1.01 | याद में ... याद में ही गुप्त कमाई है। याद से पाप कट जाते हैं। आत्मा हल्की हो जाती है, आयु बड़ी हो जाती है।
1.02 | सतयुग में ... तुमको तो गैरन्टी मिलती है कि सतयुग में ऐसे अचानक कभी मरेंगे नहीं।
1.03 | हमारे में ... अपने से पूछना है हमारे में कोई अवगुण तो नहीं है?
1.04 | इस जन्म में ... इस जन्म में जो सुधारेंगे तो वह सुधार 21 जन्मों तक चलना है।
1.05 | ब्रह्मचर्य में ... कोई-कोई अच्छे बच्चे होते हैं, कहते हैं हम ब्रह्मचर्य में रहेंगे।
1.06 | दुनिया में ... पवित्र और अपवित्र, दुनिया में अपवित्र तो बहुत रहते हैं। पाखाने में जाना भी अपवित्र बनना है इसलिए फौरन स्नान करना चाहिए।
1.07 | हमारे में ... अपनी सम्भाल करनी है। हमारे में क्या-क्या अवगुण हैं वह निकालने हैं।
1.08 | आखरीन में ... आसुरी रावण सम्प्रदाय तुमको पहचानते ही नहीं हैं कि आखरीन में यह हैं कौन?
1.09 | रीयल्टी में ... यह बी.के. क्या समझाते हैं? रीयल्टी में कोई नहीं जानते। यह बी.के. क्यों कहलाते हैं? ब्रह्मा किसकी सन्तान है?
1.10 | मन्दिर में ... शिव के मन्दिर में जाकर पूजा करते, तुम पूछो इनका आक्यूपेशन बताओ?
1.11 | भक्ति में ... भक्ति में कितनी भूलें करते हैं। फिर भी भक्ति से कितना प्यार है।
1.12 | कोई मनुष्य में ... सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान भी सुनाते हैं। यह ज्ञान और कोई मनुष्य में हो न सके। कोई सिखला न सके।
1.13 | दुनिया में ... दुनिया में मनुष्य कितने तमोप्रधान बुद्धि हैं।
1.14 | इस रथ में ... भगवान् बाप आते कैसे हैं - यह भी तुम अब समझते हो। इस रथ में आये हैं। ब्रह्मा के थ्रू सुनाते हैं।
1.15 | परिवार में ... ब्रह्मा के थ्रू सुनाते हैं। जो फिर तुम धारण कर औरों को सुनाते हो तो दिल होती है डायरेक्ट सुनें। बाप के परिवार में जायें। यहाँ बाप भी है, माँ भी है, बच्चे भी हैं। परिवार में आ जाते हैं।
1.16 | इस परिवार में ... यहाँ रहते भी हैं ब्राह्मण। तो इस परिवार में आकर बैठते हो। घर में जायेंगे तो फिर ऐसा परिवार नहीं होगा।
1.17 | फूल में ... खुशबूदार फूल बनना है। फूल में खुशबू होती है। सब उठाकर खुशबू लेते हैं।
1.18 | घर गृहस्थ में ... घर गृहस्थ में रहते एक बाप को याद करना है।
1.19 | बाप की याद में ... घूमते फिरते भी बाप की याद में रहो तो तुमको कभी थकावट नहीं होगी। बाप की याद में अशरीरी हो कितना भी चक्र लगाओ, भल यहाँ से नीचे आबूरोड तक चले जाओ तो भी थकावट नहीं होगी।
1.20 | सिर्फ त्रेता में ... अभी तुम पुरूषार्थ कर रहे हो रामराज्य में जाने के लिये। सतयुग है राम राज्य। सिर्फ त्रेता में रामराज्य कहें तो फिर सूर्यवंशी लक्ष्मी-नारायण का राज्य कहाँ गया?
1.21 | लड़ाई के मैदान में ... कहते हैं बाबा रक्षा करो। वाह, लड़ाई के मैदान मे ढेर मरते हैं फिर रक्षा की जाती है क्या! यह माया की गोली बन्दूक की गोली से भी बहुत कड़ी है। काम की चोट खाई गोया ऊपर से गिरे।
1.22 | सतयुग में ... सतयुग में सब पवित्र गृहस्थ धर्म वाले होते हैं जिनको देवता कहा जाता है। |