25.12.1969

"...यह भी ब्राह्मणों का विश्व है अर्थात् छोटा सा संसार है

तो जो विश्व महाराजन् बनने है उन्हों का इस विश्व अर्थात् ब्राह्मणकुल की हर आत्मा के साथ सम्बन्ध होगा।

जो यहाँ इस छोटे से परिवार, सर्व के सम्बन्ध में आयेंगे वह वहाँ विश्व के महाराजन बनेंगे। ..."