14.09.2022 बाप को प्रत्यक्ष करने के निमित्त वही बन सकते जिनके हर संकल्प में दृढ़ता की विशेषता है। 13.09.2022 सदा एक के अन्त में खोये हुए रहना - यही एकान्तवासी बनना है। 12.09.2022 मास्टर सर्वशक्तिमान् वह है जो समय प्रमाण हर गुण, हर शक्ति को कार्य में लगाये। 11.09.2022 हमें इस कल्पवृक्ष का फाउंडेशन बनाने वाले बाबा 10.09.2022 सहज पुरूषार्थी बनना है तो सर्व की दुआओं से स्वयं को भरपूर करो। 09.09.2022 सेवा द्वारा अविनाशी खुशी की अनुभूति करने और कराने वाले ही सच्चे सेवाधारी हैं। 08.09.2022 स्वयं द्वारा सर्व आत्माओं को सुख की अनुभूति कराना ही मास्टर सुखदाता बनना है। 07.09.2022 रहमदिल उसे कहा जाता जो निर्बल को हिम्मत और बल देता रहे। 06.09.2022 बेहद सेवा की श्रेष्ठ वृत्ति रखना ही विश्व कल्याणकारी बनना है। 05.09.2022 ज्ञान योग की पालना ही रूहानी पालना है - इस पालना से शक्तिशाली बनो और बनाओ। 04.09.2022 मन्सा द्वारा शक्तियों का और कर्म द्वारा गुणों का दान देना ही महादानी बनना है। 03.09.2022 जिसके पास उमंग-उत्साह के पंख है उसे सफलता सहज प्राप्त होती है। 02.09.2022 सर्व का मान प्राप्त करना है तो निर्मानचित बनो। 01.09.2022 जिसके पास ज्ञान का अविनाशी धन है - वही दुनिया में सबसे बड़ा सम्पत्तिवान है। 31.08.2022
30.08.2022 परमात्म मिलन मेले की मौज में रहो तो माया के झमेले समाप्त हो जायेंगे। 29.08.2022 परमात्म मिलन मेले की मौज में रहो तो माया के झमेले समाप्त हो जायेंगे। 28.08.2022 अपने पवित्र श्रेष्ठ वायब्रेशन की चमक विश्व में फैलाना ही रीयल डायमण्ड बनना है। 27.08.2022 स्मृति का स्विच सदा आन रहे तो मूड आफ हो नहीं सकती। 26.08.2022 बिन्दू स्वरूप की स्मृति में रहने के लिए ज्ञान, गुण और धारणा में सिन्धु (सागर) बनो। 25.08.2022 हर्षितमुख रहना है तो साक्षीपन की सीट पर बैठ, दृष्टा बनकर हर खेल को देखते चलो। 24.08.2022 सदा खुश रहना और खुशियों का खजाना बांटते रहना यही सच्ची सेवा है। 23.08.2022 बाप के संग का रंग लगा हुआ हो तो सब बुराईयां सहज ही परिवर्तन हो जायेंगी। 22.08.2022 श्रेष्ठ कर्मो का खाता जमा करते चलो तो विकर्मो का खाता स्वत: समाप्त हो जायेगा। 21.08.2022 समर्थ आत्मा वह है जो किसी न किसी विधि से व्यर्थ को समाप्त कर दे। 20.08.2022 रूहानी शान में रहो तो अभिमान की फीलिंग नहीं आयेगी। 19.08.2022 हद के मान-शान के पीछे दौड़ लगाने के बजाए स्वमान में रहना ही श्रेष्ठ शान है। 18.08.2022 प्रसन्नता की छाया द्वारा शीतलता का अनुभव करो तो निर्मल और निर्माण रहेंगे। 17.08.2022 सदा प्रसन्नचित रहना है तो बुद्धि रूपी कम्प्युटर में फुलस्टॉप की मात्रा लगाओ। 16.08.2022 शुद्धि और विधि पूर्वक हर कार्य करने वाले ही सच्चे-सच्चे ब्राह्मण हैं। 15.08.2022 सच्चे सेवाधारी बन नि:स्वार्थ सेवा करते चलो तो सेवा का फल स्वत: मिलेगा। 14.08.2022 सदा अच्छा-अच्छा सोचते रहो तो सब अच्छा हो जायेगा। 13.08.2022 अपनी मन्सा वृत्ति को ऐसा पावरफुल बनाओ जो खराब भी अच्छा हो जाए। 12.08.2022 हदों को समाप्त कर बेहद की दृष्टि और वृत्ति को अपनाना ही युनिटी का आधार है। 11.08.2022 सहयोग की शक्ति द्वारा असम्भव बातें भी सम्भव हो सकती हैं। 10.08.2022 याद और नि:स्वार्थ सेवा द्वारा मायाजीत बनना ही विजयी बनना है। 09.08.2022 ज्ञान स्वरूप आत्मा वह है जिसका हर संकल्प, हर सेकण्ड समर्थ है। 08.08.2022 वरदाता को अपना सच्चा साथी बना लो तो वरदानों से झोली भर जायेगी। 07.08.2022 सदा अपने स्वमान की सीट पर रहो तो सर्व शक्तियां आर्डर मानती रहेंगी। 06.08.2022 विदेही वा अशरीरी बनने का अभ्यास करो तो किसी के भी मन के भाव को जान लेंगे। 05.08.2022 इच्छा नहीं थी लेकिन अच्छा लग गया-यह भी जीवनबंध स्थिति है। 04.08.2022 विशेष आत्मा बनना है तो विशेषता को ही देखो और विशेषता का ही वर्णन करो। 03.08.2022 सुखदाता के बच्चे सदा सुख के झूले में झूलते रहो, दु:ख की लहर में नहीं आओ। 02.08.2022 मेरे में ही आकर्षण होती है इसलिए मेरे को तेरे में परिवर्तन करो। 01.08.2022 समय पर सर्व शक्तियों को कार्य में लगाना ही मास्टर सर्वशक्तिमान् बनना है। 31.07.2022 सन्तुष्टमणी वह है - जिसके जीवन का श्रृंगार सन्तुष्टता है। 30.07.2022 याद की वृत्ति से वायुमण्डल को पावरफुल बनाना - यही मन्सा सेवा है। 29.07.2022 समय रूपी खजाने को व्यर्थ से बचाना - यही तीव्र पुरूषार्थी की निशानी है। 28.07.2022 सर्व शक्तियों की लाइट सदा साथ रहे तो माया दूर से ही भाग जायेगी। 27.07.2022 जिनकी झोली परमात्म दुआओं से भरपूर है उनके पास माया आ नहीं सकती। 26.07.2022 अपने श्रेष्ठ कर्म वा श्रेष्ठ चलन द्वारा दुआयें जमा कर लो तो पहाड़ जैसी बात भी रुई के समान अनुभव होगी। 25.07.2022 हर समय करन-करावनहार बाबा याद रहे तो मैं पन का अभिमान आ नहीं सकता। 24.07.2022 अपनी दिल को ऐसा विशाल बनाओ जो स्वप्न में भी हद के संस्कार इमर्ज न हों। 23.07.2022 स्वयं को और सर्व को प्रिय वही लगते हैं जो सदा खुशहाल रहते हैं। 22.07.2022 समय को गिनती करने वाले नहीं लेकिन बाप के वा स्वयं के गुणों की गिनती कर सम्पन्न बनो। 21.07.2022 स्वयं को परमात्म प्यार के पीछे कुर्बान करने वाले ही सफलतामूर्त बनते हैं। 20.07.2022 सदा खुशी की खुराक द्वारा तन्दरुस्त, खुशी के खजाने से सम्पन्न खुशनुम: बनो। 19.07.2022 दिल में सदा यही अनहद गीत बजता रहे कि मैं बाप की, बाप मेरा। 18.07.2022 प्राप्तियों को भूलना ही थकना है इसलिए प्राप्तियों को सदा सामने रखो। 17.07.2022 बाप समान बनना है तो समझना, चाहना और करना - तीनों को समान बनाओ। 16.07.2022 एक बाबा से सर्व संबंधों का रस लो और किसी की भी याद न आये। 15.07.2022 बाप के स्नेह का रिटर्न देने के लिए अन्दर से अनासक्त व मनमनाभव रहो। 14.07.2022 स्वभाव और विचारों में अन्तर होते हुए भी स्नेह में अन्तर नहीं होना चाहिए। 13.07.2022 ज्ञान की पराकाष्ठा पर पहुंचना है तो गुप्त रूप से पुरुषार्थ करो। 12.07.2022 यथार्थ कर्म का प्रत्यक्षफल है - खुशी और शक्ति की प्राप्ति। 11.07.2022 छोटी-छोटी बातों में दिल न भर जाए - इसका ध्यान रखो। शक के शिकारी नहीं बनो। 10.07.2022 बीती को बीती कर दो और बीती बातों से शिक्षा लेकर आगे के लिए सावधान रहो। 09.07.2022 अनेक आत्माओं की सच्ची सेवा करनी है तो शुभचिंतक बनो। 08.07.2022 कोई भी महान कार्य सभी के उमंग और उत्साह से ही सम्भव है। 07.07.2022 सबसे अधिक धनवान वह है जिसके पास शान्ति व पवित्रता का खजाना है। 06.07.2022 विकर्मो और विकारों का त्याग करना ही सच्चा त्याग है। 05.07.2022 जहाँ चिंता है वहाँ चैन नहीं हो सकता है। 04.07.2022 नम्र बनो तो लोग नमन करते हुए सहयोग देंगे। 03.07.2022 खुद को देखो और खुद की कमियों को भरो तब खुदा का प्यार मिलेगा। 02.07.2022 पवित्रता ऐसी अग्नि है जिसमें सभी बुराईयां जलकर भस्म हो जाती हैं। 01.07.2022 नम्रता को अपना कवच बना लो तो सदा सुरक्षित रहेंगे। 30.06.2022 अपनी स्थिति अचल-अडोल बनाओ तब अन्तिम विनाश की सीन देख सकेंगे। 