Sakar Murli - 16.05.2020 | |
01 | अब तुम बच्चे बाप के सम्मुख बैठे हो तो कितनी खुशी होनी चाहिए! |
Sakar Murli - 13.05.2020 | |
01 | बुद्धियोग बाहर चला जाता है। तो कोशिश कर समय निकालना चाहिए। |
02 | अमृतवेले का समय अच्छा है। उस समय बाहर के विचारों को लॉकप कर देना चाहिए |
03 | बाप की महिमा में लिख देना चाहिए - बाबा ज्ञान का सागर, पतित-पावन है। |
04 | बाप कहते हैं अव्यभिचारी याद चाहिए। |
05 | युद्ध में कोई अंगूरी लगाते हैं तो बहादुर हो लड़ना चाहिए। |
06 | अब जबकि बाप आये हैं, ऐसी राजाई देने तो बच्चों को कितना पुरूषार्थ करना चाहिए। |
07 | तुम बच्चों के लिए नई दुनिया भी जरूर चाहिए। |
08 | किसको भी गवर्मेन्ट छोड़ेगी नहीं इसलिए उसका जास्ती ख्याल न कर अपनी भविष्य कमाई में लग जाना चाहिए। |
09 | बाप तुम्हारा टीचर भी है, गुरू भी है तो उनको याद करना चाहिए। |
Sakar Murli - 09.05.2020 | |
01 | अब बाप सिखलाते हैं प्यार आत्मा में होना चाहिए। |
02 | अब बाप समझाते हैं तुम्हारा प्यार परमात्मा बाप से होना चाहिए, शरीरों से नहीं। |
03 | निश्चय है तो फिर पुरूषार्थ करना चाहिए ना। |
04 | लक्ष्मी-नारायण के चित्र में तिथि-तारीख जरूर होनी चाहिए। |
05 | बाप को थोड़ेही भूलना चाहिए। |
06 | अब फिर खुद पुरूषार्थ से यह बन रहे हैं। नशा रहना चाहिए ना। |
07 | कभी भी पुरूषार्थ में ठण्डा नहीं होना चाहिए। माया को पहलवान देख हार्ट फेल नहीं होना चाहिए। |
Sakar Murli - 08.05.2020 | |
01 | आसुरी संस्कारों को बदलकर दैवी संस्कार बनाने के लिए कौन-सा विशेष पुरूषार्थ चाहिए? |
02 | तुम जानते हो हमको भगवान पढ़ाते हैं, तो कितना नशा रहना चाहिए। |
03 | तो बच्चों को पूरा पुरूषार्थ कर श्रीमत पर चलना चाहिए। |
04 | प्रीत भी अव्यभिचारी चाहिए। |
05 | तुमको प्रदर्शनी आदि में कभी दिलशिकस्त नहीं होना चाहिए। |
06 | याद भी अव्यभिचारी चाहिए। |
07 | पूरा पुरूषार्थ करना चाहिए - हम सुखधाम के मालिक थे। |
Sakar Murli - 07.05.2020 | |
01 | एक बाप ही है राइट, सच बोलने वाला। वह तुमको सचखण्ड का मालिक बनाते हैं तो उनकी मत लेनी चाहिए। |
02 | माया श्रेष्ठ मत लेने नहीं देती है। श्रीमत पर चलना चाहिए ना। |
03 | गीता में जो ज्ञान होना चाहिए वह है नहीं। |
04 | अपने अन्दर से पूछना चाहिए - हम कितना पुण्य आत्मा बने हैं? |
05 | बहुत पाप करते हैं, अगर निश्चय हो कि बाप हमको पढ़ाते हैं तो खुशी रहनी चाहिए। तुम जानते हो हम भविष्य नई दुनिया में प्रिन्स-प्रिन्सेज बनेंगे, तो कितनी खुशी रहनी चाहिए। |
06 | अन्दर जांच करनी चाहिए, सारे दिन में कितना पाप किया? कितना याद किया? याद से ही पाप भस्म होंगे। कोशिश करनी चाहिए। |
Sakar Murli - 06.05.2020 | |
01 | यह भी अटूट निश्चय चाहिए कि निराकार बाप इस भागीरथ पर विराजमान है। |
02 | यह बिल्कुल पक्का निश्चय चाहिए, इसमें ही माया संशय में लाती है। |
03 | आत्मा और शरीर दोनों ही श्रेष्ठ चाहिए ना। |
04 | यह बना-बनाया ड्रामा है, इनसे कोई छूट नहीं सकता। जो कुछ देखते हो, मच्छर उड़ा, कल्प बाद भी उड़ेगा। इस समझने में बड़ी अच्छी बुद्धि चाहिए। |
05 | तुम बच्चों को इस पुरानी दुनिया से वैराग्य आना चाहिए। |
