108 या 16 हजार की
माला के अधिकारी
Avyakt Baapdada - 21.11.1992
"... सदा तीव्र पुरुषार्थी आत्मायें हैं
ऐसे अनुभव करते हो?
जब ब्राह्मण बने तो पुरुषार्थी तो हैं ही।
तीव्र पुरुषार्थी हैं वा
सिर्फ पुरुषार्थी हैं?
सुनने और सुनाने वाले को
पुरुषार्थी कहेंगे या तीव्र पुरुषार्थी कहेंगे?
सुनना और सुनाना,
उसके बाद क्या होता है?
तीव्र पुरुषार्थी किसको कहेंगे
सुनने वाले को या
बनने वाले को?
जो माला का 16108वां नम्बर है
वह भी सुनता और
सुनाता तो है ही।
नहीं तो माला में कैसे आयेगा।
लेकिन 108 की माला में
कौन आयेंगे?
108 की माला का
नाम है विजयी माला।
16000 वाली माला का नाम
विजयी माला नहीं है।
तो सुनना और सुनाना
यह मैजारिटी करते हैं।
लेकिन सुना और बना
इसको कहा जाता है तीव्र पुरुषार्थी।
तीव्र पुरुषार्थी 108 हैं और
पुरुषार्थी 16108 हैं।
तो अपने आपको चेक करो कि
तीव्र पुरुषार्थी हैं या पुरुषार्थी हैं?
जो हैं, जैसा हैं-वह मैजारिटी
अपने आपको जान सकते हैं।
कोई थोड़े ऐसे हैं जो
अपने को नहीं भी जानते हैं,
रांग को राईट समझकर भी चल जाते हैं।
मैजारिटी अपने मन में
अपने आपको सत्य जानते हैं कि
मैं कौन हूँ?
इसलिए सदा
अपने को देखो,
दूसरे को नहीं।..."
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