29.06.2022 स्नेह और शक्ति का बैलेन्स ही सफलता की अनुभूति कराता है। 28.06.2022 27.06.2022 सपूत बच्चा वह है जो सम्पूर्ण पवित्र और योगी बन स्नेह का रिटर्न देता है। 26.06.2022 योगी तू आत्मा वह है जो अन्तर्मुखी बन लाइट-माइट रूप का अनुभव करता है। 25.06.2022 देही-अभिमानी स्थिति द्वारा तन-मन की हलचल को समाप्त करने वाले ही अचल अडोल रहते हैं। 24.06.2022 सच्चा सेवाधारी वह है जो निमित्त और निर्माण है। 23.06.2022 अनुभवों की अथॉरिटी बनो तो कभी धोखा नहीं खायेंगे। 22.06.2022 सदा प्रसन्नचित रहना है तो साइलेन्स की शक्ति से बुराई को अच्छाई में परिवर्तन करो। 21.06.2022 यथार्थ सत्य को परख लो तो अतीन्द्रिय सुख का अनुभव करना सहज हो जायेगा। 20.06.2022 विश्व सेवा के तख्तनशीन बनो तो राज्य तख्तनशीन बन जायेंगे। 19.06.2022 दु:ख की लहर से मुक्त होना है तो कर्मयोगी बनकर हर कर्म करो। 18.06.2022 संसार में सर्वश्रेष्ठ बल पवित्रता का बल है। 17.06.2022 शान्ति की शक्ति ही अन्य के क्रोध अग्नि को बुझाने का साधन है। 16.06.2022 सदा प्रसन्न रहना है तो प्रशंसा सुनने की इच्छा का त्याग कर दो। 15.06.2022 मन को शीतल, बुद्धि को रहमदिल और मुख को मृदु (मीठा)बनाओ। 14.06.2022 विघ्न ही आत्मा को बलवान बनाते हैं, इसलिए विघ्नों से डरो मत। 13.06.2022 मन की उलझनों को समाप्त कर वर्तमान और भविष्य को उज्जवल बनाओ। 12.06.2022 सदा उमंग-उल्लास में रहो तो आलस्य खत्म हो जायेगा। 11.06.2022 अतीन्द्रिय सुख की अनुभूति करनी है तो शान्त स्वरूप स्थिति में स्थित रहो। 10.06.2022 हर कार्य में साहस को साथी बना लो तो सफलता अवश्य मिलेगी। 09.06.2022 सबके गुणों को देख विशेषताओं की खुशबू फैलाओ तो यह संसार सुखमय बन जायेगा। 08.06.2022 अपने अनादि आदि संस्कार स्मृति में रख सदा अचल रहो। 07.06.2022 मुरलीधर की मुरली पर देह की भी सुध-बुध को भूल, खुशी के झूले में झूलने वाले ही सच्चे गोप गोपियां हैं। 06.06.2022 इसी अलौकिक नशे मे रहो “वाह रे मैं'' तो मन और तन से नेचुरल डांस होती रहेगी। 05.06.2022 सदा एक बाप की कम्पनी में रहो और बाप को अपना कम्पेनियन बनाओ - यही श्रेष्ठता है। 04.06.2022 बापदादा को नयनों में समाने वाले ही जहान के नूर, नूरे जहान हैं। 03.06.2022 हर परिस्थिति में सहनशील बनो तो मौज का अनुभव करते रहेंगे। 02.06.2022 “बाप और मैं'' यह छत्रछाया साथ है तो कोई भी विघ्न ठहर नहीं सकता। 01.06.2022 अपनी सेवा को बाप के आगे अर्पण कर दो तो सेवा का फल और बल प्राप्त होता रहेगा। 31.05.2022 30.05.2022 29.05.2022 अपने श्रेष्ठ भाग्य द्वारा सबका भाग्य बनाते सदा भगवान की स्मृति दिलाते रहो। 28.05.2022 सच्चे दिल से दाता, विधाता, वरदाता को राज़ी करने वाले ही रूहानी मौज में रहते हैं। 27.05.2022 सच्ची सेवा द्वारा सर्व की आशीर्वाद प्राप्त करने वाले ही तकदीरवान हैं। 26.05.2022 शान्ति का दूत बन सबको शान्ति का दान दो - यही आपका आक्यूपेशन है। 25.05.2022 पवित्रता ही ब्राह्मण जीवन का मुख्य फाउन्डेशन है, धरत परिये धर्म न छोड़िये। 24.05.2022 आज्ञाकारी वो हैं जो मन और बुद्धि को मनमत से सदा खाली रखते हैं। 23.05.2022 शीतल बन दूसरों को शीतल दृष्टि से निहाल करने वाले शीतल योगी बनो। 22.05.2022 जो कर्म हम करेंगे हमें देख और करेंगे'' - यह स्लोगन सदा स्मृति में रहे तो कर्म श्रेष्ठ हो जायेंगे। 21.05.2022 जो व्यर्थ से इनोसेंट रहता है वही सच्चा-सच्चा सेंट (महात्मा) है। 20.05.2022 संकल्पों की सिद्धि प्राप्त करनी है तो आत्म शक्ति की उड़ान भरते रहो। 19.05.2022 स्थूल सम्पत्ति से भी अधिक मूल्यवान है - रूहानी स्नेह की सम्पत्ति। 18.05.2022 सर्व के प्रति सदा कल्याण की भावना रहे - यही ज्ञानी, योगी आत्मा के लक्षण हैं। 17.05.2022 अपकारी पर भी उपकार करने वाला ही ज्ञानी तू आत्मा है। 16.05.2022 सर्व को स्नेह और सहयोग देना ही विश्व सेवाधारी बनना है। 15.05.2022 ज्ञान और योग की नेचर बना लो तो हर कर्म नेचरल श्रेष्ठ और युक्तियुक्त होगा। 14.05.2022 दृढ़ता की शक्ति साथ हो तो सफलता गले का हार बन जायेगी। 13.05.2022 निर्विघ्न और एकरस स्थिति का अनुभव करना है तो एकाग्रता का अभ्यास बढ़ाओ। 12.05.2022 मन और बुद्धि को अनुभव की सीट पर सेट कर दो तो कभी अपसेट नहीं होंगे। 11.05.2022 मन में सर्व के प्रति कल्याण की भावना रखना ही विश्व कल्याणकारी बनना है। 10.05.2022 मैं और मेरेपन की अलाए (खाद) को समाप्त करना ही रीयल गोल्ड बनना है। 09.05.2022 परिवर्तन शक्ति द्वारा व्यर्थ संकल्पों के बहाव का फोर्स समाप्त कर दो तो समर्थ बन जायेंगे। 08.05.2022 परमात्म प्यार की पालना का स्वरूप है - सहजयोगी जीवन। 07.05.2022 कर्म में योग का अनुभव करना ही कर्मयोगी बनना है। 06.05.2022 जो दृढ़ निश्चय से भाग्य को निश्चित कर देते हैं वही सदा निश्चिंत रहते हैं। 05.05.2022 दु:खों की दुनिया को भूलना है तो परमात्म प्यार में सदा खोये रहो। 04.05.2022 सदा श्रेष्ठ और शुद्ध संकल्प इमर्ज रहें तो व्यर्थ स्वत: मर्ज हो जायेंगे। 03.05.2022 सच्चा राजऋषि वह है जिसका संकल्प मात्र भी कहाँ पर लगाव नहीं है। 02.05.2022 नॉलेज की शक्ति धारण कर लो तो विघ्न वार करने के बजाए हार खा लेंगे 01.05.2022 जिनके संकल्प और कर्म महान हैं वही मास्टर सर्वशक्तिमान् हैं। 30.04.2022 जब संकल्प में भी कोई आकर्षण आकर्षित न करे तब कहेंगे सम्पूर्णता की समीपता। 29.04.2022 रूहानी गुलाब वह है जो कांटों के बीच में रहते भी न्यारे और प्यारे रहते हैं। 28.04.2022 माया और प्रकृति के तूफानों में सेफ रहना है तो दिलतख्तनशीन बन जाओ। 27.04.2022 अटेन्शन नेचरल हो तो टेन्शन स्वत: खत्म हो जायेगा। 26.04.2022 सदा अलर्ट रहो तो अलबेलापन समाप्त हो जायेगा। 25.04.2022 किसी भी प्रकार के डिफेक्ट से परे रहना ही परफेक्ट बनना है। 24.04.2022 जो सर्व प्रश्नों से पार रहता है - वही प्रसन्नचित है। 23.04.2022 होलीहंस वह है जो व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन कर दे। 22.04.2022 स्व पर राज्य करने वाले ही सच्चे स्वराज्य अधिकारी हैं। 21.04.2022 शान्ति और धैर्यता की शक्ति से विघ्नों को समाप्त करने वाले ही विघ्न-विनाशक हैं। 20.04.2022 सेवा द्वारा पुण्य की पूंजी जमा करने वाले ही पुण्यात्मा हैं। 19.04.2022 विघ्न विनाशक बनना है तो सर्व शक्तियों से सम्पन्न बनो। 18.04.2022 किसी भी प्रकार की हलचल को समाप्त करने का साधन है - ड्रामा पर अटल निश्चय। 17.04.2022 हीरे तुल्य ऊंची स्थिति में स्थित होकर किये गये कर्म ही मूल्यवान कर्म हैं। 16.04.2022 सिम्पल बन अनेक आत्माओं के लिए सैम्पल बनना - यह भी बहुत बड़ी सेवा है। 15.04.2022 गुणमूर्त बनना और सर्व को गुणमूर्त बनाना - यही महादान है। 14.04.2022 अपने डबल लाइट स्वरूप में स्थित रहो तो सब बोझ समाप्त हो जायेंगे। 13.04.2022 समाधान स्वरूप बनना है तो सबको स्नेह और सम्मान देते चलो। 12.04.2022 ज्ञान स्वरूप, प्रेम स्वरूप बनना ही शिक्षाओं को स्वरूप में लाना है। 11.04.2022 स्वयं के स्वयं टीचर बनो तो सर्व कमजोरियां स्वत: समाप्त हो जायेंगी। 10.04.2022 अहम् और वहम में आने के बजाए सर्व पर रहम करो।
