रति शुभ भावना हो।"

 

 

Ref:-

1972/28.02.1972
समय का इन्तजार न कर एवररेडी रहने वाला ही सच्चा पुरुषार्थी