...पतित-पावन मैं ही हूँ। मैं गैरन्टी करता हूँ तुम मुझे याद करो तो इस योग अग्नि से तुम्हारे जन्म-जन्मान्तर के पाप भस्म हो जायेंगे।...
...जितनी तुम्हारे में ज्ञान की त़ाकत भरती जायेगी तो तुम चुम्बक बन जायेंगे। तो फिर सबको कशिश होगी। अभी नहीं है। फिर भी यथा योग, यथा शक्ति जितना बाप को याद करते हैं।...
...अब तुम जानते हो हमने 84 जन्म पूरे किये हैं। अब बाबा को याद करने से पावन बन जायेंगे। फिर शरीर भी पावन मिलेगा। तुम सब नम्बरवार पावन बनते हो। कितनी सहज बात है। मुख्य बात है याद की। बहुत हैं जिन्हें अपने को आत्मा समझ बाप को याद करना भी नहीं आता है।...
...इस संगम पर ही बाबा यह राजयोग सिखलाते हैं, इसलिए उनकी बहुत महिमा है।...