09.04.2022 आदि पिता के समान बनने के लिए शक्ति, शान्ति और सर्वगुणों के स्तम्भ बनो। 08.04.2022 सहनशीलता का गुण धारण करो तो कठोर संस्कार भी शीतल हो जायेंगे। 07.04.2022 स्वयं को मेहमान समझकर हर कर्म करो तो महान और महिमा योग्य बन जायेंगे। 06.04.2022 ज्ञानी तू आत्मा वह है जो ज्ञान डांस के साथ, संस्कार मिलन की डांस जानता है। 05.04.2022 साधनों को सेवा के प्रति यूज़ करो - आरामपसन्द बनने के लिए नहीं। 04.04.2022 साधना के बीज को प्रत्यक्ष करने का साधन है बेहद की वैराग्य वृत्ति। 03.04.2022 सेवाओं का सदा उमंग है तो छोटी-छोटी बीमारियां मर्ज हो जाती हैं। 02.04.2022 बहानेबाजी को मर्ज कर दो तो बेहद की वैराग्य वृत्ति इमर्ज हो जायेगी। 01.04.2022 सम्बन्ध-सम्पर्क और स्थिति में लाइट रहो - दिनचर्या में नहीं। 31.03.2022 एक दो को कॉपी करने के बजाए बाप को कॉपी करो तो श्रेष्ठ आत्मा बन जायेंगे। 30.03.2022 वफादार वह है जिसे संकल्प में भी कोई देहधारी आकर्षित न करे। 29.03.2022 समय को अमूल्य समझकर सफल करो तो समय पर धोखा नहीं खायेंगे। 28.03.2022 अपने संस्कारों को इज़ी (सरल) बना दो तो सब कार्य इज़ी हो जायेंगे। 27.03.2022 ज्ञान दान के साथ-साथ गुणदान करो तो सफलता मिलती रहेगी। 26.03.2022 सदा स्नेही वा सहयोगी बनना है तो सरलता और सहनशीलता का गुण धारण करो। 25.03.2022 एक दो की राय को रिगार्ड देना ही संगठन को एकता के सूत्र में बांधना है। 24.03.2022 सर्व का सम्मान प्राप्त करना है तो हर एक को सम्मान दो। 23.03.2022 सर्व गुणों वा सर्वशक्तियों का अधिकार प्राप्त करने के लिए आज्ञाकारी बनो। 22.03.2022 हद के इच्छाओं की अविद्या होना ही महान सम्पत्तिवान बनना है। 21.03.2022 मणि बन बाप के मस्तक के बीच चमकने वाले ही मस्तकमणि हैं। 20.03.2022 मन-बुद्धि को एक बाप में एकाग्र करने वाले ही पूज्य आत्मा बनते हैं। 19.03.2022 हर समय, हर कर्म में बैलेन्स रखो तो सर्व की ब्लैसिंग स्वत: प्राप्त होंगी। 18.03.2022 आकारी और निराकारी स्थिति में सहज स्थित होना है तो निरंहकारी बनो। 17.03.2022 वृत्ति में शुभ भावना हो, शुभ कामना हो तो शुभ वायब्रेशन फैलते रहेंगे। 16.03.2022 अव्यक्त स्थिति का अनुभव करने के लिए व्यक्त भाव और भावनाओं से परे रहो। 15.03.2022 ज्ञान, गुण और शक्तियों का दान करना ही महादान है। 14.03.2022 स्वयं को मेहमान समझकर रहो तो स्थिति अव्यक्त वा महान बन जायेगी। 13.03.2022 जो सदा शुभ संकल्पों की रचना करते हैं वही डबल लाइट रहते हैं। 12.03.2022 आत्मा को सदा तन्दरूस्त रखना है तो खुशी की खुराक खाते रहो। 11.03.2022 सबसे लकी वो हैं जो याद और सेवा में सदा बिजी रहते हैं। 10.03.2022 याद और सेवा का डबल लॉक लगाओ तो माया आ नहीं सकती। 09.03.2022 सदा परमात्म पालना के अन्दर रहना ही भाग्यवान बनना है। 08.03.2022 अपने स्वभाव को सरल बना दो तो समय व्यर्थ नहीं जायेगा। 07.03.2022 योगी और पवित्र जीवन ही सर्व प्राप्तियों का आधार है। 06.03.2022 परमात्म प्यार के पात्र बनो तो सहज ही मायाजीत बन जायेंगे। 05.03.2022 सदा निर्विघ्न रहना और सर्व को निर्विघ्न बनाना - यही यथार्थ सेवा है। 04.03.2022 माया के विकराल रूप के खेल को साक्षी होकर देखो तो निर्भय रहेंगे। 03.03.2022 स्व स्थिति को ऐसा शक्तिशाली बनाओ जो परिस्थितियां उसे नीचे ऊपर न कर सकें। 02.03.2022 निर्माणता की विशेषता को धारण कर लो तो सफलता मिलती रहेगी। 01.03.2022 ब्रह्मा बाप के संस्कार को अपना संस्कार बनाना ही फालो फादर करना है। 28.02.2022 हर कारण का निवारण कर सदा सन्तुष्ट रहना ही सन्तुष्टमणि बनना है। 27.02.2022 सदा हर्षित रहना है तो हर दृश्य को साक्षी होकर देखो। 26.02.2022 परचिंतन के प्रभाव से मुक्त होना है तो शुभचिंतन करो और शुभचिंतक बनो। 25.02.2022 समस्याओं को मिटाने वाले बनो - समस्या स्वरूप नहीं। 24.02.2022 मस्तक पर स्मृति का तिलक सदा चमकता रहे - यही सच्चे सुहाग की निशानी है। 23.02.2022 खुशी के खजाने से सम्पन्न बनो तो दूसरे सब खजाने स्वत: आ जायेंगे। 22.02.2022 सदा निश्चिंत स्थिति का अनुभव करना है तो आत्म-चिंतन और परमात्म-चिंतन करो। 21.02.2022 सम्पन्नता की अनुभूति द्वारा सन्तुष्ट आत्मा बनो तो अप्राप्ति का नामनिशान नहीं रहेगा। 20.02.2022 स्वयं को हीरो पार्टधारी समझ बेहद नाटक में हीरो पार्ट बजाते रहो। 19.02.2022 अपनी सर्व जिम्मेवारियों का बोझ बाप हवाले कर डबल लाइट बनो। 18.02.2022 सेवाओं में दिल बड़ी हो तो असम्भव कार्य भी सम्भव हो जायेगा। 17.02.2022 हर कर्म करते साक्षीपन की सीट पर रहो तो बाप आपका साथी बन जायेगा। 16.02.2022 फरिश्ते स्वरूप का साक्षात्कार कराने के लिए शरीर से डिटैच रहने का अभ्यास करो। 15.02.2022 श्रेष्ठ आशाओं का दीपक जगाने वाले ही सच्चे कुल दीपक हैं। 14.02.2022 कर्म और योग का बैलेन्स रखना ही सफल कर्मयोगी बनना है। 13.02.2022 त्रिकालदर्शी वह है जो किसी भी बात को एक काल की दृष्टि से नहीं देखते, हर बात में कल्याण समझते हैं। 12.02.2022 मास्टर दु:ख हर्ता, सुख कर्ता का पार्ट बजाने के लिए सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न बनो। 11.02.2022 जो समर्पित स्थिति में रहते हैं उनके आगे सर्व का सहयोग स्वत: समर्पित हो जाता है। 10.02.2022 ऐसे स्व-राज्य अधिकारी बनो जो अधीनता समाप्त हो जाए। 09.02.2022 जो सदा खुश रहते हैं और सबको खुशी बांटते हैं वही सच्चे सेवाधारी हैं। 08.02.2022 गुणवान उसे कहा जाता - जो ग्लानि करने वालों को भी गुण माला पहनाता चले। 07.02.2022 परोपकार की भावना से सम्पन्न बनना ही श्रेष्ठता का आधार है। 06.02.2022 विश्व परिवर्तक वह है जो अपनी शक्तिशाली वृत्तियों से वायुमण्डल को परिवर्तन कर दे। 05.02.2022 अव्यक्त स्थिति की लाइट चारों ओर फैलाना ही लाइट हाउस बनना है। 04.02.2022 समय पर सहयोगी बनो तो पदमगुणा रिटर्न मिल जायेगा। 03.02.2022 अपनी वृत्ति को पावरफुल बनाओ तो सेवा में वृद्धि स्वत: होगी। 02.02.2022 साधारणता में महानता का अनुभव करना ही महान आत्मा बनना है। 01.02.2022 खुशी की खुराक खाते रहो तो मन और बुद्धि शक्तिशाली बन जायेगी। 31.01.2022 योग अग्नि से व्यर्थ के किचड़े को जला दो तो बुद्धि स्वच्छ बन जायेगी। 30.01.2022 मायाजीत बनना है तो स्नेह के साथ-साथ ज्ञान का भी फाउण्डेशन मजबूत करो। 29.01.2022 अनुभवी वह है जिसकी दिल मजबूत और बुजुर्ग है। 28.01.2022 27.01.2022 कठिनाईयों को पार करने से ताकत आती है इसलिए उनसे घबराओ मत। 26.01.2022 विघ्न प्रूफ बनने के लिए दुआओं का खजाना जमा करो। 25.01.2022 जो पुरूष (आत्मा) समझ, रथ (शरीर) द्वारा कार्य कराते हैं वही सच्चे पुरूषार्थी हैं। 24.01.2022 सर्व प्राप्तियों से सदा सम्पन्न रहो तो सदा हर्षित, सदा सुखी और खुशनसीब बन जायेंगे। 23.01.2022 स्वमान की सीट पर सेट रहो तो सर्व का मान स्वत: प्राप्त होगा। 22.01.2022 पुरूषार्थ को तीव्र करना है तो अलबेलेपन के लूज़ स्क्रू को टाइट करो। 