10.12.1979 "...आपस में पुरूषार्थ के स्व उन्नति के प्लैन्स का ग्रुप बनाओ। उन्नति की बातों पर रूह-रूहान करो। लेन-देन करते-करते बार-बार यह रिपीट करते-करते रिवाइज़ करतेकरते रियलाइजेशन भी हो जायेगी। रोज़ किस विषय पर और क्या-क्या डीप रूह-रूहान की, इसका हर सप्ताह समाचार का पत्र आना चाहिए। क्या-क्या रूह-रूहान की। क्या चार्ट रहा। यह भी उन्नति का झन्डा है। धर्मराज के पास बाप का बच्चा डन्डा खाये - यह शोभा देगा? इसलिए अभी उन्नति का झन्डा ठीक है।..." |