06 | तुम्हारी बुद्धि में यह सारा ज्ञान रहना चाहिए। |
07 | आत्मा अपने बाप को याद करती है। बाबा हम आपके बच्चे हैं। हम तो स्वर्ग में होने चाहिए। फिर नर्क में क्यों पड़े हैं। |
08 | तुम जानते हो हम स्वर्ग में थे, अब फिर बाप आये हैं तो बाप से पूरा वर्सा लेना चाहिए ना। |
Sakar Murli - 04.05.2020 | |
01 | मीठे बच्चे - अपना स्वभाव बाप समान इज़ी बनाओ, तुम्हारे में कोई घमण्ड नहीं होना चाहिए, ज्ञान-युक्त बुद्धि हो, अभिमान न हो |
02 | यह भी जानते हैं, इनको यह खुशी है कि हम यह बनने वाले हैं। बच्चे जैसी चलन हो जाती है। बच्चों मिसल इज़ी रहते हैं। घमण्ड आदि कुछ नहीं। ज्ञान की बुद्धि है। जैसे इनकी है वही तुम बच्चों की होनी चाहिए। बाबा हमको पढ़ाने आये हैं, हम यह बनेंगे। तो तुम बच्चों को यह खुशी अन्दर में होनी चाहिए ना - हम यह शरीर छोड़ जाकर यह बनेंगे। |
03 | यह बेगर दुनिया ही खत्म होनी है। बच्चों को बहुत खुशी रहनी चाहिए। |
04 | बच्चों को बताना चाहिए हम बाप को कैसे याद करते हैं? |
05 | अभी तुम बच्चों को यह चिंता लग जानी चाहिए कि हमें तमोप्रधान से सतोप्रधान, पतित से पावन बनना है। |
06 | तुम सबकी यह एम ऑबजेक्ट है। खुशी क्यों नहीं होनी चाहिए। मनुष्य भल क्या भी बोलते रहें। तुम्हारी खुशी क्यों गुम हो जानी चाहिए। |
07 | बाप को याद ही नहीं करेंगे तो नर से नारायण कैसे बनेंगे। ऊंच बनना चाहिए ना। |
08 | तुम बच्चों की बुद्धि में रहना चाहिए कि सर्व का मुक्ति-जीवनमुक्ति दाता है ही एक बाप। |
09 | तुम 9 लाख होंगे। सो भी एबाउट कहा जाता है। सतयुग में और कितने होंगे। राजाई में कुछ तो आदमी चाहिए ना। |
Sakar Murli - 30.04.2020 | |
01 | बाप से कैसे चलना है, इसमें तो बड़ी मेहनत चाहिए। |
02 | बाप की सर्विस, बाप की याद कितनी चाहिए। |
03 | बाबा बच्चों के कल्याण के लिए कितना समझाते हैं। सब प्रकार की परहेज चाहिए। जांच करनी चाहिए - हमारा खान-पान ऐसा तो नहीं? लोभी तो नहीं हैं? |
Sakar Murli - 29.04.2020 | |
01 | माला में आने के लिए याद की यात्रा चाहिए। |
Sakar Murli - 28.04.2020 | |
01 | यहाँ जब बैठते हो तो बाहर के घरघाट, धन्धे-धोरी आदि के ख्यालात नहीं आने चाहिए। |
02 | दान किया तो फिर उनसे ममत्व मिटा देना चाहिए क्योंकि तुम जानते हो हम भविष्य 21 जन्म के लिए बाप से लेते हैं। |
03 | कोई को दिया, वह मर गया फिर कौन बैठ रिटर्न करते हैं। तो क्या करना चाहिए? भारत के 21 जन्मों के कल्याण लिए और फिर अपने 21 जन्मों के कल्याण के लिए उसमें लगा देना चाहिए। |
04 | सिर्फ तुम बच्चे भरतू हाथ अर्थात् धनवान हो जाते हो। इसमें समझने की बड़ी विशालबुद्धि चाहिए। |
05 | हमेशा अपने को देखना चाहिए, न कि दूसरों को। अपनी पढ़ाई नहीं छोड़नी चाहिए। |
06 | बहुत खुशी में रहो। भगवान पढ़ाते हैं बाकी क्या चाहिए। |
Sakar Murli - 27.04.2020 | |
01 | बच्चों को सच सुनाकर श्रीमत लेने की अक्ल होनी चाहिए। |
02 | इस यज्ञ में सारी दुनिया स्वाहा होनी है। इनके लिए यह सब तैयारियाँ चाहिए ना। बाम्ब्स निकले सो निकले फिर बन्द थोड़ेही हो सकते। थोड़े समय के अन्दर सबके पास ढेर हो जायेंगे क्योंकि विनाश तो फटाफट होना चाहिए ना। |
03 | यह बुद्धि में पक्का होना चाहिए कि हम आत्मा हैं। |