21.01.2022 अनुभवी स्वरूप बनो तो चेहरे से खुशनसीबी की झलक दिखाई देगी। 20.01.2022 सर्वशक्तिमान् बाप जिसके साथ है, माया उसके सामने पेपर टाइगर है। 19.01.2022 बाप के सहारे का अनुभव करना है तो हद के किनारों का सहारा छोड़ दो। 18.01.2022 सन्तुष्टता और प्रसन्नता की विशेषता ही उड़ती कला का अनुभव कराती है। 17.01.2022 अव्यक्त स्थिति बनानी है तो चित्र (देह) को न देख चैतन्य और चरित्र को देखो। 16.01.2022 साइलेन्स की पावर द्वारा निगेटिव को पॉजिटिव में परिवर्तन करना ही मन्सा सेवा है। 15.01.2022 सदा उमंग-उत्साह में रहना - यही ब्राह्मण जीवन का सांस है। 14.01.2022 दिव्य गुणों की प्राप्ति होना ही सबसे श्रेष्ठ प्रभु प्रसाद है। 13.01.2022 अव्यक्त स्थिति का अनुभव करने के लिए बाह्यमुखता को छोड़ अन्तर्मुखी एकान्तवासी बनो। 12.01.2022 जो बात अवस्था को बिगाड़ने वाली है - उसे सुनते हुए भी नहीं सुनो। 11.01.2022 अतीन्द्रिय सुख का अनुभव करना है तो गोपी वल्लभ की सच्ची-सच्ची गोपिका बनो। 10.01.2022 खुशनसीब आत्मा वह है जिसके संकल्प में भी दु:ख की लहर नहीं आती। 09.01.2022 जो एकरस स्थिति के श्रेष्ठ आसन पर स्थित रहता है - वही सच्चा तपस्वी है। 08.01.2022 मेहनत के बजाए मुहब्बत के झूले में झूलना ही श्रेष्ठ भाग्यवान की निशानी है। 07.01.2022 जीवनमुक्त अवस्था का अनुभव करने के लिए विकल्प और विकर्मो से मुक्त बनो। 06.01.2022 विश्व परिवर्तक वह है जो निगेटिव को पॉजिटिव में परिवर्तन कर दे। 05.01.2022 हर बोल में आत्मिक भाव और शुभ भावना हो तो कोई भी बोल व्यर्थ नहीं जा सकता। 04.01.2022 स्नेह का चुम्बक बनो तो ग्लानि करने वाले भी समीप आकर स्नेह के पुष्पों की वर्षा करेंगे। 03.01.2022 मर्यादाओं की लकीर के अन्दर रहने वाले ही मर्यादा पुरूषोत्तम हैं। 02.01.2022 दु:खधाम से किनारा कर लो तो दु:ख की लहर समीप नहीं आ सकती। 01.01.2022 महान आत्मा वह है जो पवित्रता रूपी धर्म को जीवन में धारण करता है। 31.12.2021 कर्मयोगी वह है जो कर्म के कल्प वृक्ष की डाली पर बैठ कर्म करते भी उपराम स्थिति में रहे। 30.12.2021 स्वयं को निमित्त करनहार समझो तो किसी भी कर्म में थकावट नहीं हो सकती। 29.12.2021 बाप के प्यार के पीछे व्यर्थ संकल्प न्योछावर कर दो - यही सच्ची कुर्बानी है। 28.12.2021 व्यर्थ संकल्प करना वा दूसरों के व्यर्थ संकल्प चलाने के निमित्त बनना - यह भी अपवित्रता है। 27.12.2021 दिल से कहो मेरा बाबा तो माया की बेहोशी से बंद आंखे खुल जायेंगी। 26.12.2021 निश्चय और फलक से कहो बाबा मेरे साथ है तो माया समीप आ नहीं सकती। 25.12.2021 झमेलों में फंसने के बजाए सदा मिलन मेले में रहो। 24.12.2021 निमित्त और निर्माणचित्त - यही सच्चे सेवाधारी के लक्षण हैं। 23.12.2021 मेले वा झमेले में डबल लाइट रहने वाला ही धारणामूर्त है। 22.12.2021 मैं के बजाए बाबा-बाबा कहना - यही याद का प्रूफ है। 21.12.2021 एक दो के संस्कारों को जानते हुए उनसे मिलकर चलना - यही उन्नति का साधन है। 20.12.2021 जीवन में अतीन्द्रिय सुख का अनुभव करने के लिए विशेष अमृतवेले एकान्तप्रिय बनो। 19.12.2021 एक दो का स्नेही बनने के लिए सरलता और सहनशीलता का गुण धारण करो। 18.12.2021 संस्कारों की टक्कर से बचने के लिए बालक और मालिकपन का बैलेन्स रखो। 17.12.2021 देह-भान से पार जाने के लिए चित्र को न देख चेतन और चरित्र को देखो। 16.12.2021 सत्यता की शक्ति को धारण करने के लिए सहनशील बनो। 15.12.2021 विस्तार को सार में समाने की जादूगरी सीख लो तो बाप समान बन जायेंगे। 14.12.2021 साधनों में बेहद के वैराग्यवृत्ति की साधना मर्ज होने न दो। 13.12.2021 अपनी ऊंची वृत्ति से प्रवृत्ति की परिस्थितियों को चेंज करो। 12.12.2021 प्रश्नचित बनना अर्थात् परेशान होना और परेशान करना। 11.12.2021 निश्चय और जन्म सिद्ध अधिकार की शान में रहो तो परेशान नहीं होंगे। 10.12.2021 अपने समय, श्वांस और संकल्प को सफल करना ही सफलता का आधार है। 09.12.2021 सफलता को परमात्म बर्थराइट समझने वाले ही सदा प्रसन्न-चित रह सकते हैं। 08.12.2021 साधन कमल पुष्प बनकर यूज़ करो क्योंकि ये आपके कर्मयोग का फल हैं। 07.12.2021 संकल्प का एक कदम आपका तो सहयोग के हज़ार कदम बाप के। 06.12.2021 “कब'' शब्द कमजोरी सिद्ध करता है इसलिए “कब'' करेंगे नहीं, अब करना है। 05.12.2021 छोटी बात को बड़ा नहीं करो, वातावरण को शक्तिशाली बनाओ। 04.12.2021 कोई भी बात जो बार-बार फील करता है वह फाइनल में फेल हो जाता है। 03.12.2021 कल्याण की भावना रख शिक्षा दो तो शिक्षायें दिल से लगेंगी। 02.12.2021 सोचना और करना समान हो तब कहेंगे विल पॉवर वाली शक्तिशाली आत्मा। 01.12.2021 बेहद के वैराग्य वृत्ति का फाउण्डेशन मजबूत हो तो सेकण्ड में अशरीरी बनना सहज है। 30.11.2021 सत्यवादी वह है जिसके चेहरे और चलन में दिव्यता हो। 29.11.2021 एक्शन कानसेस के बजाए सोल कानसेस बनो। 28.11.2021 आप फरिश्ता बनो तो परिस्थितियों में बाप स्वयं आपकी छत्रछाया बन जायेंगे। 27.11.2021 चलते-फिरते फरिश्ता स्वरूप में रहना - यही ब्रह्मा बाप की दिल-पसन्द गिफ्ट है। 26.11.2021 त्रिकालदर्शी की सीट पर सेट होकर हर कर्म करो तो माया दूर से ही भाग जायेगी। 25.11.2021 स्वस्थिति शक्तिशाली हो तो परिस्थिति उसके आगे कुछ भी नहीं है। 24.11.2021 सत्यता की स्व-स्थिति परिस्थितियों में भी सम्पूर्ण बना देगी। 23.11.2021 बाप को जानकर दिल से बाबा कहना यह सबसे बड़ी विशेषता है। 22.11.2021 किसी से भी लगाव है तो वह लगाव पुरूषार्थ में अलबेला अवश्य बनायेगा। 21.11.2021 विशेषतायें वा गुण दाता की देन हैं, दाता को देखो व्यक्ति को नहीं। 20.11.2021 एक दो को देखने के बजाए स्वयं को देखो और परिवर्तन करो। 19.11.2021 हर आत्मा को कोई न कोई प्राप्ति कराने वाले वचन ही सत वचन हैं। 18.11.2021 फरिश्ता बनना है तो व्यर्थ बोल वा डिस्टर्ब करने वाले बोल से मुक्त बनो। 17.11.2021 व्यर्थ बोलना अर्थात् अनेकों को डिस्टर्ब करना। 16.11.2021 जो मंगता है वो खुशी के खजाने से सम्पन्न नहीं हो सकता। 15.11.2021 नॉलेजफुल बन व्यर्थ प्रश्नों को स्वाहा कर दो तो समय बच जायेगा। 14.11.2021 ब्राह्मण जीवन का श्वांस खुशी है, शरीर भल चला जाए लेकिन खुशी न जाए। 13.11.2021 समय वा परिस्थिति प्रमाण वैराग्य आया तो यह भी अल्पकाल का वैराग्य है, सदाकाल के वैरागी बनो। 12.11.2021 सेवा व सम्बन्ध-सम्पर्क में विघ्न पड़ने का कारण है पुराने संस्कार, उन संस्कारों से वैराग्य हो। 11.11.2021 किसी भी कमजोरी का अंश है तो वंश पैदा हो जायेगा और परवश बना देगा। 10.11.2021 वैराग्य ऐसी योग्य धरनी है जिसमें जो भी फल डालेंगे वह फलीभूत अवश्य होगा। 09.11.2021 साधन यूज़ करते उनके प्रभाव से न्यारे और बाप के प्यारे बनो। 08.11.2021 बापदादा की मिली हुई शिक्षायें समय पर याद आना ही तीव्र पुरुषार्थ है। 07.11.2021 हर संकल्प, वाणी और कर्म में रूहानियत धारण करो तब सर्विस में रौनक आयेगी। 06.11.2021 अपने बुद्धि की लाइन सदा क्लीयर रखो तो एक दो के मन के भावों को जान लेंगे। 