1.

"...सहयोगी आत्माओं को सदा सम्पन्न रहने का वरदान - जो आत्माएं दिल व जान सिक व प्रेम से यज्ञ को सम्पन्न बनाती हैंजिन्होंने समय के अनुसार सहयोग की अंगुली दी उन्हीं का एक से अनेक गुणा बन गयासमय की भी वैल्यू होतीआदि में आवश्कता के समय जिन आत्माओं का अमूल्य सहयोग स्थापना के कार्य में हुआ है उन्हीं को रिटर्न में सदा सम्पन्न रहने का वरदान प्राप्त हो गया। वह सदा भरपूर रहते आए हैं और रहेंगे।..."

 

 

 

 

Ref:-

1979/ 01.01.1979
नए वर्ष के लिए बाप द्वारा कराया गया दृढ़ संकल्प

 

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