04 | यज्ञ से तो बड़े ऑनेस्ट चाहिए। |
05 | खान, पान, वातावरण कुछ सुधारा नहीं है। अभी तो बहुत टाइम चाहिए। |
06 | ऐसे ही अपने को सिर्फ खुश करना, वह तो चना चबाना है। इसमें बड़ी अन्तर्मुखता चाहिए। समझाने की भी युक्ति चाहिए। |
07 | कयामत के समय सबका हिसाब-किताब चुक्तू होता है ना, इसमें बड़ी विशालबुद्धि चाहिए। |
08 | बच्चों को लिखना चाहिए - दुनिया में प्योरिटी-पीस-प्रासपर्टी भगवान की श्रीमत पर स्थापन हो रही है। |
09 | माया नाक से पकड़ उल्टा काम कराती रहती है, छोड़ती ही नहीं। राजधानी में तो सब चाहिए ना। यह सब पिछाड़ी में साक्षात्कार होंगे। |
Sakar Murli - 25.04.2020 | |
01 | 8 हैं, फिर हैं 100, फिर हैं 16 हजार। तो कितना पुरुषार्थ करना चाहिए माला में पिरोने लिए। अन्तर्मुखी रहने का पुरुषार्थ करने से स्कॉलरशिप लेने के अधिकारी बन जायेंगे। |
02 | बाप के निश्चय बिगर और चित्रों तरफ बढ़ना ही नहीं चाहिए। |
03 | समझो दर्जी कपड़ा सिलाई करते हैं तो देखना चाहिए बाबा की याद में रहता हूँ। |
04 | अपने को देखें हम कितना समय याद में रहता हूँ। बाबा को रिजल्ट बतानी चाहिए। |
05 | दिन-प्रतिदिन अच्छी बातें समझाई जाती हैं। आपस में भी यही बातें करो। लायक भी बनना चाहिए ना। |
06 | पढ़ाई को तो अच्छी रीति धारण करना चाहिए ना। |
Sakar Murli - 24.04.2020 | |
01 | प्रदर्शनी में तो रिफाइन रीति समझाने वाले चाहिए। |
02 | अपने से पूछना चाहिए हम कितना पढ़ते हैं, भविष्य जन्म-जन्मान्तर क्या बनेंगे? जो जन्म-जन्मान्तर बनेंगे सो कल्प कल्पान्तर बनेंगे इसलिए पढ़ाई पर तो पूरा अटेन्शन देना चाहिए। |
03 | उनको कहा ही जाता है सुख-शान्ति का सागर। तो सुनाने लिए भी उनको शरीर चाहिए ना। |
04 | बाप आदि सनातन देवी-देवता धर्म की स्थापना कर रहे हैं। त्रिमूर्ति पर समझाना चाहिए। |
Sakar Murli - 23.04.2020 | |
01 | बाबा ने बहुत बार समझाया है, फिर भी समझाते हैं, जो आये उनको नई दुनिया और पुरानी दुनिया का फ़र्क दिखाना चाहिए। |
02 | जब कोई मित्र-सम्बन्धी आदि मिलते हैं तो उनको बैठ यह सुनाना चाहिए। |
03 | जास्ती कोई से न बोलना, मीठा बोलना, बहुत थोड़ा बोलना चाहिए क्योंकि तुम बच्चों को टॉकी से मूवी, मूवी से साइलेन्स में जाना है। तो टॉकी को बहुत कम करना चाहिए। |
04 | संन्यासी अथवा कोई भी हो तो उनको नई और पुरानी दुनिया का कान्ट्रास्ट बताना चाहिए। |
05 | बहुत धैर्य से बैठ समझाना चाहिए, हंगामा भी न हो। |
06 | प्रदर्शनी आदि में कोई भी आये तो उसे बड़े धैर्य से समझाना चाहिए। जैसे बाबा धीरज से समझा रहे हैं। बहुत ज़ोर से बोलना नहीं चाहिए। प्रदर्शनी में तो बहुत इकट्ठे हो जाते हैं ना। फिर कह देना चाहिए - आप कुछ टाइम देकर एकान्त में आकर समझेंगे तो आपको रचयिता और रचना का राज़ समझायेंगे। |
07 | याद में बैठना है ना। आंखें खोलने से डरना नहीं चाहिए। |
08 | आंखे कभी बन्द नहीं करनी चाहिए। आंखे बन्द हो जाती है तो कुछ दाल में काला होगा, और कोई को याद करते होंगे। |
09 | देह-अभिमान में बाप को भूलते हैं, फिर धक्के खाते रहते हैं और बहुत मीठा भी बनना चाहिए। |
10 | वातावरण भी मीठा हो, कोई आवाज़ नहीं। कोई भी आये तो देखे - बात कितनी मीठी करते हैं। बहुत साइलेन्स होनी चाहिए। |