05.11.2021 अन्दर बाहर जो भी बुराईयां हैं उन्हें सम्पूर्ण विल कर दो तो विल-पावर आ जायेगी। 04.11.2021 सरल याद के लिए सरलता का गुण धारण करो, संस्कारों को सरल बनाओ। 03.11.2021 ज्ञान घृत और योग की बत्ती ठीक हो तो खुशी का दीपक जगता रहेगा। 02.11.2021 मन की स्थिति में ऐसा हार्ड बनो जो कोई भी परिस्थिति उसे पिघला न दे। 01.11.2021 प्यारे बनने का पुरुषार्थ नहीं, न्यारे बनने का पुरुषार्थ करो तो प्यारे स्वत: बन जायेंगे। 31.10.2021 जहाँ मेरापन आता है, वहाँ बुद्धि का फेरा हो जाता है। 30.10.2021 सत्य समय प्रमाण स्वयं सिद्ध होता है उसे सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं। 29.10.2021 मन की उलझन को समाप्त करने के लिए निर्णय शक्ति को बढ़ाओ। 28.10.2021 सहनशीलता का गुण धारण कर लो तो असत्यता का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। 27.10.2021 किसी भी प्रकार की हलचल में दिलशिकस्त होने के बजाए बड़ी दिल वाले बनो। 26.10.2021 जो वाणी द्वारा नहीं बदलते उन्हें शुभ वायब्रेशन द्वारा बदल सकते हो। 25.10.2021 ट्रस्टी वह है जो अपना सब कुछ बाप हवाले कर दे। 24.10.2021 शुभचिंतन द्वारा निगेटिव को पॉजिटिव में परिवर्तन करो। 23.10.2021 दिव्य गुणों के आधार पर मन-वचन और कर्म करना ही दिव्यता है। 22.10.2021 पहले सोचना फिर करना - यही ज्ञानी तू आत्मा का गुण है। 21.10.2021 सत्य के साथ असत्य मिक्स होते ही खुशी गायब हो जाती है। 20.10.2021 करने के बाद सोचना ही पश्चाताप का रूप है। 19.10.2021 अपने सत्य स्वरूप की स्मृति हो तो सत्यता की शक्ति आ जायेगी। 18.10.2021 समय और संकल्प के खजाने की बचत कर जमा का खाता बढ़ाओ। 17.10.2021 पवित्रता का प्रैक्टिकल स्वरूप सत्यता अर्थात् दिव्यता है। 16.10.2021 करावनहार बाप की स्मृति से मैं पन को समाप्त करो। 15.10.2021 इच्छायें परछाई के समान हैं आप पीठ कर दो तो पीछे-पीछे आयेंगी। 14.10.2021 अपने संस्कारों को दिव्य बनाना है तो मन-बुद्धि को बाप के आगे समर्पित कर दो। 13.10.2021 कोई भी इच्छा, अच्छा बनने नहीं देगी, इसलिए इच्छा मात्रम् अविद्या बनो। 12.10.2021 वानप्रस्थ स्थिति में जाना है तो दृष्टि-वृत्ति में भी पवित्रता को अण्डरलाइन करो। 11.10.2021 पवित्रता ही नवीनता है और यही ज्ञान का फाउण्डेशन है। 10.10.2021 किसी की विशेषता के कारण उससे विशेष स्नेह हो जाना - ये भी लगाव है। 09.10.2021 अमृतवेले दिल में परमात्म स्नेह को समा लो तो और कोई स्नेह आकर्षित नहीं कर सकता। 08.10.2021 हर सबजेक्ट में फुल मार्क्स जमा करनी है तो गम्भीरता का गुण धारण करो। 07.10.2021 पुरुषार्थ में सच्चाई हो तो बापदादा की एकस्ट्रा मदद का अनुभव करेंगे। 06.10.2021 सदा सेवा के उमंग-उत्साह में रहना - यही माया से सेफ्टी का साधन है। 05.10.2021 महारथी वह है जो कभी माया के प्रभाव में परवश न हो। 04.10.2021 अब समस्या स्वरूप नहीं, समाधान स्वरूप बनो। 03.10.2021 पवित्रता की शक्ति से अपने संकल्पों को शुद्ध, ज्ञान स्वरूप बनाकर कमजोरियों को समाप्त करो। 02.10.2021 ज्ञानी तू आत्मा वह है जिसमें अपने गुण वा विशेषताओं का भी अभिमान न हो। 01.10.2021 सेवा के उमंग-उत्साह के साथ, बेहद की वैराग्य वृत्ति ही सफलता का आधार है। 30.09.2021 सरल याद के लिए सरलता का गुण धारण करो, संस्कारों को सरल बनाओ। 29.09.2021 अपनी नेचर को इज़ी (सरल) बनाओ तो सब कार्य इज़ी हो जायेंगे। 28.09.2021 योगबल द्वारा कर्मभोग पर विजय प्राप्त करना - यही श्रेष्ठ पुरूषार्थ है। 27.09.2021 ज्ञान दान के साथ-साथ गुणदान करो तो सफलता मिलती रहेगी। 26.09.2021 बापदादा के हाथ में बुद्धि रूपी हाथ हो तो परीक्षाओं रूपी सागर में हिलेंगे नहीं। 25.09.2021 हर घड़ी को अन्तिम घड़ी समझकर चलो तो एवररेडी रहेंगे। 24.09.2021 हर समय हर कर्म में बैलेन्स रखना ही सर्व की ब्लैसिंग प्राप्त करने का साधन है। 23.09.2021 अपनी वृत्ति को पावरफुल बनाओ तो सेवा में वृद्धि स्वत: होगी। 22.09.2021 जिनके पास हद के इच्छाओं की अविद्या है वही महान सम्पत्तिवान हैं। 21.09.2021 जो स्वराज्य अधिकारी आत्मायें हैं वे कभी पर-अधीन नहीं हो सकती। 20.09.2021
19.09.2021 अपने पास शुद्ध वा श्रेष्ठ संकल्प इमर्ज रखो तो व्यर्थ स्वत: मर्ज हो जायेंगे। 18.09.2021 हद के किनारों को छोड़ एक बाप को सहारा बना लो तो पार हो जायेंगे।
17.09.2021 गुणमूर्त बनकर सर्व को गुणमूर्त बनाना ही महादानी बनना है। 16.09.2021 मन्सा द्वारा शक्तियों का और कर्म द्वारा गुणों का दान देना ही महादान है। 15.09.2021 उमंग-उत्साह के पंख सदा साथ हों तो हर कार्य में सफलता सहज मिलती है। 14.09.2021 इस दु:खधाम से किनारा कर लो तो कभी दु:ख की लहर आ नहीं सकती। 13.09.2021 स्व-स्थिति में स्थित रहकर सर्व परिस्थितियों को पार करना ही श्रेष्ठता है। 12.09.2021 सर्व का मान प्राप्त करने के लिए निर्मानचित बनो - निर्मानता महानता की निशानी है। 11.09.2021 मन में सर्व के कल्याण की भावना बनी रहे - यही विश्व कल्याणकारी आत्मा का कर्तव्य है। 10.09.2021 एकरस स्थिति के श्रेष्ठ आसन पर विराजमान रहना - यही तपस्वी आत्मा की निशानी है। 09.09.2021 राज्य अधिकारी के साथ-साथ बेहद के वैरागी बनकर रहना यही राजऋषि की निशानी है। 08.09.2021 दृढ़ निश्चय से अपने भाग्य को निश्चित कर दो तो सदा निश्चिंत रहेंगे। 07.09.2021 शिक्षाओं को स्वरूप में लाने वाले ही ज्ञान स्वरूप, प्रेम स्वरूप आत्मा हैं।
06.09.2021 संगठन के महत्व को जानने वाले संगठन में ही स्वयं की सेफ्टी का अनुभव करते हैं। 05.09.2021 योगी तू आत्मा वह है जो अन्तर्मुखी बन लाइट माइट रूप में स्थित रहता है। 04.09.2021 देही-अभिमानी स्थिति द्वारा तन और मन की हलचल को समाप्त करने वाले ही अचल रहते हैं। 03.09.2021 अपनी सर्व कर्मेन्द्रियों को आर्डर प्रमाण चलाना ही स्वराज्य अधिकारी बनना है। 02.09.2021 जो हर दृश्य को साक्षी होकर देखते हैं वही सदा हर्षित रहते हैं। 01.09.2021 किसी भी कारण का निवारण कर सन्तुष्ट रहने और करने वाले ही सन्तुष्टमणि हैं। 31.08.2021 एकनामी और इकॉनामी से चलना ही ब्राह्मण जीवन में सफलता का आधार है। 30.08.2021 सेवाओं में सफलता प्राप्त करना है तो निर्माणचित की विशेषता को धारण करो। 29.08.2021 जो अपने स्वभाव को सरल बना लेते हैं उनका समय व्यर्थ नहीं जाता। 28.08.2021 निरन्तर योग अभ्यास पर अटेन्शन दो तो फर्स्ट डिवीजन में नम्बर मिल जायेगा।
27.08.2021 सदा परमात्म प्यार में खोये रहो तो दु:खों की दुनिया भूल जायेगी। 26.08.2021 संकल्पों की सिद्धि प्राप्त करने के लिए आत्म शक्ति की उड़ान भरते चलो। 25.08.2021 रूहानी स्नेह सम्पत्ति से भी अधिक मूल्यवान है इसलिए मास्टर स्नेह के सागर बनो। 24.08.2021 सम्पूर्णता का लक्ष्य सामने रखो तो संकल्प में भी कोई आकर्षण आकर्षित नहीं कर सकती। 23.08.2021 याद और नि:स्वार्थ सेवा द्वारा मायाजीत बनने वाले ही सदा विजयी हैं। 22.08.2021 वरदाता बाप को अपना सच्चा साथी बना लो तो वरदानों से झोली भरी रहेगी। 21.08.2021 जो चित्र को न देख चेतन्य और चरित्र को देखते हैं वही श्रेष्ठ चरित्रवान हैं।
