15.01.2021


अब बाप है ज्ञान का सागर।


महिमा सिर्फ एक ही बाप की है

और बच्चों की महिमा भी है

क्योंकि बाप बच्चों को पढ़ाते हैं

अथवा यात्रा सिखलाते हैं।

 



बाप ने समझाया है दो यात्रायें हैं।

 

बाप खुद आकर पढ़ाते हैं,

जिसके मिलने लिए

आधाकल्प भक्ति मार्ग चलता है।

 


बाप पढ़ाते हैं तो

बहुत ढेर ब्राह्मण हो जाते हैं।

 



बाप की हम आत्मायें सन्तान कितनी हैं?

 


हम सब आत्माओं का बाप एक अनादि है।

 


बाप बैठ बच्चों को समझाते हैं

- बच्चों, मैं आकरके क्या करता हूँ?

 



बाप बैठ सुनाते हैं - मैं आया कैसे?

 


तुमने मुझे पुकारा है -

बाबा, आकर पतितों को पावन बनाओ।

 

 

पावन सतयुग को कहा जाता है।

यह भी बाप खुद बैठ बतलाते हैं।

 


 

ड्रामा के प्लैन अनुसार

जब संगमयुग होता है,

सृष्टि पुरानी होती है तब मैं आता हूँ।

 


तुम जाकर राजाओं को

ज्ञान देते हो ना,

बाप से मिलाने लिए।

 



तुम्हारे पास भी शुरू में बैठे-बैठे

एक-दो को देखते ध्यान में

चले जाते थे ना।

बड़ा वन्डर लगता था।

बाप था ना इनमें,

तो वह चमत्कार दिखाते थे।

सबकी रस्सी खींच लेते थे।

 


बाप जादूगर, सौदागर, रत्नागर है ना।

धोबी भी है, सोनार भी है,

वकील भी है।

सबको रावण की जेल से छुड़ाते हैं।

 


 

उनको ही सब बुलाते हैं -

हे पतित-पावन,

हे दूरदेश के रहने वाले.......

हमको आकर पावन बनाओ।

 

 

आओ भी पतित दुनिया में,

पतित शरीर में आकर

हमको पावन बनाओ।

 


बाप आकर बतलाते हैं

तुम बच्चों ने रावण के देश में

हमको बुलाया है,

मैं तो परमधाम में बैठा था।

 


 

स्वर्ग स्थापन करने के लिए

मुझे नर्क रावण के देश में

बुलाया कि अब

सुखधाम में ले चलो।

 

 

अभी तुम बच्चों को

ले चलते हैं ना।

 


बाप भी यहाँ ही आये हैं

इसलिए अब लिखते भी हैं

आबू सर्व तीर्थों में,

सब धर्मों के तीर्थों में

मुख्य तीर्थ है क्योंकि

यहाँ ही बाप आकर

सर्व धर्मों की सद्गति करते हैं।

 



अब बाप कहते हैं

तुमने हमको बुलाया है तो

मैं आया हुआ हूँ और

तुमको कहता हूँ -

काम को जीतो तो जगतजीत बनेंगे।

 


बाप कहते हैं बच्चे,

अब निर्विकारी बनो।

63 जन्म विकार में गये हो।

अब यह अन्तिम जन्म पवित्र बनो।

 

 

अभी मरना भी सबको है।

मैं स्वर्ग स्थापन करने

आया हूँ तो

अब मेरी श्रीमत पर चलो।

मैं जो कहूँ वह सुनो।

 

 


बाप समझाते हैं

यह अनादि खेल है।

 


 

तुमने 5 हजार वर्ष में

84 जन्म लिए हैं।
बाप कहते हैं याद करो तो

तुम्हारे पाप कट जायेंगे।

 

 

बाप आते हैं तो

सेकेण्ड में तुम ऊपर चढ़ जाते हो

फिर नीचे उतरने में

5 हज़ार वर्ष लगे हैं।