11 | अपने को देखना चाहिए इस समय नापास हुए, कम पद पाया तो कल्प-कल्पान्तर कम पद हो जायेगा। |
12 | कैसे किसको समझाना चाहिए - वह भी बाबा समझाते रहते हैं। |
13 | याद की यात्रा भी जरूर चाहिए तब ही सतोप्रधान बनेंगे। |
14 | यह भी व्यापार है ना। घाटे में नहीं जाना चाहिए। दैवीगुण धारण करो। ऊंच बनना चाहिए। |
Sakar Murli - 22.04.2020 | |
01 | इस समय यह वही महाभारत लड़ाई है तो जरूर कृष्ण का समय होगा। जरूर वही हिस्ट्री-जॉग्राफी रिपीट होनी चाहिए। दिन-प्रतिदिन समझते जायेंगे। जरूर गीता का भगवान होना चाहिए। |
02 | समझना चाहिए यह माया का वार होता है इसलिए पुरुषार्थ कर बाप को याद करना है। बाकी रोना, पीटना वा बेहाल नहीं होना है। समझना चाहिए माया पादर (जूता) मारती है इसलिए पुरुषार्थ कर बाप को याद करना है। |
03 | जांच करते रहना चाहिए कि माया कैसे धक्का खिलाती है। |
04 | भगवान हमको पढ़ाते हैं, यह भूलना क्यों चाहिए। |
05 | आपेही शौक से भागना चाहिए। अभी तो बाबा को ताकीद करनी पड़ती है, (उमंग दिलाना पड़ता है) जाकर समझाओ। उसमें भी अच्छा समझा हुआ चाहिए। |
06 | तुम्हारी भी योग की तलवार बड़ी तीखी चाहिए। सर्विस का हुल्लास चाहिए। बहुतों का जाकर कल्याण करें। |
07 | ऐसे मीठे बाप को तो कितना याद करना चाहिए। |
08 | बाप को याद कर और फिर दूसरों को भी आपसमान बनाने का पुरुषार्थ करना है, इसमें दिलचस्पी बहुत अच्छी रखनी चाहिए। |
09 | सपूत बच्चों को तो आपेही ओना लगा रहेगा, छुट्टी लेकर भी सर्विस में लग जाना चाहिए। |
10 | याद ही मुख्य है, रचता और रचना के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान मिला, बाकी और क्या चाहिए। |
11 | बाप कहते हैं आधाकल्प घुटका खाया अब बाप मिला है, स्टूडेन्ट लाइफ है तो खुशी होनी चाहिए ना। |
12 | दिन में तो फुर्सत नहीं मिलती है इसलिए रात को समय निकालना चाहिए। |
13 | सर्विस में तो हड्डियाँ देनी चाहिए। ब्राह्मणों को आपस में क्षीरखण्ड होना चाहिए। लूनपानी नहीं होना चाहिए। |
14 | समय प्रमाण वायुमण्डल अशान्ति और हलचल का बढ़ता जा रहा है, ऐसे समय पर अचल अडोल रहने के लिए बुद्धि की लाइन बहुत क्लीयर होनी चाहिए। |
Sakar Murli - 21.04.2020 | |
01 | पतित से पावन बनने लिए ही बाप को बुलाते हैं। तो अपने से पूछना चाहिए हम पावन कहाँ तक बन रहे हैं? |
02 | तुम्हारे समझाने से झट समझ जायेंगे। समझाने की भी युक्ति चाहिए। |
03 | ऐसे यज्ञ में तो हड्डियाँ भी दे देनी चाहिए। |
04 | अपने को देखना चाहिए - इस चलन से हम ऊंच पद कैसे पायेंगे! |
05 | भक्त अपनी भक्ति में बहुत मस्त रहते हैं। तुमको फिर ज्ञान में मस्त रहना चाहिए। |
06 | तुम्हारा खान पान, बोल-चाल कितना रॉयल होना चाहिए। |
07 | दैवीगुण धारण करने हैं तो खान पान बड़ा शुद्ध और साधारण होना चाहिए। |
08 | अपने को देखना चाहिए कहाँ तक हम सर्विस करते हैं? |
09 | देखो कुमारका है, वह सीनियर है तो रिगार्ड रखना चाहिए। |
10 | बड़ी खबरदारी चाहिए। नम्बरवार किसका रिगार्ड कैसे रखना चाहिए, बाबा तो हर एक को जानते हैं ना। |
11 | बहुत मीठा बनना है। दैवीगुण भी होने चाहिए। |
12 | पुरानी दुनिया से वैराग्य होना चाहिए, बुद्धियोग शान्तिधाम-सुखधाम में रहे। |