20.08.2021 जो स्वयं को मेहमान समझकर चलते हैं वही महान स्थिति का अनुभव करते हैं।
19.08.2021 अन्तर्मुखी, एकान्तवासी बनने वाली श्रेष्ठ आत्मा ही अव्यक्त स्थिति का अनुभव करती है। 18.08.2021 अपने स्वभाव को निर्मल बना दो तो हर कदम में सफलता समाई हुई है। 17.08.2021 मैं और मेरे पन की अलाय को समाप्त करना ही रीयल गोल्ड बनना है। 16.08.2021 परमात्म प्यार की पालना का स्वरूप - आपकी सहजयोगी जीवन है। 15.08.2021 सदा स्वमान की सीट पर स्थित रहो तो सर्व शक्तियां आपका आर्डर मानती रहेंगी। 14.08.2021 समय पर सर्व शक्तियों को कार्य में लगाना अर्थात् मास्टर सर्वशक्तिमान बनना। 13.08.2021 सन्तुष्टता जीवन का श्रृंगार है इसलिए सन्तुष्टमणि बन सन्तुष्ट रहो और सर्व को सन्तुष्ट करो। 12.08.2021 समय को बचाने वाले तीव्र पुरूषार्थी ही सदा विजयी हैं। 11.08.2021 मस्तक पर सदा साथ की स्मृति का तिलक लगाना - यही सुहाग की निशानी है। 10.08.2021 सर्व शक्तियों की लाइट सदा साथ रहे तो माया समीप नहीं आ सकती। 09.08.2021 जैसे आत्मा और शरीर कम्बाइन्ड है, ऐसे आप बाप के साथ कम्बाइन्ड रहो।
08.08.2021 खुशी का खजाना सदा साथ रहे तो बाकी सब खजाने स्वत: आ जायेंगे।
07.08.2021 जिनकी दिल बड़ी है उनके लिए असम्भव कार्य भी सम्भव हो जाते हैं।
06.08.2021 संगम पर सहन कर लेना, झुक जाना, यही सबसे बड़ी महानता है। 05.08.2021 सदा परमात्म चिंतन करने वाले ही बेफिक्र बादशाह हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की चिंता नहीं हो सकती।
04.08.2021 व्यर्थ से इनोसेंट बनो तो सच्चे-सच्चे सेन्ट बन जायेंगे।
03.08.2021 आत्मिक स्थिति में स्थित रह अपने रथ (शरीर) द्वारा कार्य कराने वाले ही सच्चे पुरूषार्थी हैं।
02.08.2021 व्यर्थ को समाप्त कर दो तो सेवा की ऑफर सामने आयेगी।
01.08.2021 ऐसी तीव्र उड़ान भरो जो बातों रूपी बादल सेकण्ड में क्रास हो जाएं।
31.07.2021 बाप के सर्व गुणों का अनुभव करने के लिए सदा ज्ञान सूर्य के सम्मुख रहो।
30.07.2021 समस्या स्वरूप बनने के बजाए, समस्या को मिटाने वाले समाधान स्वरूप बनो।
29.07.2021 सरलता और सहनशीलता के गुण को धारण करने वाले ही सच्चे स्नेही और सहयोगी हैं।
28.07.2021 एकाग्रता की शक्ति परवश स्थिति को भी परिवर्तन कर देती है।
27.07.2021 कर्म और योग का बैलेन्स रखने वाले ही सच्चे कर्मयोगी हैं।
26.07.2021 अनुभवों का स्वरूप बन जाओ तो चेहरे से खुशनसीबी की झलक दिखाई देगी।
25.07.2021 सर्व पर रहम करने वाले बनो तो अहम् और वहम् समाप्त हो जायेगा।
24.07.2021 सहनशीलता के गुण को धारण करो तो कठोर संस्कार भी शीतल हो जायेंगे।
23.07.2021 स्वयं का स्वयं ही टीचर बनो तो सर्व कमजोरियां स्वत: समाप्त हो जायेंगी।
22.07.2021 कर्म आत्मा का दर्शन कराने वाला दर्पण है इसलिए कर्म द्वारा शक्ति स्वरूप को प्रत्यक्ष करो।
21.07.2021 योगी आत्मायें वह हैं जिन्हें प्रकृति की हलचल भी आकर्षित न करे। 20.07.2021 ज्ञान स्वरूप आत्मा वह है जिसका हर संकल्प, हर सेकण्ड समर्थ हो। 19.07.2021 याद की वृत्ति से वायुमण्डल को पावरफुल बनाना - यही मन्सा सेवा है। 18.07.2021 मन्सा-वाचा-कर्मणा सेवा करने वाले ही निरन्तर सेवाधारी हैं, उनके हर श्वांस में सेवा समाई हुई है।
17.07.2021 निर्विघ्न बन सेवा में आगे नम्बर लेना अर्थात् नम्बरवन भाग्यशाली बनना।
16.07.2021 परचिंतन के प्रभाव में न आकर शुभचिंतन करने वाली शुभचिंतक मणी बनो।
15.07.2021 कर्म और योग का बैलेन्स रखने वाले ही सफल योगी हैं।
14.07.2021 पवित्रता की धारणा वा धर्म को जीवन में लाने वाले ही महान आत्मा हैं।
13.07.2021 हर एक को सम्मान देना ही सम्मान प्राप्त करना है।
12.07.2021 सर्व गुणों वा सर्व शक्तियों के अधिकारी बनने के लिए आज्ञाकारी बनो।
11.07.2021 जो समय को अमूल्य समझकर सफल करते हैं, वह समय पर धोखा नहीं खाते। 10.07.2021 सर्वशक्तिमान् बाप साथ हो तो माया पेपर-टाइगर बन जायेगी।
09.07.2021 निर्विघ्न और एकरस स्थिति का अनुभव करने के लिए एकाग्रता का अभ्यास करो।
08.07.2021 दृढ़ता की शक्ति सदा साथ हो तो सफलता गले का हार है।
07.07.2021 अपने मन-बुद्धि को अनुभव की सीट पर सेट कर दो तो कभी अपसेट नहीं होंगे।
06.07.2021 मायाजीत, प्रकृतिजीत बनने वाली श्रेष्ठ आत्मा ही स्वकल्याणी वा विश्व कल्याणी है।
05.07.2021 जिनका संकल्प और कर्म महान है वही मास्टर सर्वशक्तिमान् है।
04.07.2021 बीजरूप अवस्था में स्थित रहना - यही पुराने संस्कारों को परिवर्तन करने की विधि है।
03.07.2021 नॉलेज की शक्ति धारण कर लो तो विघ्न वार करने के बजाए हार खा लेंगे।
02.07.2021 सम्पूर्ण पवित्र और योगी बनना ही स्नेह का रिटर्न देना है।
01.07.2021 परमात्म दुआओं से अपनी झोली भरपूर करो तो माया समीप नहीं आ सकती।
30.06.2021 ईर्ष्या और अप्राप्ति का कारण इच्छायें हैं, जहाँ सर्व प्राप्तियां हैं वहाँ प्रसन्नता है।
29.06.2021 स्व पुरुषार्थ और सेवा के बैलेन्स द्वारा बंधन, सम्बन्ध में बदल जायेगा।
28.06.2021 अन्दर की अशुद्धि ही सम्पूर्ण शुद्ध बनने में विघ्न डालती है।
27.06.2021 अशुद्ध और शुद्ध दोनों की युद्ध है तो ब्राह्मण के बजाए क्षत्रिय हो।
26.06.2021
25.06.2021 सर्वशक्तिमान् को साथी बना लो तो सफलता आपके चरणों में आ जायेगी।
24.06.2021 रावण की जायदाद साथ में रख ली तो दिल में दिलाराम ठहर नहीं सकता।
23.06.2021 जिम्मेवारी उठाना अर्थात् एकस्ट्रा दुआओं का अधिकारी बनना।
22.06.2021 नष्टोमोहा बनना है तो सेवा अर्थ स्नेह रखो, स्वार्थ से नहीं।
21.06.2021 स्वराज्य के मालिक बनो तो सम्पूर्ण वर्से का अधिकार मिल जायेगा।
20.06.2021 साकार कर्म में ब्रह्मा बाप को और अशरीरी बनने में निराकार बाप को फालो करो।
19.06.2021 जब थकावट फील हो तो खुशी में डांस करो, इससे मूड चेंज हो जायेगी।
18.06.2021 एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाओ तो मन-बुद्धि का भटकना बंद हो जायेगा।
17.06.2021 बीमारी से घबराओ नहीं, उसे दवाई रूपी फ्रूट खिलाकर विदाई दे दो।
16.06.2021 तन की बीमारी कोई बड़ी बात नहीं लेकिन मन कभी बीमार न हो।
15.06.2021 जहाँ सर्व प्राप्तियां हैं वहाँ प्रसन्नता है।
14.06.2021 तपस्या करनी है तो समय को बचाओ, बहाना नहीं दो।
13.06.2021 जो निमित्त हैं वह जिम्मेवारी सम्भालते भी सदा हल्के हैं।
12.06.2021 निश्चय का फाउण्डेशन मजबूत है तो सम्पूर्णता तक पहुंचना निश्चित है।
11.06.2021 श्रीमत को यथार्थ समझकर उस पर कदम-कदम चलने में ही सफलता समाई हुई है।
10.06.2021 सच्ची सेवा वह है जिसमें सर्व की दुआओं के साथ खुशी की अनुभूति हो।
09.06.2021 अपने धारणा स्वरूप से योगी जीवन का प्रभाव डालना - यह बहुत बड़ी सेवा है।
08.06.2021 अपनी सूक्ष्म कमजोरियों का चिंतन करके उन्हें मिटा देना - यही स्वचिंतन है।
07.06.2021 अपनी गलती दूसरे पर लगाना - यह भी परचिंतन है।
06.06.2021 कमजोर संस्कार ही माया के आने का चोर गेट है, अब यह गेट बन्द करो।
05.06.2021 अगर पवित्रता स्वप्न मात्र भी हिलाती है तो निश्चय का फाउण्डेशन कच्चा है।
