"...रूहानी बच्चों को यह तो अब निश्चय है कि हमको आत्म-अभिमानी बनना है और बाप को याद करना है।..."
"...जो माया के कहने पर चलते और बाप को याद भी नहीं करते, किसको समझा नहीं सकते।..."
"...बाप कहते हैं बच्चे, पुरुषार्थ कर बाप को याद करो तो माया की गोद से निकल प्रभू की गोद में आ जायेंगे।..."
"...रत्नों से झोली भरनी चाहिए।
सुनते तो हैं परन्तु झोली नहीं भरते क्योंकि बाप को याद नहीं करते।..."
"...योग में न रहने से कुछ भी कल्याण होता नहीं।
योग बिगर पावन कैसे बनेंगे?
ज्ञान अलग चीज़ है, योग अलग चीज़ है।
योग में बहुत कच्चे हैं।
याद करने का अक्ल ही नहीं आता।
तो याद बिगर विकर्म कैसे विनाश हों।..."
"...सर्विस नही करते, बाप को याद नहीं करते तो जरूर कुछ न कुछ गन्दगी है।..."
"...बाप को याद करेंगे तो बचते रहेंगे।..."
"...बाप की याद में रहते-रहते पिछाड़ी को चले जाना है घर।..."
"...आत्मा को रोज़ समझाया जाता है अब तुम शान्तिधाम जाने के राही हो।
तो अब बाप को, घर को और वर्से को याद करते रहो।
अपने को देखना है माया कहाँ धोखा तो नहीं देती है?
मैं अपने बाप को याद करता हूँ?..."
"...याद करते रहेंगे तो बाप भी पुचकार देते रहेंगे।..."
"...तुम यह नॉलेज सुनते हो फिर अपने देश में जाकर बताओ कि बाप को याद करो तो तमोप्रधान से सतोप्रधान बन जायेंगे।..."
"...एक की बुद्धि में आ गया तो फिर अखबारों आदि में भी डालेंगे।
यह भी ड्रामा में नूँध है।
नहीं तो बाप को याद करना कैसे सीखे।
बाप का परिचय तो सबको मिलना है।..."
"...तुम कहेंगे बाप को याद करो तो अपने धर्म में ऊंच पद पायेंगे।..."
"...पोप आदि ऐसे कह न सके कि बाप को याद करो।..."
"...फॉरेनर्स को भी बाप का परिचय देना है।
मोस्ट बिलवेड बाप को याद करो, कोई भी देहधारी को गुरू नहीं बनाओ।..."
01 - अपने को आत्मा समझकर बाप को कितना समय याद किया-इस चार्ट रखने में बड़ी विशाल बुद्धि चाहिए।
देही-अभिमानी हो बाप को याद करो तब विकर्म विनाश हों।
02 - अभी तुम्हें बाप को याद करना पड़े।
बाप कहते हैं मैं जो हूँ, जैसा हूँ, यथार्थ रीति मुझे कोई नहीं जानते।
बच्चों में भी नम्बरवार हैं।
बाप को यथार्थ रीति याद करना है।
वह भी इतनी छोटी बिन्दी है, उनमें यह सारा पार्ट भरा हुआ है।
बाप को यथार्थ रीति जानकर याद करना है, अपने को आत्मा समझना है।
03 - अपने शान्तिधाम और सुखधाम को याद करना है।
आत्मा को ज्ञान का तीसरा नेत्र मिला है तो यह सिमरण करना है।
04 - सर्व का सद्गति दाता, सर्व का लिबरेटर, पतित-पावन एक बाप गाया हुआ है, उनको याद करते हैं कि हे गॉड फादर रहम करो।
05 - मुझे याद करो तो विकर्म विनाश होंगे और तुम विष्णुपुरी के मालिक बन जायेंगे।
06 - अब राजयोग कौन सिखलावे?
जो कहते हैं मामेकम् याद करो तो विकर्म विनाश हों।
07 - आत्मा को बाबा की स्मृति आई है इसलिए हम बाप को याद करते हैं कि आकर सच्ची-सच्ची कथा सुनाओ नर से नारायण बनने की।
08 - अब आत्माओं को बाप कहते हैं मुझे याद करो।
09 - अपने को आत्मा समझकर बाप को कितना समय याद किया, इस चार्ट रखने में बड़ी विशालबुद्धि चाहिए।
देही-अभिमानी हो बाप को याद करना पड़े तब विकर्म विनाश हों।
नॉलेज तो बड़ी सहज है, बाकी आत्मा समझ बाप को याद करते अपनी उन्नति करनी है।
यह चार्ट कोई बिरले रखते हैं।
देही-अभिमानी हो बाप की याद में रहने से कभी किसको दु:ख नहीं देंगे।
10 - बाप की याद से सब भूत भागेंगे, बड़ी गुप्त मेहनत है।