02.09.2023

"...इस समय पतित राज्य है, जिसको रावण राज्य कहा जाता है।

ऐसे तो कोई है नहीं कि एक रावण था, लंका थी।

लंका सीलॉन को कहा जाता है।

दिखाते हैं वहाँ सागर पर बन्दरों ने पुल बनाई..... ।

वास्तव में यह सब हैं दन्त कथायें।

ऐसे तो है नहीं कि 10 शीश वाला कोई रावण था, लंका में राज्य करता था।

फिर तो उनकी एफीजी लंका में ही जलानी चाहिए।

रावण को जलाने का भारत में ही रिवाज है और कोई जगह नहीं जलाते।

 

अब रावण किसका दुश्मन था?

भारतवासियों का दुश्मन था।

परन्तु दुश्मन को भी एक बार जलाया जाता है। ऐसे तो कोई भी नहीं करते जो हर वर्ष दुश्मन का एफीजी (बुत) बनाकर जलाते।

दुश्मन का एफीजी तो बनाते हैं परन्तु वर्ष-वर्ष तो नहीं जलाते।

यह रावण फिर कौन है जिसका भारत में बहुत समय से 10 शीश वाला एफीजी बनाकर जलाते रहते हैं?

यह दुश्मन कब से हुआ है जो मरता ही नहीं?

आखरीन ख़त्म होगा या सदैव रहेगा ही?

तुम बच्चे जानते हो भारत ही पवित्र था फिर भारत को ही रावण ने अपवित्र बनाया है।

अभी रावण राज्य है।

अगर लंका का राजा था तो रानी भी होगी।

तुम तो यह बातें मानेंगे नहीं।

रावण अभी तक जीता है वा क्या, कुछ भी समझते नहीं।

जीता है फिर उनकी एफीजी बनाकर जलाते रहते।

एक बार जलाया फिर क्या हुआ?

हर वर्ष जलाते रहते हैं तो तुम बच्चों को समझाना चाहिए।

 

रावण का भी नाटक बनाते हैं।

तो इस रावण की बात पर समझाना है।

बड़ी जबरदस्त बात है।

अभी तुम रावण राज्य में बैठे हो।

पतित दुनिया को ही रावण राज्य कहा जाता है।

अभी राम राज्य और रावण राज्य का राज़ तुमको समझाया गया है।

 

रावण 5 विकारों को कहा जाता है और कोई नहीं है।

तुम समझ गये हो रावण का राज्य अभी भारत में है।

भारत में ही दशहरा, दीपमाला आदि मनाते हैं।

तो समझाना पड़े।

अगर रावण जीता है तो रावण राज्य ठहरा ना।

रावण है पतित बनाने वाला।

तुम जानते हो 5 विकार जो कि इस समय सर्वव्यापी हैं, उनको ही रावण कहा जाता है।

रावण के चित्र तो आगे दशहरे में निकले थे, इसमें तिथि-तारीख भी डालनी पड़े।

इस समय पतित का विनाश और पावन की स्थापना होती है।

तुम पतित से पावन बन रहे हो, पावन बन जायेंगे फिर रावण सम्प्रदाय को आग लगेगी।

रावण ख़त्म हो जायेगा फिर सतयुग में कोई एफीज़ी नहीं बनानी पड़ेगी।

सब पावन बन जायेंगे।

 

रावण का राज़ भी समझाना है।

रावण राज्य अर्थात् पतित राज्य अभी है इसलिए पतित-पावन बाप को बुला रहे हैं।

अभी यह रावण राज्य है, इसलिए रावण को जलाते रहते हैं।..."