04.06.2021 दिल से बाबा कहना अर्थात् खुशी और शक्ति की प्राप्ति करना।
03.06.2021 अलबेलेपन की लहर को समाप्त करने का साधन है बेहद का वैराग्य।
02.06.2021 शुभ भावना, शुभ कामना के श्रेष्ठ संकल्प ही जमा का खाता बढ़ाते हैं।
01.06.2021 नाम के आधार पर सेवा करना अर्थात् ऊंच पद में नाम पीछे कर लेना।
31.05.2021 कमजोर संकल्प ही प्रसन्नचित के बजाए प्रश्नचित बना देते हैं।
30.05.2021 योगी की निशानी है - सदा क्लीन और क्लीयर।
29.05.2021 समय पर दु:ख और धोखे से बचकर सफल होने वाला ही ज्ञानी (समझदार) है।
28.05.2021 किसी भी विघ्न के वश होना अर्थात् डायमण्ड पर दाग लगाना।
27.05.2021 फरिश्ता रूप में रहने से कोई भी विघ्न अपना प्रभाव डाल नहीं सकता।
26.05.2021 सेवा की अति में नहीं जाओ, सेवा और स्व पुरूषार्थ का बैलेन्स रखो।
25.05.2021 किसी की बुरी वा अच्छी बात सुनकर संकल्प में भी घृणा भाव आना - यह भी परमत है।
24.05.2021 अनेकता में एकता लाना, बिगड़ी को बनाना - यह सबसे बड़ी विशेषता है।
23.05.2021 बाप के साथ को यूज़ करो तो कभी दिलशिकस्त नहीं होंगे।
22.05.2021 ब्राह्मण संसार में सर्व का सम्मान प्राप्त करने वाले ही तख्तनशीन बनते हैं।
21.05.2021 संगम का एक सेकण्ड भी व्यर्थ गंवाना अर्थात् एक वर्ष गंवाना।
20.05.2021 सदा उड़ती कला में उड़ना ही झमेलों के पहाड़ को क्रास करना है।
19.05.2021 चाहिए-चाहिए का संकल्प आना भी रॉयल रूप का मांगना है।
18.05.2021 अच्छाई धारण करो लेकिन अच्छाई में प्रभावित नहीं हो जाओ।
17.05.2021 रहम नि:स्वार्थ और लगावमुक्त हो - स्वार्थ वाला नहीं।
16.05.2021 रहम की भावना सहज ही निमित्त भाव इमर्ज कर देती है।
15.05.2021 निरन्तर एक बाप के संग में रहो तो संगदोष से बच जायेंगे।
14.05.2021 श्रीमत की लगाम मजबूत है तो मन रूपी घोड़ा भाग नहीं सकता।
13.05.2021 मन को वश में करने वाला ही मनमनाभव रह सकता है।
12.05.2021 सच्चे सेवाधारी वह हैं जिनका सोचना और कहना समान हो।
11.05.2021 दिल में परमात्म प्यार वा शक्तियां समाई हुई हों तो मन में उलझन आ नहीं सकती।
10.05.2021 स्वयं के साथ-साथ प्रकृति को भी पावन बनाना है तो सम्पूर्ण लगाव मुक्त बनो।
09.05.2021 प्रवृत्ति में रहते सम्पूर्ण पवित्र रहना - यही योगी व ज्ञानी तू आत्मा की चैलेन्ज है।
08.05.2021 क्रोध मुक्त बनना है तो स्वार्थ के बजाए निस्वार्थ बनो, इच्छाओं के रूप का परिवर्तन करो।
07.05.2021 क्रोध का कारण है स्वार्थ वा ईर्ष्या - यही चिड़चिड़ेपन की जड़ है, पहले इसे ही समाप्त करो।
06.05.2021 सोते समय सब कुछ बाप हवाले कर खाली हो जाओ तो व्यर्थ वा विकारी स्वप्न नहीं आयेंगे।
05.05.2021 पवित्रता का पिल्लर मजबूत करो तो यह पिल्लर लाइट हाउस का काम करता रहेगा।
04.05.2021 कोई भी संसार समाचार सुनना, सुनाना - यह भी स्वयं में किचड़ा जमा करना है।
03.05.2021 वह सेफ रहते हैं।
02.05.2021 सुनने-सुनाने में भावना और भाव को बदल देना ही वायुमण्डल खराब करना है।
01.05.2021 रॉयल रूप की इच्छा का स्वरूप नाम, मान और शान है, इससे न्यारे बनो।
30.04.2021 अशरीरी बनना वायरलेस सेट है, वाइसलेस बनना वायरलेस सेट की सेटिंग है।
29.04.2021 जो सदा प्रसन्नचित हैं, वह कभी प्रश्नचित नहीं हो सकता।
28.04.2021 रहमदिल बन सेवा द्वारा निराश और थकी हुई आत्माओं को सहारा दो।
27.04.2021 सर्व की शुभ भावना और सहयोग की बूंद से बड़ा कार्य भी सहज हो जाता है।
26.04.2021 न्यारे बनकर कर्मेन्द्रियों से कर्म कराओ तो कर्मातीत स्थिति का अनुभव सहज कर सकेंगे।
25.04.2021 मन को आर्डर प्रमाण चलाओ तो मन्मनाभव की स्थिति स्वत: रहेगी।
24.04.2021 मास्टर सर्वशक्तिमान् की स्मृति में रहो, यह स्मृति ही मालिकपन की स्मृति दिलाती है।
23.04.2021 कर्म करते कर्म के अच्छे वा बुरे प्रभाव में न आना ही कर्मातीत स्थिति है।
22.04.2021 कर्म करते करन-करावनहार बाप की स्मृति रहे तो स्व-पुरुषार्थ और योग का बैलेन्स ठीक रहेगा।
21.04.2021 कर्म के समय योग का बैलेन्स ठीक हो तब कहेंगे कर्मयोगी।
20.04.2021 अब धरनी में परमात्म पहचान का बीज डालो तो प्रत्यक्षता होगी।
19.04.2021 अपने दिल में याद का झण्डा लहराओ तो प्रत्यक्षता का झण्डा लहरा जायेगा।
18.04.2021 परिस्थितियों में घबराने के बजाए उन्हें शिक्षक समझकर पाठ सीख लो।
17.04.2021 योग की अनुभूति करनी है तो दृढ़ता की शक्ति से मन को कन्ट्रोल करो।
16.04.2021 जो सेवा स्वयं को वा दूसरे को डिस्टर्ब करे वो सेवा, सेवा नहीं बोझ है।
15.04.2021 बेहद की सेवा का लक्ष्य रखो तो हद के बन्धन सब टूट जायेंगे।
14.04.2021 सर्वशक्तिमान् बाप को साथी बना लो तो पश्चाताप से छूट जायेंगे।
13.04.2021 अभी योद्धा बनने के बजाए निरन्तर योगी बनो।
12.04.2021 स्नेह, शक्ति और ईश्वरीय आकर्षण स्वयं में भरो तो सब सहयोगी बन जायेंगे।
11.04.2021 पावरफुल वह है जो फौरन परखकर फैंसला कर दे।
10.04.2021 साक्षी होकर हर खेल देखो तो सेफ भी रहेंगे और मज़ा भी आयेगा।
09.04.2021 बिगड़े हुए को सुधारना - यह सबसे बड़ी सेवा है।
08.04.2021 सेवा में सफलता प्राप्त करनी है तो बोल और चाल-चलन प्रभावशाली हो।
07.04.2021 सहन करना है तो खुशी से करो, मज़बूरी से नहीं।
06.04.2021 संगम पर सहन करना अर्थात् मरना ही स्वर्ग का राज्य लेना है।
05.04.2021 जैसा समय वैसा अपने को मोल्ड कर लेना - यही है रीयल गोल्ड बनना।
04.04.2021 विस्तार को सेकण्ड में समाकर ज्ञान के सार का अनुभव करो और कराओ।
03.04.2021 पावरफुल स्थिति का अनुभव करने के लिए एकान्त और रमणीकता का बैलेन्स रखो।
02.04.2021 अपनी रूहानी स्थिति में स्थित रहने वाले ही मन्सा महादानी हैं।
01.04.2021 अपनी श्रेष्ठ स्थिति बनानी है तो अन्तर्मुखी बन फिर बाह्यमुखता में आओ।
31.03.2021 तपस्वी वह है जो अच्छे बुरे कर्म करने वालों के प्रभाव के बन्धन से मुक्त है।
30.03.2021 जो सर्व आत्माओं के प्रति शुद्ध संकल्प रखते हैं वही वरदानी मूर्त हैं।
29.03.2021 सर्व प्राप्तियों की मौज का अनुभव कर सन्तुष्ट आत्मा बनो।
28.03.2021 जीवन में सन्तुष्टता और सरलता का सन्तुलन रखना ही सबसे बड़ी विशेषता है।
27.03.2021 गुणमूर्त बन अपने जीवन रूपी गुलदस्ते में दिव्यता की महक फैलाओ।
26.03.2021 एकाग्रता द्वारा सागर के तले में जाकर अनुभवों के हीरे मोती प्राप्त करना ही अनुभवी मूर्त बनना है।
25.03.2021 मनमनाभव की स्थिति में रहो तो अलौकिक सुख व मनरस स्थिति का अनुभव करेंगे।
24.03.2021 ब्रह्मा बाप समान गुण स्वरूप, शक्ति स्वरूप और याद स्वरूप बनने वाले ही सच्चे ब्राह्मण हैं।
23.03.2021 हर आत्मा से शुभ आशीर्वादें प्राप्त करनी हैं तो बेहद की शुभ भावना और शुभ कामना में स्थित रहो।
22.03.2021 मनन शक्ति द्वारा सागर के तले में जाने वाले ही रत्नों के अधिकारी बनते हैं।
21.03.2021 अपनी उड़ती कला द्वारा हर समस्या को बिना किसी रूकावट से पार करने वाले उड़ता पंछी बनो।
20.03.2021 "एक बाप दूसरा न कोई'' इस विधि द्वारा सदा वृद्धि को प्राप्त करते रहो।
19.03.2021 अपने हर नये संकल्प से, नई दुनिया की नई झलक का साक्षात्कार कराओ।
