ये नयन हमारे निहारें... |
17.03.1991 "...जिससे प्यार होता है, वो जो चाहता है, वही किया जाता है। बाप से तो प्यार है ना? तो करो।
जब यह याद रहेगा कि बाप मेरे से यही चाहता है तो स्वत: ही शक्तिशाली हो जायेंगे और मायाजीत बन जायेगे।..."
10.04.1991 "...एक स्लोगन तो सभी को पक्का हो गया है ‘‘चाहते तो नहीं थे, लेकिन हो गया...।'' जब आप नहीं चाहते तो और कौन चाहता?
जो कहते हो, हो गया! और कोई आत्मा है! होना नहीं चाहिए, लेकिन होता है यह कौन बोलता है? और कोई आत्मा बोलती है, कि आप बोलते हो? तो तपस्या इन बातों के कारण सिद्ध नहीं कर सकेंगे।
जो होना नहीं चाहिए, जो करने नहीं चाहते वह न होना ही, न करना ही पुण्य आत्मा की निशानी है।
बापदादा के पास रोज बच्चों की अनेक ऐसी कहानियाँ आती हैं। ..."
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Full Digital Album on this topic " चाहता-चाहते " will be published soon |