18.03.2021 "बाबा'' शब्द की डायमण्ड चाबी साथ हो तो सर्व खजानों की अनुभूति होती रहेगी।
17.03.2021 बुद्धि रूपी विमान द्वारा वतन में पहुंचकर ज्ञान सूर्य की किरणों का अनुभव करना ही शक्तिशाली योग है।
16.03.2021 महादानी वह है जो अपनी दृष्टि, वृत्ति और स्मृति की शक्ति से शान्ति का अनुभव करा दे।
15.03.2021 अपने परिवर्तन द्वारा सम्पर्क, बोल और सम्बन्ध में सफलता प्राप्त करने वाले ही सफलतामूर्त हैं।
14.03.2021 संकल्प, समय और बोल की इकॉनामी करो तो बाबा की मदद को कैच कर सकेंगे।
13.03.2021 वायुमण्डल वा विश्व को परिवर्तन करने के पहले स्व-परिवर्तन करो।
12.03.2021 जो सदा स्नेही हैं वह हर कार्य में स्वत: सहयोगी बनते हैं।
11.03.2021 श्रीमत के इशारे प्रमाण सेकण्ड में न्यारे और प्यारे बन जाना ही तपस्वी आत्मा की निशानी है।
10.03.2021 मास्टर दाता बन अनेक आत्माओं को प्राप्तियों का अनुभव कराना ही ब्रह्मा बाप समान बनना है।
09.03.2021 सदा अचल अडोल रहने के लिए एकरस स्थिति के आसन पर विराजमान रहो।
08.03.2021 शक्तिशाली वह है जो अपनी साधना द्वारा जब चाहे शीतल स्वरूप और जब चाहे ज्वाला रूप धारण कर ले।
07.03.2021 सदा आशा और विश्वास के आधार पर विजयी बनो।
06.03.2021 परिस्थितियों में आकर्षित होने के बजाए उन्हें साक्षी होकर खेल के रूप में देखो।
05.03.2021 जो सुखदाता बाप के सुखदाई बच्चे हैं उनके पास दु:ख की लहर आ नहीं सकती।
04.03.2021 अपने सुख शान्ति के वायब्रेशन से लोगों को सुख चैन की अनुभूति कराना ही सच्ची सेवा है।
03.03.2021 मन और बुद्धि को एक ही पावरफुल स्थिति में स्थित करना यही एकान्तवासी बनना है।
02.03.2021 शान्ति दूत बन अपनी तपस्या द्वारा विश्व में शान्ति की किरणें फैलाओ।
01.03.2021 रूहे गुलाब बन अपनी रूहानी वृत्ति से वायुमण्डल में रूहानियत की खुशबू फैलाओ।
28.02.2021 सदा सुप्रीम रूह की छत्रछाया में रहना ही अलौकिक जीवन की सेफ्टी का साधन है।
27.02.2021 रॉयल वह है जो अपने हर्षितमुख द्वारा प्योरिटी की रायॅल्टी का अनुभव कराये।
26.02.2021 अपने तन, मन, धन को सफल करने वा सर्व खजानों को बढ़ाने वाले ही समझदार हैं।
25.02.2021 दिल और दिमाग में ऑनेस्टी हो तो बाप वा परिवार के विश्वास पात्र बन जायेंगे।
24.02.2021 सबसे लक्की वह है जिसने अपने जीवन में अनुभूति की गिफ्ट प्राप्त की है।
23.02.2021 साक्षी बन हर खेल को देखने वाले ही साक्षी दृष्टा हैं।
22.02.2021 ऊंच ब्राह्मण वह है जो अपनी शक्ति से बुरे को अच्छे में बदल दे।
21.02.2021 विजयी रत्न वह है जिसके मस्तक पर सदा विजय का तिलक चमकता हो।
20.02.2021 सर्वशक्तियों को अपने ऑर्डर में रखने वाले ही मास्टर सर्वशक्तिमान हैं।
19.02.2021 कर्म और योग का बैलेन्स ही परमात्म ब्लैसिंग का अधिकारी बना देता है।
18.02.2021 इस जीवन में अतीन्द्रिय सुख व आनंद की अनुभूति करने वाले ही सहजयोगी हैं।
17.02.2021 अपने शक्तियों के खजाने से शक्तिहीन, परवश आत्मा को शक्तिशाली बनाओ।
16.02.2021 एक की लगन में सदा मगन रहो तो निर्विघ्न बन जायेंगे।
15.02.2021 हर एक की विशेषता को स्मृति में रख फेथफुल बनो तो संगठन एकमत हो जायेगा।
14.02.2021 विस्तार को न देख सार को देखने वा स्वयं में समाने वाले ही तीव्र पुरुषार्थी हैं।
13.02.2021 जाननहार के साथ करनहार बन असमर्थ आत्माओं को अनुभूति का प्रसाद बांटते चलो।
12.02.2021 स्वयं के परिवर्तन से अन्य आत्माओं का परिवर्तन करना ही जीयदान देना है।
11.02.2021 कमल आसनधारी ही माया की आकर्षण से न्यारे, बाप के स्नेह में प्यारे श्रेष्ठ कर्मयोगी हैं।
10.02.2021 हर कर्म स्व स्थिति में स्थित होकर करो तो सहज ही सफलता के सितारे बन जायेंगे।
09.02.2021 अपनी तपस्या द्वारा शान्ति के वायब्रेशन फैलाना ही विश्व सेवाधारी बनना है।
08.02.2021 हर परिस्थिति रूपी पहाड़ को पार कर अपनी मंजिल को प्राप्त करने वाले उड़ता पंछी बनो।
07.02.2021 ज्ञान स्वरूप बनना है तो हर समय स्टडी पर अटेन्शन रखो, बाप और पढ़ाई से समान प्यार हो।
06.02.2021 मान, शान का त्याग कर अपने समय को बेहद सेवा में सफल करना ही परोपकारी बनना है।
05.02.2021 कर्म और मन्सा दोनों सेवा का बैलेन्स हो तो शक्तिशाली वायुमण्डल बना सकेंगे।
04.02.2021 परचिंतन और परदर्शन की धूल से दूर रहने वाले ही सच्चे अमूल्य हीरे हैं।
03.02.2021 अपना सब कुछ बाप को अर्पण कर सदा हल्के रहने वाले ही फरिश्ते हैं।
02.02.2021 राजयोगी वह हैं जो सेकण्ड में सार से विस्तार और विस्तार से सार में जाने के अभ्यासी हैं।
01.02.2021 सहजयोगी वह हैं जो अपने हर संकल्प व कर्म से बाप के स्नेह का वायब्रेशन फैलाते हैं।
28.01.2021 तन और मन को सदा खुश रखने के लिए खुशी के ही समर्थ संकल्प करो।
27.01.2021 स्वयं से, सेवा से और सर्व से सन्तुष्टता का सर्टीफिकेट लेना ही सिद्धि स्वरूप बनना है।
26.01.2021 बाप और सर्व की दुआओं के विमान में उड़ने वाले ही उड़ता योगी हैं।
25.01.2021 जो सच्चे रहमदिल हैं उन्हें देह वा देह-अभिमान की आकर्षण नहीं हो सकती।
24.01.2021 सेवा में सफलता का सितारा बनो, कमजोर नहीं।
23.01.2021 अपने रहम की दृष्टि से हर आत्मा को परिवर्तन करने वाले ही पुण्य आत्मा हैं।
22.01.2021 सिद्धि स्वरूप बनने के लिए हर संकल्प में पुण्य और बोल में दुआयें जमा करते चलो।
21.01.2021 बालक सो मालिक वह है जो तपस्या के बल से भाग्यविधाता बाप को अपना बना दे।
20.01.2021 प्रयोगी आत्मा बन योग के प्रयोग से सर्व खजानों को बढ़ाते चलो।
19.01.2021 विश्व कल्याणकारी वह है जो प्रकृति सहित हर आत्मा के प्रति शुभ भावना रखते हैं।
18.01.2021 संकल्प वा स्वप्न में भी एक दिलाराम की याद रहे तब कहेंगे सच्चे तपस्वी।
17.01.2021 सच्चे ब्राह्मण वह हैं जिनकी सूरत और सीरत से प्योरिटी की पर्सनैलिटी वा रॉयल्टी का अनुभव हो।
16.01.2021 साक्षीपन की स्थिति में रह दिलाराम के साथ का अनुभव करने वाले ही लवलीन आत्मा हैं।
15.01.2021 व्यर्थ संकल्प वा विकल्प से किनारा कर आत्मिक स्थिति में रहना ही योगयुक्त बनना है।
14.01.2021 नाज़ुकपन के संकल्पों को समाप्त कर शक्तिशाली संकल्प रचने वाले ही डबल लाइट रहते हैं।
13.01.2021
जो सदा सन्तुष्ट और खुश रहने वाले हैं वही खुशनसीब हैं।
12.01.2021
पवित्रता का आधार है।
11.01.2021
सत्यता की सभ्यता का अनुभव कराना ही श्रेष्ठता है।
10.01.2021
असम्भव को सम्भव कर सफलता मूर्त बनो।
09.01.2021
प्रयोग में लाओ तो हर कदम में प्रगति का अनुभव करेंगे।
08.01.2021
जो हर सेकण्ड, हर कदम श्रीमत पर एक्यूरेट चलते हैं।
07.01.2021
दोनों का बैलेन्स रख सेवा करने से सफलता मिलती है।
06.01.2021
उमंग-उत्साह के सहयोग से दिलशिकस्त को शक्तिवान बनाओ।
05.01.2021
स्मृति में रख उन्हें स्वरूप में लाओ।
04.01.2021
छत्रछाया के अन्दर रहो तो विघ्न-विनाशक बन जायेंगे।
03.01.2021
लाइट का शरीर देखो, लाइट रूप में स्थित रहो।
02.01.2021
सफल करने वाले ही महादानी आत्मा हैं।
01.01.2021
स्वयं में धारण कर विश्व की स्टेज पर प्रत्यक्ष होना ही प्रत्यक्षता का आधार है।
|
|